Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/796/2019

VIDHYA SINGH - Complainant(s)

Versus

NEW INDIA INSURANCE - Opp.Party(s)

NARESH SINGH

21 Jan 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/796/2019
( Date of Filing : 23 Jul 2019 )
 
1. VIDHYA SINGH
aantgadhi saura tehsil malihabad
lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. NEW INDIA INSURANCE
6 floor l.i.c bhawan naval kishore road hazratganj
LUCKNOW
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ARVIND KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 21 Jan 2020
Final Order / Judgement
                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ।
                            परिवाद संख्याः-796/2019
उपस्थितः-श्री अरविन्द कुमार,  अध्यक्ष।
    श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य। 
 
      परिवाद प्रस्तुत करने की तारीखः-23.07.2019
परिवाद के फैसले की तारीखः-21.01.2020
 
श्रीमती विद्या सिंह उम्र लगभग 60 वर्ष पत्नी स्व0 सुरेन्द्र सिंह, निवासिनी-ग्राम-आॅटगढ़ी सौरा, तहसील-मलिहाबाद, जिला-लखनऊ, उ0प्र0।
                                               ..............परिवादिनी।                                                                                               
                          बनाम
 
1-दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लि0 द्वारा वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक, 6वाॅं तल जीवन भवन, नवल किशोर रोड, हजरतगंज, लखनऊ-226001 ।
2-उ0प्र0 सरकार द्वारा अपर मुख्य सचिव राजस्व उ0प्र0 शासन, लखनऊ उ0प्र0।
3-श्रीमान जिलाधिकारी, जनपद-लखनऊ (उ0प्र0)।
4-सन्तोष उम्र लगभग 43 वर्ष पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिंह।
5-आशुतोष उम्र लगभग 40 वर्ष पुत्र स्व0 सुरेन्द्र सिंह।
विपक्षी संख्या-04 व 05 निवासीगण ग्राम-आॅटगढ़ी सौरा, तहसील   मलिहाबाद जिला-लखनऊ, उ0प्र0।
                                                             ...........विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
                                        
                            निर्णय
                       
परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षी संख्या-01 बीमा कम्पनी से मुबलिग-5,00,000/-मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ, अवैधानिक रूप से परिवादिनी का बीमा दावा निरस्त करने के कारण अनुबन्ध के अनुसार पैनाल्टी दिलाये जाने, वाद व्यय के रूप में 25,000/-रूपये तथा मानसिक क्लेश के लिये 25,000/-रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवादिनी के कथन इस प्रकार हैं कि वे परिवादिनी एवं विपक्षी संख्या-04 व 05 मृतक सुरेन्द्र सिंह के विधिक उत्तराधिकारी हैं। परिवादिनी के पति एवं विपक्षी संख्या-04 व 05 के पिता सुरेन्द्र सिंह की मृत्यु दिनाॅंक-02.09.2018 को सांड के मारने से आयी गंभीर चोटों के कारण हो गयी। मृतक सुरेन्द्र सिंह कृषक थे, तथा परिवार के मुखिया और रोटी अर्जक थे।  विपक्षी संख्या-01 एवं 02 के मध्य हुए अनुबन्ध पत्र की शर्तों के अनुसार वे 5,00,000/-रूपये के लिये बीमित थे। सुरेन्द्र सिंह की मृत्यु के पश्चात् निर्धारित समयावधि के अन्तर्गत सभी कागजात संलग्न करते हुए विपक्षी संख्या-03 के माध्यम से विपक्षी संख्या-01 को प्रेषित किया था। परन्तु विपक्षी संख्या-01 ने परिवादिनी एवं विपक्षी संख्या-04 व 05 के बीमा दावे को सरसरी तौर पर अवैधानिक रूप से दिनाॅंक-07.12.2018 को यह कहकर खारिज कर दिया कि मृत्यु के समय मृतक पात्रता की श्रेणी में नहीं आया था। जबकि मृत्यु के समय मृतक की आयु पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार 65 वर्ष, मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड के अनुसार 69 वर्ष की थी, जो विपक्षी संख्या-01 द्वारा सेवा में कमी और लापरवाही है। वाद का कारण दिनाॅंक-07.12.2018 को उत्पन्न हुआ, जब उन्होंने परिवादिनी के दावे को खारिज किया।
परिवादिनी ने शपथ पर अपना साक्ष्य दाखिल किया है।
परिवादिनी ने सरकार एवं बीमा कम्पनी के बीच हुए अनुबन्ध की छायाप्रति दाखिल किया है। पाॅलिसी, दावा प्रपत्र, खतौनी, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, वोटर लिस्ट एवं वोटर आई डी, दावाखारिजी रिपोर्ट, जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट एवं टी0सी0 की छायाप्रतियाॅं दाखिल किया है, जिनको वे अपने दावा पत्र के साथ भी संलग्न किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की उम्र पोस्टमार्टम के दिन करीब 65 वर्ष की थी। वोटर आई डी व टी0सी0 के अनुसार मृतक की उम्र 69 वर्ष एवं पहचान पत्र के अनुसार  करीब 68 वर्ष की थी। टी0सी0 के अनुसार 68 वर्ष थी। मृतक का दावा सिर्फ इसी आधार पर अस्वीकार किया गया है कि मृतक की आयु मृत्यु के समय 70 वर्ष से अधिक पायी गयी है, लेकिन उन्होंने आदेश में यह नहीं लिखा है कि किस साक्ष्य के आधार पर मृतक की आयु पात्रता की श्रेणी में नहीं थी। पाॅलिसी की शर्तों के अनुसार यदि मृतक कृषक एवं घर का मुख्यिा हो तथा उसकी मृत्यु 18 से 70 वर्ष के बीच आकस्मिक दुघर्टना से हुई हो तब वह 5,00,000/-रूपये बीमा राशि पाने का अधिकारी होगा।  मृतक ऐसी परिस्थिति में फोरम यह पाता है कि मृतक की आयु जिसे पोस्टमार्टम में 65 वर्ष पाया गया था उससे 2-3 वर्ष ज्यादा या कम हो सकती है। परन्तु वह किसी भी हालत में 70 वर्ष का नहीं रहा होगा। पोस्टमार्टम चिकित्सक द्वारा किया जाता है, और वे मृतक की आयु मृत्यु के समय 65 वर्ष पायी गयी थी। उसे एक विशेषज्ञ राय भी मांनी जा सकती है। ऐसी  परिस्थिति में विपक्षी संख्या-01 ने परिवादिनी का दावा अस्वीकार कर सेवा में कमी की है। परिवादिनी का दावा आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
                                     आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-01 को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी एवं विपक्षी संख्या-04 व 05 को बीमा राशि मुबलिग-5,00,000/-रूपये मय 09 प्रतिशत ब्याज के साथ 45 दिनों के अन्दर अदा करेंगें जो मृतक की मृत्यु की तिथि से भुगतेय होगा। विपक्षी संख्या-01 वाद व्यय के रूप में मुबलिग-10,000/-एवं मानसिक क्लेष के लिये मुबलिग-15,000/-रूपये शर्तों के अनुसार दावा खारिज के दिन से प्रति सप्ताह मुबलिग-1,000/-(एक हजार रूपया मात्र) की दर से अदा करेंगें। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं होता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा। सम्पूर्ण राशि में परिवादिनी व विपक्षी संख्या-04 एवं 05 का हिस्सा एक तिहाई/एक तिहाई होगा।
 
   (स्नेह त्रिपाठी)                                  (अरविन्द कुमार)
         सदस्य                                           अध्यक्ष
                                          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, 
                                            प्रथम लखनऊ।                                                                 
 
 
 
 
 
 
[HON'BLE MR. ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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