Uttar Pradesh

Faizabad

CC/80/09

SHASHI NATH TIWARI - Complainant(s)

Versus

NEW INDIA INSURANCE - Opp.Party(s)

03 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/80/09
 
1. SHASHI NATH TIWARI
RES- SONPUR SHADATGANJ PAR. HAWELI AVADH TEH DIS FZD
...........Complainant(s)
Versus
1. NEW INDIA INSURANCE
RIKABGANJ PAR. HAWELI AVADH TEH &DIS FZD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 


उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

 

              परिवाद सं0-80/2009

 

शशिनाथ त्रिपाठी पुत्र श्री राम नबल निवासी मो0 तोगपुर सहादतगंज परगना हवेली अवध तहसील व जिला फैजाबाद                               ............परिवादी                        
                    बनाम


1-    दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड कार्यालय स्थित मोहल्ला रिकाबगंज परगना हवेली अवध तहसील व जिला फैजाबाद द्वारा प्रबन्धक।
2-    दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी प्रधान कार्यालय स्थित दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स बिल्डिंग 67 महात्मा गाॅंधी रोड फोर्ट बाम्बे द्वारा महाप्रबन्धक      ........... विपक्षीगण

निर्णय दिनाॅंक 03.06.2015    


                    
                        निर्णय 

    उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध वाहन में दुर्घटना के कारण हुई क्षति में व्यय मु0 धनराशि 1,00,000=00 की माॅंग की है।
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है, कि परिवादी वाहन सं0-यू0पी0 42सी0 1379 का पंजीकृत स्वामी है और इसके पूर्व भी पंजीकृत स्वामी था। परिवादी का उक्त वाहन विपक्षी सं0-1 द्वारा कवर नोट पाॅलिसी सं0-331527 द्वारा बीमित किया गया था, जो दि0 07.1.99 तक वैध था। वाहन दि0 02.12.98 ग्राम शेखपुर थाना कोतवाली जिला  उन्नाव  में  हुई दुर्घटना के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी 

                    (  2  )
सूचना परिवादी के द्वारा दि0 03.12.98 को विपक्षी को दी गयी। विपक्षी द्वारा अधिकृत निरीक्षणकर्ता द्वारा दि0 18.12.98 को घटना स्थल का निरीक्षण किया गया और प्रश्नगत वाहन में हुई क्षति का आंकलन करते हुए अपनी रिपोर्ट विपक्षी सं0-1 को निरीक्षणकर्ता द्वारा दी गयी। परिवादी द्वारा वाॅंछित सारी औपचारिकताओं को पूरी करने के उपरान्त् विपक्षी सं0-1 द्वारा न तो आज तक क्षतिपूर्ति दी गयी और न ही परिवादी की याचना पर ध्यान दिया गया।
विपक्षीगण ने अपने जवाबदावे में परिवादी के केस को इन्कार किया और कहा कि परिवादी का वाहन वर्ष 1998-99 में दि0 03.12.98 को दुर्घटना के सम्बन्ध में दुर्घटना धनराशि की माॅंग की सूचना नहीं की गयी। दुर्घटना होने के सम्बन्ध में स्वीकार किया है तथा सक्षम सर्वेयर को हानि के सम्बन्ध में सर्वेयर नियुक्त किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर दिया है। परिवादी स्वयं विपक्षीगण का सहयोग नहीं किया और अपने कैश मेमो तथा रसीदों को प्रेषित नहीं किया।
परिवादी ने अपने परिवाद के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट करने के सम्बन्ध में सूचना जो विपक्षीगण को दिया, उसकी कार्बन प्रति प्रेषित किया है तथा ड््राइवर का ड््राइविंग लाइसेन्स प्रेषित किया है। पंजीयन प्रमाण-पत्र की छायाप्रति प्रेषित किया है तथा रूट परमिट परिवहन निगम में टैक्स की अदायगी आदि के सम्बन्ध में छायाप्रति प्रेषित किया है। सर्वेयर की रिपोर्ट प्रेषित किया है। चूॅंकि 16ख से 10 किता ट््रक के मरम्मत कराने के सम्बन्ध में बिल प्रेषित किये हैं यह बिल मु0 1,11,750=00 के हैं। विपक्षीगण की ओर से सर्वेयर की रिपोर्ट अपने साक्ष्य शपथ-पत्र 9/1 ता 9/17 प्रेषित किया है। परिवादी की ओर से अपने साक्ष्य में शशिनाथ त्रिपाठी परिवादी का शपथ-पत्र, प्रेम कुमार सिंह तथा पवन कुमार मिश्र का शपथ-पत्र साक्ष्य में प्रेषित किया गया है।
मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। विपक्षी को वाहन सं0-यू0पी0 42सी0 1379 का दुर्घटना होना स्वीकार है। विपक्षी का केवल इतना आरोप है कि परिवादी ने सहयोग नही किया और मरम्मत से सम्बन्धित बिल के कागजात उपलब्ध नहीं कराये, जबकि परिवादी ने अपने साक्ष्य में कहा ह,ै कि समस्त कागजात विपक्षी को उपलब्ध कराये थे, लेकिन सर्वेयर ने उसको ठीक से अवलोकन नहीं किया और गलत तरीके से परिवादी को परेशान करने की नीयत से दुर्घटना धनराशि की अदायगी नहीं किया। परिवादी द्वारा अपने साक्ष्य में दाखिल सूची 16ख से 9 किता असल  रसीदें तथा 1 छायाप्रति प्रेषित किया है जो वाहन सं0-यू0पी0 42सी0 1379 के 

                    (  3  )
मरम्मत के सम्बन्ध में है। इस प्रकार परिवादी का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ और उसके मरम्मत में मु0 1,11,750=00 खर्चा हुए हैं, जबकि परिवादी ने केवल मु0 1,00,000=00 की माॅंग किया है। दस्तावेजी साक्ष्य व मौखिक साक्ष्य से परिवादी अपना परिवाद साबित करने में पूर्णतया सफल रहा है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किये जाने योग्य है।

                आदेश

परिवादी का परिवाद अंशतः स्वीकार तथा अंशतः खारिज किया जाता है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है, कि परिवादी को निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर मु0 1,00,000=00 दुर्घटना के कारण हुई क्षति के व्यय का तथा मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति के रूप में मु0 5,000=00 तथा वाद व्यय के रूप में मु0 1,000=00 अदा करें। यदि उक्त दिये गये समय के अन्दर विपक्षीगण उक्त धनराशि नहीं अदा करते हैं, तो परिवादी मु0 1,00,000=00 की धनराशि पर 12 प्रतिशत सालाना साधारण की दर से ब्याज परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से तारोज वसूली करने का अधिकारी होगा। 

(विष्णु उपाध्याय)           (माया देवी शाक्य)            ( चन्द्र पाल )            
                सदस्य                   सदस्या                    अध्यक्ष    
            
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
               सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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