Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/317/2015

jagroop prasad - Complainant(s)

Versus

NEW INDIA ASSURENCE - Opp.Party(s)

04 Mar 2017

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/317/2015
 
1. jagroop prasad
BARRA 7
kanpur nagar
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. NEW INDIA ASSURENCE
CIVIL LINES
kanpur nagar
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Sudha Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 04 Mar 2017
Final Order / Judgement

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    सुधा यादव.....................................................सदस्या
    

उपभोक्ता वाद संख्या-317/2015
जगरूप प्रसाद साहू पुत्र स्व0 सुखदेव प्रसाद साहू निवासी मकान नं0-676 बी बर्रा-7, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    षाखा प्रबन्धक, न्यू इण्डिया इंष्योरेन्स कंपनी लि0 15/60, ग्रीन हाउस सिविल लाइन्स कानपुर नगर।
2.    षाखा कार्यालय ट्रांसपोर्ट नगर, 133/242 टी0पी0 नगर, कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 26.06.2015
निर्णय तिथिः 04.03.2017

डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से बीमा क्लेम राषि रू0 750000.00, मानसिक व षारीरिक क्षति हेतु रू0 20000.00 तथा आर्थिक क्षति व दौड़- भाग व मुकद्मा खर्चा हुत रू0 10000.00 दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ट्रक सं0-यू0पी0-78 बी.एन.-8013 का पंजीकृत स्वामी है, जो विपक्षी सं0-2 से बीमा पॉलिसी सं0-42220031140100003057 के द्वारा दिनांक 06.06.14 से 05.06.14 तक बीमित था। उक्त वाहन की आय से परिवादी व उसके परिवार का गुजर बसर होता था। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 21.06.14 को स्वेच्छा स्वीट हाउस सतबरी रोड कानपुर नगर से जब परिवादी ट्रक को खड़ा करके खाने खाने चला गया था, उसी समय चोरी हो गया। परिवादी ने उक्त वाहन की काफी तलाष की। उक्त वाहन न मिलने पर परिवादी ने चोरी की एफ0आई0आर.  थाना  चकेरी में 
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दर्ज करायी, जिसका मुकद्मा अपराध सं0-623/14 धारा-379 आई.पी.सी. है। सम्बन्धित थाने के पुलिस कर्मचारियों द्वारा उक्त वाहन की काफी खोजबीन की गयी। परन्तु उक्त वाहन का कोई पता नहीं चला। तत्पष्चात मुकद्मा उपरोक्त के विवेचनाधिकारी द्वारा अपनी अंतिम आख्या सम्बन्धित न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गयी। जिसका एफ0आर0 सं0-275/2014 है। जिसे सम्बन्धित न्यायालय ने दिनांक 25.11.14 को प्रस्तुत किया। जो मा0 न्यायालय द्वारा 06.12.14 को स्वीकार कर ली गयी। परिवादी द्वारा संपूर्ण औपचारिकतायें पूर्ण करने के पष्चात विपक्षीगण के कार्यालय गया तो परिवादी को बीमा क्लेम देने से मना कर दिया और इस बात का आरोप भी लगाया गया कि परिवादी के ड्राईवर ने वाहन की चाभी वाहन में छोड़कर चला गया। जबकि उक्त वाहन से सम्बन्धित चाभी परिवादी के पास आज भी मौजूद है। उक्त वाहन से सम्बन्धित मूल कागजात भी वाहन में भी रखे थे, जो वाहन के साथ ही चोरी चले गये। विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा में कमी को दर्षाता है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को जरिये अधिवक्ता नोटिस भी भेजा, लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी को क्लेम राषि का भुगतान न होने से परिवादी को आर्थिक क्षति हो रही है तथा उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुॅच गया है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि विपक्षीगण को अभिकथित घटना की सूचना मिलने पर विपक्षी कंपनी द्वारा घटना की जांच हेतु अन्वेशक श्री दीपचन्द्र कुकरेती को नियुक्त किया गया। अन्वेशक ने घटना की वृहत रूप से जांच करके अपनी आख्या बीमा कंपनी में दी। अन्वेशक की आख्या के अनुसार परिवादी के प्रष्नगत वाहन के चालक राकेष कुमार यादव ने पनकी में माल उतारकर ट्रक के कंडक्टर को पनकी में ही छोड़ दिया और उसे घर जाने के लिए कह दिया। चालक 
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स्वयं उक्त ट्रक को लेकर अपने घर के पास आया और चालक ने उक्त ट्रक समय लगभग 11 बजे रात्रि में सतबरी रोड पर स्वेच्छा स्वीट हाउस के पास अंतर्गत थाना चकेरी कानपुर नगर में ट्रक बिना लॉक किये व बिना किसी व्यक्ति की निगरानी के सड़क के किनारे सूनसान जगह पर खड़ा कर दिया और अपने घर खाना खाने चला गया। लगभग एक घंटे बाद अर्थात 12 बजे रात्रि जब वह खाना खाकर लौटा तो देखा कि ट्रक उक्त स्थान पर मौजूद नहीं है। इसके बाद भी उक्त ट्रक चालक ने घटना के लगभग 6 घंटे बाद अर्थात 22.06.14 को सुबह 6 बजे पुलिस कंन्ट्रोल रूम 100 नम्बर पर ट्रक चोरी होने की सूचना दी। इस प्रकार उक्त ट्रक के चालक ने ट्रक की सुरक्षा हेतु घोर लापरवाही की है। ट्रक चालक की घोर लापरवाही के द्वारा ट्रक में चाभी लगी छोड़ देने के कारण ही उक्त ट्रक चोरी हो गया। इस प्रकार परिवादी द्वारा बीमा षर्तों का पूर्णतया उल्लंघन किया गया है। अतः बीमा पॉलिसी की षर्तों के उल्लंघन के कारण परिवादी कोई भी क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी के कथनानुसार उक्त ट्रक दिनांक 21.06.14 को चोरी गया। परन्तु परिवादी ने चोरी होने की एफ.आई.आर. घटना के 7 दिन बाद अर्थात 28.06.14 को थाना चकेरी में दर्ज करायी है। परिवादी द्वारा घटना की सूचना इतनी देरी से दर्ज कराना बीमा पॉलिसी की षर्तों का उल्लंघन है। परिवादी ने उक्त ट्रक के कागजात जैसे आर0सी0, परमिट, फिटनेस व ट्रक चालक राकेष कुमार यादव के डी0एल0 की प्रति विपक्षी बीमा कंपनी में नहीं दिये गये, जो परिवादी की लापरवाही का द्योतक है। परिवादी एक बड़ा ट्रांसपोर्टर है तथा उसकी साहू ट्रांसपोर्टर कंपनी कानपुर में हैं। परिवादी के पास 6 ट्रक है। उक्त ट्रकों से परिवादी अच्छी आमदनी करता है। ऐसी स्थिति में परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में न आने के कारण उक्त वाद चलने योग्य नहीं है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी का उक्त ट्रक चोरी होने का क्लेम परिवादी/उसके चालक द्वारा ट्रक की सुरक्षा के प्रति की गयी घोर लापरवाही के कारण बीमा षर्तों के उल्लंघन के कारण श्।े लवनत ंहमदज ;कतपअमतद्ध ींक समजि जीम अमीपबसम नद ंजजमदकमक ूपजी जीम ामले वि जीम अमीपबसम 
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पदेपकम जीम जतनबाश् के आधार पर रिपूडिएट कर दिया गया था। जिसकी सूचना बीमा कंपनी द्वारा अपने पत्र दिनांकित 25.12.14 के द्वारा परिवादी को दे दी गयी थी। अतः उपरोक्त कारणों से परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 11.06.15 एवं 14.03.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्न कागज सं0-4/2 लगायत् 4/19 दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में सुभाश कुमार बोदरा, मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 16.10.15 व 3.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-12/1 लगायत् 12/7 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रष्नगत ट्रक की चोरी से सम्बन्धित एफ.आई.आर., अंतिम आख्या, ट्रक के पंजीकरण अथवा बीमा होने पर कोई विवाद नहीं है। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के साथ तथ्यों को साबित करने से सम्बन्धित उपरोक्त प्रस्तर-4 में उल्लिखित प्रलेखीय साक्ष्य व षपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं।
8.    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी द्वारा परिवादी के ड्राईवर के द्वारा लापरवाही बरतने के कारण प्रष्नगत ट्रक की चोरी हुई है, यादि हां तो प्रभाव?
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9.    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षीगण की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि विपक्षी बीमा कंपनी के अन्वेशक द्वारा अन्वेशणोपरान्त कंपनी को यह रिपोर्ट दी गयी कि प्रष्नगत वाहन के चालक राकेष कुमार यादव ने पनकी में माल उतारकर ट्रक के कंडेक्टर को पनकी में ही छोड़ दिया और उसे घर जाने के लिए कह दिया। चालक स्वयं उक्त ट्रक को लेकर अपने घर के पास आया और चालक ने उक्त ट्रक समय लगभग 11 बजे रात्रि में सतबरी रोड पर स्वेच्छा स्वीट हाउस के पास अंतर्गत थाना चकेरी कानपुर नगर में ट्रक बिना लॉक किये व बिना किसी व्यक्ति की निगरानी के सड़क के किनारे सूनसान जगह पर खड़ा कर दिया और अपने घर खाना खाने चला गया। लगभग एक घंटे बाद अर्थात 12 बजे रात्रि जब वह खाना खाकर लौटा तो देखा कि ट्रक उक्त स्थान पर मौजूद नहीं है। इसके बाद ट्रक चालक ने घटना के लगभग 6 घंटे बाद अर्थात 22.06.14 को सुबह 6 बजे पुलिस कंन्ट्रोल रूम 100 नम्बर पर ट्रक चोरी होने की सूचना दी। घटना की एफ.आई.आर. घटना के 7 दिन बाद अर्थात 28.06.14 को थाना चकेरी में दर्ज करायी गयी है। इस प्रकार परिवादी की ओर से बीमा षर्तों का उल्लंघन किया गया है। परिवादी के पास 6 ट्रक है। परिवादी साहू ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रांसपोर्टर का कार्य करता है। अतः परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में न आने के कारण परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी के ड्राईवर ने वाहन की चाभी वाहन में लगी नहीं छोड़ी थी। उक्त वाहन से सम्बन्धित चाभी आज भी मौजूद है। परिवादी/परिवादी के चालक द्वारा ट्रक की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है।
10.    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा लापरवाही के सम्बन्ध में षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य अपने  कथन को सिद्ध 
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करने के लिए नहीं प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी की ओर से अपने कथन के समर्थन में षपथपत्रीय साक्ष्य के अतिरिक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। जिससे यह स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा घटना की रिपोर्ट घटना के 7 दिन बाद दर्ज करायी गयी है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत थाने में तहरीर भी 7 दिन विलम्ब से दी गयी है। विपक्षीगण की ओर से अपने प्रति षपथपत्र में अपने जवाब दावा में किये गये कथन की पुश्टि करते हुए भी कहा गया है कि ट्रक चालक ने घटना के 6 घंटे बाद सुबह 6 बजे 100 नम्बर पर पुलिस को सूचना दी तथा ट्रक मालिक को 6 बजे सूचना दी। इस प्रकार ट्रक चालक द्वारा ट्रक की सुरक्षा में लापरवाही बरती गयी है। चालक की लापरवाही के कारण ही ट्रक चोरी गया है। वाहन स्वामी ने ट्रक की चोरी की घटना के 7 दिन बाद रिपोर्ट थाना चकेरी में दर्ज कराया है। इस प्रकार परिवादी ट्रक चालक ने बीमा पॉलिसी की षर्तों का पूर्णतया उल्लंघन किया है। इस आधार पर परिवाद खारिज किया जाना चाहिए। विपक्षीगण की ओर से अपने कथन के समर्थन में अन्वेशक की रिपोर्ट कागज सं0-12/2 लगायत् 12/3 तथा प्रष्नगत ट्रक के स्वामी जगरूप प्रसाद साहू के बयान कागज सं0-12/4 लगायत् 12/6 की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। जिससे विपक्षीगण के कथन को बल प्राप्त होता है। 
    जहां तक विपक्षीगण का यह तर्क है कि परिवादी ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक व प्रष्नगत ट्रक को अपने व्यवसाय के लिए प्रयोग करता था। इसलिए परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। इस सम्बन्ध में फोरम का यह मत है कि चूॅकि परिवादी द्वारा बीमा धनराषि क्लेम की गयी है। इसलिए विपक्षीगण का यह तर्क स्वीकार किये जाने योग्य नही है।
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर विषेशतः प्रस्तर-9 तथा प्रस्तर-10 के प्रथम प्रस्तर में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि स्वयं परिवादी/ परिवादी के चालक द्वारा प्रष्नगत ट्रक की सुरक्षा के सम्बन्ध में लापरवाही बरतना, विपक्षीगण के द्वारा  साबित किया जा चुका है।  बीमित 
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वस्तु/ट्रक की समुचित सुरक्षा न देने से बीमा षर्तों का उल्लंघन होता है। बीमा पॉलिसी, बीमा अधिनियम के अंतर्गत एक जन-कल्याणकारी विष्वास पर आधारित संविदा, पक्षकारों के मध्य होती है। चूॅकि प्रस्तुत मामले में विपक्षीगण द्वारा प्रष्नगत ट्रक के खो जाने में स्वयं परिवादी/परिवादी के चालक, की लापरवाही सिद्ध की जा चुकी है। अतः ऐसी दषा में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
11.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।

  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Sudha Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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