Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/257/2020

NAINA DEVI - Complainant(s)

Versus

NEW INDIA ASSURANCE - Opp.Party(s)

26 Aug 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/257/2020
( Date of Filing : 04 Mar 2020 )
 
1. NAINA DEVI
D-98 SEC-D SOUTH CITY RAIBARELI ROAD
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. NEW INDIA ASSURANCE
1 FLOOR UDITI BHAWAN NEAR POLYTECHNIC CHAURAHA
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Aug 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:- 257/2020                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-04.03.2020

परिवाद के निर्णय की तारीख:-26.08.2023

श्रीमती मैना देवी पुत्री श्री देवशरण प्रसाद निवासी-डी-98, सेक्‍टर-डी साउथ सिटी, रायबरेली रोड, लखनऊ।                              ..............परिवादिनी।

 

                                                      VERSUS

 

1.      The New India Assurance Company Ltd. Branch Office Jaunpur, 1st Floor, Uditi Bhawan, Near Polytechnic Chauraha, Jaunpur-222002. Through its Branch Manager.

 

2-      The New India Assurance Company Ltd Vidhi Prakosth 94, Mahatma Gandhi Marg, Opposite Raj Bhawan, Lucknow. Through its Manager.

                                                                                            ..........Respondents.

परिवादिनी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री सुबीर सरकार।

विपक्षीगण के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री जफर अजीज।

आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

 

1.  परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अन्‍तर्गत इस आशय से दाखिल किया गया है कि विपक्षीगण से परिवादिनी की चोरी हुई बोलेरो की बीमित धनराशि 2,80,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्‍याज तथा मानसिक व शारीरिक शोषण/उत्‍पीड़न के लिये 1,00,000.00 रूपये तथा वाद व्‍यय के लिये 11,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.  संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने महिन्‍द्रा बोलेरो पंजीकरण नम्‍बर-UP62 Z 1905  की पंजीकृत स्‍वामिनी है। परिवादिनी ने अपने उक्‍त वाहन का बीमा विपक्षी संख्‍या 01 से कराया था और विपक्षी द्वारा परिवादिनी के उक्‍त वाहन का मूल्‍य (इन्‍श्‍योर्ड डिक्‍लेयर्ड वैल्‍यू) 2,80,000.00 रूपये घोषित किया गया था। बीमे की वैधता 07.06.2016 से 06.06.2017 तक थी। विपक्षीगण द्वारा परिवादी से इसका प्रीमियम 9558.00 रूपये काटा गया। पंजीकरण प्रमाण पत्र तथा विपक्षी द्वारा जारी पालिसी संख्‍या 42080631160100001277 है।

3.  परिवा‍दिनी का उपरोक्‍त वाहन दिनॉंक 02.06.2017 को रात्रि लगभग 10.30 बजे मल्‍टी एक्टिविटी सेन्‍टर, सेक्‍टर-जी, आशियाना, लखनऊ से चोरी हो गया जिसकी सूचना उसी समय पुलिस को 100 नम्‍बर पर दी गयी एवं दिनॉंक 03.06.2017 को संबंधित थाना आशियाना को दी गयी एवं विपक्षी को दिनॉंक 05.06.2017 को सूचित किया गया। परिवादिनी के पति द्वारा वाहन की चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना आशियाना में दर्ज करायी गयी जो कि अपराध संख्‍या 0279/2017 अन्‍तर्गत धारा 379 आई0पी0सी0 में पंजीकृत है।

4.  परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के यहॉं क्‍लेम दर्ज कराया गया जिसका दावा संख्‍या-42080631170190000026 है। इसके बाद विपक्षीगण द्वारा बहुत समय तक कोई सूचना नहीं दी गयी और न ही क्‍लेम का भुगतान किया गया। लगभग डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय व्‍यतीत होने के पश्‍चात अपने पत्र दिनॉंक 22.01.2019 द्वारा परिवादिनी के क्‍लेम की धनराशि को मनमाने, अनुचित व अवैधानिक रूप से भुगतान करने से यह कहते हुए इन्‍कार कर दिया कि बीमित वाहन को जो चालक चला रहा था उसके पास प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस का ए0आर0टी0ओ0 से सत्‍यापन कराने पर वैध नहीं पाया गया। इस प्रकार से पालिसी एवं शर्तों का उल्‍लंघन किया गया। दावा देय योग्‍य नहीं है खारिज किया जाता है। इस कारण परिवादिनी द्वारा परिवाद योजित किये जाने का कारण उत्‍पन्‍न हुआ।

5.  परिवादिनी द्वारा यह कथन किया गया है कि मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय व मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता आयोग व मा0 राज्‍य आयोग द्वारा अपने विभिन्‍न निर्णयों में यह अवधारित किया गया है कि यदि पालिसी के नियम व शर्तों का उल्‍लंघन भी हुआ हो तो भी बीमा कम्‍पनी नान स्‍टैडर्ड के आधार पर क्‍लेम की धनराशि का 75 प्रतिशत भुगतान करने हेतु उत्‍तरदायी है।

6.  परिवादिनी ने व्‍यक्‍त किया है कि परिवादिनी विपक्षीगण की सेवाओं की उपभोक्‍ता है। विपक्षीगण द्वारा प्रस्‍तुत क्‍लेम को इनकार/निरस्‍त करके सेवा में अत्‍यन्‍त कमी तो की गयी साथ ही अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। परिवादिनी को घोर मानसिक व शारीरिक कष्‍ट सहना पड़ा और आर्थिक रूप से भी क्षति हुई है।

7.  परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया। विपक्षी संख्‍या 01 व 02 ने उपस्थित होकर अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को इनकार करते हुए अतिरिक्‍त कथन किया कि परिवादिनी द्वारा मांगा गया अनुतोष न्‍यायहित में नहीं है। घटना के समय ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था जो बीमा की शर्तों का उल्‍लंघन है। प्रस्‍तुत परिवाद बीमा कम्‍पनी पर अनुचित दबाव में लेने हेतु दाखिल किया है। चोरी की घटना दिनॉंक 02.06.2017 की है तथा परिवाद दिनॉंक 03.03.2020 को दाखिल किया गया है जो कि खारिज किये जाने योग्‍य है।

8.  परिवादिनी ने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में  विपक्षी द्वारा जारी पालिसी, प्रथम सूचना रिपोर्ट, विपक्षी का पत्र, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं। विपक्षीगण की ओर से उत्‍तर पत्र के अलावा कोई साक्ष्‍य दाखिल नहीं किया गया है।

9   मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

10.  परिवादिनी महिन्‍द्रा बोलेरो पंजीकरण नम्‍बर-UP62 Z 1905  की पंजीकृत स्‍वामिनी है। परिवादिनी ने अपने उक्‍त वाहन का बीमा विपक्षी संख्‍या 01 से कराया और विपक्षी द्वारा परिवादिनी के उक्‍त वाहन का मूल्‍य (इन्‍श्‍योर्ड डिक्‍लेयर्ड वैल्‍यू) 2,80,000.00 रूपये घोषित किया गया। बीमे की वैधता 07.06.2016 से 06.06.2017 तक है। विपक्षीगण द्वारा इसका प्रीमियम 9558.00 रूपये काटा गया। पंजीकरण प्रमाण पत्र तथा विपक्षी द्वारा जारी पालिसी संख्‍या 42080631160100001277 है।

11. उपरोक्‍त वाहन दिनॉंक 02.06.2017 को रात्रि लगभग 10.30 बजे मल्‍टी एक्टिविटी सेन्‍टर, सेक्‍टर-जी, आशियाना, लखनऊ से चोरी हो गया जिसकी सूचना उसी समय पुलिस को 100 नम्‍बर पर दी गयी एवं दिनॉंक 03.06.2017 को संबंधित थाना आशियाना को दी गयी एवं विपक्षी को दिनॉंक 05.06.2017 को सूचित किया गया। परिवादिनी के पति द्वारा वाहन की चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना आशियाना में दर्ज करायी गयी जो कि अपराध संख्‍या 0279/2017 अन्‍तर्गत धारा 379 आई0पी0सी0 में पंजीकृत है।

12. परिवादिनी का यह भी कथानक है कि विपक्षी को दिनॉंक 05.06.2017 को क्‍लेम फार्म समस्‍त औपचारिकताऍं पूर्ण करते हुए दिया गया। विपक्षी द्वारा दावा संख्‍या 42080631170190000026 प्रदान किया गया। परन्‍तु उन्‍होंने दावा को एक साल छह माह बाद यह कहते हुए अस्‍वीकार कर दिया गया कि घटना के समय ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जिसे ए0आर0टी0ओ0 द्वारा वैध नहीं पाया गया। इसके अतिरिक्‍त विपक्षीगण के अभिकथन में यह भी कहा गया कि यह परिवाद अत्‍यंत विलम्‍ब से प्रस्‍तुत किया गया है।

13. परिवादिनी द्वारा कथन किया गया कि विपक्षी द्वारा समय से प्रस्‍तुत क्‍लेम को अस्‍वीकार करके उसके साथ सेवा में कमी की गयी है, तथा अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। विपक्षी द्वारा मुख्‍यत: दो आधार उठाए गये हैं एक तो घटना के समय ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, दूसरा यह परिवाद अत्‍यन्‍त विलम्‍ब से योजित किया गया है। उक्‍त बिन्‍दु संख्‍या 01 के संबंध में उल्‍लेखनीय है कि चोरी के मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस की क्‍या उपादेयता है। चोरी के समय गाड़ी पर वाहन चालक/वाहन स्‍वामी उपस्थित नहीं थे, तथा वाहन संचालन की स्थिति में नहीं था तो उस समय ड्राइविंग लाइसेंस की क्‍या विधिक उपादेयता होगी। अत: विपक्षीगण का उपरोक्‍त कथन स्‍वीकार करने योग्‍य नहीं है।

14. द्वितीय बिन्‍दु परिवाद विलंब से दाखिल किया गया है, के संबंध में उल्लिखित है कि विपक्षी को घटना की जानकारी दिनॉंक 05.06.2017 को परिवादिनी द्वारा दी गयी थी। उसके बाद क्‍लेम फार्म भरकर विपक्षीगण को दिया गया विपक्षीगण द्वारा ही जिसका क्‍लेम संख्‍या-42080631170190000026 एलाट किया गया, जिसका रैपुडिएशन लेटर दिनॉंक 22.01.2019 को परिवादिनी को भेजा गया तत्‍पश्‍चात परिवादिनी द्वारा दिनॉंक-04.03.2020 को प्रश्‍नगत परिवाद योजित किया गया। यह भी उल्‍लेख करना आवश्‍यक है कि मार्च 2019 से कोरोना संक्रमण में सामान्‍य गतिविधियॉं प्रभावित रही फिर भी परिवादिनी द्वारा समय से ही परिवाद योजित किया गया।  इससे स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी द्वारा परिवाद समय से ही दाखिल किया गया है। विपक्षीगण द्वारा स्‍वयं दावा प्रस्‍तुत करने के लगभग दो वर्ष बाद उसे रैपुडिएट किया गया है। जबकि नियमानुसार दावा तीन माह में निस्‍तारित किया जाना चाहिए था।

15. उपरोक्‍त विवेचन से स्‍पष्‍ट है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के साथ सेवा में कमी की गयी है और अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। अत: उक्‍त तथ्‍यों के आलोक में परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                             आदेश

    परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादिनी के वाहन का बीमित मूल्‍य (आई0डी0वी0) मुबलिग-2,80,000.00 (दो लाख अस्‍सी हजार रूपया मात्र) गाड़ी चोरी होने की तिथि से भुगतान की तिथि तक  09 प्रतिशत ब्‍याज के साथ निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्‍दर भुगतान करना सुनिश्चित करें। परिवादिनी को हुए मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट एवं वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 50,000.00 (पचास हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि 45 दिन में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

       पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)       (सोनिया सिंह)           (नीलकंठ सहाय)

     सदस्‍य                 सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                                                                जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,

                                                 लखनऊ।    

 आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)       (सोनिया सिंह)           (नीलकंठ सहाय)

     सदस्‍य                 सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                                                                जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,

                                                 लखनऊ।

दिनॉंक 26.08.2023   

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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