मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ
अपील संख्या - 1673/2024
रवि शंकर तिवारी
बनाम
न्यू इण्डिया एश्योरेंश कम्पनी लि0 व अन्य
समक्ष:-
- माननीय न्यायमर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
- माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
दिनांक- 11.11.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी रवि शंकर तिवारी की ओर से विद्वान जिला आयोग प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या- 159/2017 रवि शंकर तिवारी बनाम न्यू इण्डिया एश्योरेंश कम्पनी लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 12-07-2024 के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री पंकज पाण्डेय उपस्थित हुए, उन्हें सुना गया तदनुसार अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश का परिशीलन करने के उपरान्त अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
जिला आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
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“पत्रावली प्रस्तुत। पुकार करायी गयी। उभयपक्ष अनुपस्थित। बार-बार पुकार करायी गयी। परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली का परिशीलन किया गया जिससे विदित है कि परिवादी कई तिथियों से उपस्थित नहीं आ रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि परिवादी को इस परिवाद की सुनवाई में कोई अभिरूचि नहीं है अतः परिवादी की अनुपस्थिति एवं अदम पैरवी में परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।”
पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि मूल परिवाद संख्या-159/2017 आदेश दिनांक 12-07-2024 के द्वारा अपीलार्थी/परिवादी की लगातार अनुपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निरस्त कर दिया गया। जिला आयोग ने अपने आदेश में अंकित किया है कि अपीलार्थी/परिवादी कई तिथियों से उपस्थित नहीं आ रहा है। अपीलार्थी/परिवादी की लगातार अनुपस्थिति के कारण परिवाद अदम पैरवी में निरस्त किया गया है।
अपील की सुनवाई के दौरान अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया कि विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद, अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में उनको सुने बिना अदम पैरवी में
निरस्त कर दिया गया है। अत: न्याय हित में अपीलार्थी/परिवादी को साक्ष्य एवं सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाए।
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अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के उपरोक्त्ा तर्क को दृष्टिगत रखते हुए पीठ इस मत की है जिला आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 12-07-2024 अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला आयोग उभय-पक्षकारों को पुन: साक्ष्य और सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए उभय-पक्षकारों को सुनने के उपरान्त पुन: गुण-दोष के आधार पर छ: माह के अन्दर परिवाद का निस्तारण करें। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है।
उभय-पक्षकार जिला आयोग के समक्ष दिनांक- 20-12-2024 को उपस्थित हों।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना )
अध्यक्ष सदस्य
कृष्णा –आशु0 कोर्ट नं0 1