Uttar Pradesh

Mahoba

143/11

DEVENDRA SINGH - Complainant(s)

Versus

NEW IND. INS. COMP. - Opp.Party(s)

G.L.PANDEY

03 Jan 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 143/11
 
1. DEVENDRA SINGH
CHARKHARI
...........Complainant(s)
Versus
1. NEW IND. INS. COMP.
NEW DELHI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV PRESIDENT
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:G.L.PANDEY, Advocate
For the Opp. Party: R.C AGNIHOTRI, Advocate
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोब

परिवाद सं0-143/2011                                                                                                                                 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्‍यक्ष,

                                                                                                                                                                              डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                                                                                                                                                  श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य

देवेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री प्रेम सिंह निवासी-ग्राम व पोस्‍ट-बम्‍हौरी कलां परगना व तहसील-चरखारी  जनपद-महोबा                                                                                                                                                                  परिवादी

                                                                                                 बनाम

प्रबंधक,दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 सेकेन्‍ड फलोर जीवन दीप बिल्डिंग,8 पार्लियामेंट स्‍ट्रीट न्‍यू दिल्‍ली                                                                                                                                                                    विपक्षी

निर्णय

श्री बाबूलाल यादव,अध्‍यक्ष द्वारा उदधोषित

      परिवादी देवेन्‍द्र सिंह ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षी प्रबंधक,दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 बावत दिलाये जाने क्षतिपूर्ति धनराशि मु0 2,10,974/- रू0 व अन्‍य अनुतोष प्रस्‍तुत किया है ।

      संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने व्‍यक्तिगत प्रयोग हेतु एक गाडी मारूति वैन/ओमनी 08 सीटर खरीदी थी,जिसका रजिस्‍ट्रेशन नंबर:यू0पी095 डी 1644 है । परिवादी ने उपरोक्‍त गाडी का बीमा नाथ मोटर्स,स्‍टेशन रोड,सागर,म0प्र0 द्वारा कंपनी के अभिकर्ता के माध्‍यम से करवाया था । बीमा करवाते समय परिवादी ने बतौर प्रीमियम 7,682/-रू0 बीमा एजेंट को दिया था । तद्नुसार बीमा एजेंट द्वारा उसे इंश्‍योरेंस सर्टिफिकेट प्रदान किया गया था,जिसमें बीमा बीमा दिनांक-11.12.2009 से 10.12.2010 तक प्रभावी दिखाया गया था एवं गाडी की टोटल वैल्‍यू 2,10,974/-रू0 दर्शायी गई थी । घटना दिनांक-08.11.2010 समय करीब 2-30 बजे दिन की है । परिवादी अपने मित्र के मरीज को लेकर ग्राम-रिवई से झांसी जा रहा था,तभी पनवाडी के पास बुधैालिया ग्रेनाइट के करीब 150 मीटर पहले सामने तेज गति एवं उल्‍टी साइड से लापरवाही से चलाते हुये एक टाटा मैजिक जो सवारी से भरी हुई थी,जिसका नं0 यू0पी095 बी 2474 है,के ड्राइवर ने आमने-सामने गाडी भिडा दी,जिसमें उसकी गाडी पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गई । परिवादी ने इसकी सूचना तत्‍काल विपक्षी को दी तो विपक्षी द्वारा गाडी को आदिनाथ मोटर्स,छतरपुर म0प्र0 में मंगवाया गया तथा यहीं पर परिवादी की गाडी का सर्वे किया गया तथा आदिनाथ मोटर्स द्वारा गाडी बनाने का स्‍टीमेट बनाया गया,जो कि 2,29,537/-रू0 का बना । विपक्षी के एजेंट द्वारा आदिनाथ मोटर्स शाखा-छतरपुर में ही परिवादी का क्‍लेमफार्म भरवाया गया और परिवादी से मूल बीमा कवरनोट,रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण-पत्र एवं ड्राइविंग लाईसेंस ले लिया गया । परिवादी का क्‍लेमफार्म निस्‍तारण हेतु विपक्षी के पास गया तो उसे बताया गया कि गाडी का टोटल लोस हो गया है । अत: संपूर्ण लोस की धनराशि 2,10,974/-रू0 की चेक उसे बीमा कंपनी द्वारा यथाशीघ्र प्रदान कर दी जायेगी । परिवादी कुछ समय के अंतराल विपक्षी के पास गया तो लेकिन उसके क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया गया । अंतत: दिनांक-20.08.2011 को उसे यह बताया गया कि उसका वाहन व्‍यवसायिक प्रयोग के लिये इस्‍तेमाल किया जा रहा था इसलिये वह अपने वाहन का प्रयोग व्‍यक्तिगत प्रयोग के लिये ही करता रहा है । इसे परिवादी ने विपक्षी का व्‍यापारिक कदाचरण व सेवा में त्रुटि मानते हुये यह परिवाद फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है ।

      विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से जबाबदावा दाखिल किया गया,जिसमें उन्‍होंने परिवादी को वाहन सं0यू0पी095 डी 1644 का स्‍वामी होना व उसका बीमा विपक्षी बीमा कंपनी से होने के तथ्‍य को परिवादी द्वारा साबित किये जाने की आवश्‍यकता बताई । विपक्षी का यह भी कथन है कि उक्‍त वाहन का प्रयोग परिवादी द्वारा व्‍यवसायिक प्रयोग के लिये किया जाता रहा है तथा घटना के समय वाहन में 07 सवारी बैठाकर लिये जा रहा था,जो कि बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन है तथा उन्‍होंने यह भी कहा है कि परिवादी ने दुर्घटना की सूचना विपक्षी को अत्‍यंत देरी से दी है इसलिये उसका परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।

      परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्‍वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग दाखिल किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्‍य में छायाप्रति बीमा कवरनोट कागज सं07ग,पंजीयन प्रमाण-पत्र की छायाप्रति कागज सं08ग,ड्राइविंग लाईसेंस की छायाप्रति कागज सं0 9ग,प्रथम सूचना रिपार्ट की छायाप्रति कागज सं010ग तथा नो क्‍लेम लेटर की छायाप्रति कागज सं09ग प्रस्‍तुत की गई है।

      विपक्षी की ओर से अपने जबाबदाबा के समर्थन में शपथ पत्र द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक,दि न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0,कानपुर दाखिल की गई है,जो कि कागज सं0 24ग है तथा अभिलेखीय साक्ष्‍य में नो क्‍लेम लेटर की छायाप्रति कागज सं025ग,इंवेस्‍टीगेशन रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं0 26ग/1 लगायत 26ग/6,बीमा कवरनोट की छायाप्रति कागज सं027ग,प्रथम सूचना रिपेार्ट की छायाप्रति कागज सं028,‍पंजीयन प्रमाण-पत्र की छायाप्रति कागज सं029ग व ड्राइविंग लाईसेंस की छायाप्रति कागज सं030ग दाखिल की गई है ।

      फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली का अवलेाकन किया गया ।

            उभय पक्ष को यह तथ्‍च स्‍वीकार है कि परिवादी देवेन्‍द्र सिंह वाहन सं0 यू0पी095 डी 1644 का पंजीक़त स्‍वामी था और विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा उसके पक्ष में पालिसी क्रम सं0 4602288 73 जारी की गई थी,जो कि दिनांक-11.12.2009 से 10.12.2010 तक के लिये वैध एवं प्रभावी था । वाहन दुर्घटना दिनांक-08.12.2010 की है । उक्‍त तिथि को बीमा वैध एवं प्रभावी था । विवाद मात्र इतना है कि परिवादी का कथन है कि चूंकि विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी के वाहन का कंप्रे‍हेंसिव बीमा था । अत: परिवादी को संपूर्ण क्षति के आधार पर बीमित धनराशि 2,10,974/-रू0 मिलनी चाहिये । विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से यह कहा जा रहा है कि चूंकि परिवादी द्वारा उक्‍त वाहन का व्‍यावसायिक प्रयोग किया जा रहा था,जो कि विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा जारी बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन है । इसी कारण उसका दावा स्‍वीकार नहीं किया गया था । इसका स्‍पष्‍ट उल्‍लेख कागज सं025ग में किया गया है । विपक्षी के सर्वेयर ने जो रिपोर्ट दाखिल की है,उसमें यह बताया है कि दुर्घटना के समय वाहन में सात सवारी बैंठीं थीं और वाहन को 2,000/-रू0 किराये पर लिया गया था । परिवादी ने स्‍वयं भी अपने परिवाद में व शपथ-पत्र में भी वाहन का व्‍यक्तिगत प्रयोग करना नहीं बताया है बल्कि यह कहा है कि वह अपने व्‍यवहारी के मरीज को लेकर रिवई से झांसी जा रहा था कि तभी पनवाडी के नजदीक बुधौलिया ग्रेनाइट के पास करीब 150 मीटर पहले एक अन्‍य टाटा मैजिक ने सामने से टक्‍कर मार दी,जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गया । इस प्रकार परिवादी भी स्‍वयं वाहन का व्‍यक्तिगत प्रयोग में लाना कहकर नहीं आया है । तो क्‍या इन परिस्थितियों में विपक्षी बीमा कंपनी से परिवादी को कोई धनराशि दिलाई जा सकती है । इस संबंध में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह बहस की है कि मा0उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने निर्णय आमलेन्‍दु साहू बनाम ओरियेंटल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 2013 3 सी0पी0आर0641 सुप्रीम कोर्ट में यह मत व्‍यक्‍त किया है कि जहां पर वाहन स्‍वामी वाहन का प्रयोग वयावसायिक उद़देश्‍य के लिये कर रहा था और वाहन का टोटल डैमेज हुआ है वहां पर क्षतिपूर्ति की धनराशि अधिकतम 75 प्रतिशत संपूर्ण बीमित धनराशि की दिलाई जा सकती है ।  इस निर्णय का अवलेाकन किया गया तो यह पाया गया कि मा0उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिया गया निर्णय इस केस में पूरी तरह लागू होता है । तदनुसार परिवादी संपूर्ण बीमित धनराशि का 75 प्रतिशत क्षतिपूर्ति धनराशि पाने का हकदार है । इस निर्णय के विरूद्ध कोई विधि व्‍यवस्‍था विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा दाखिल नहीं की गई है । उपरोक्‍त निर्णय के अनुसार परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से 2,10,974/-रू0 का 75 प्रतिशत अर्थात 1,58,230/-रू0 पाने का हकदार पाया जाता है । फोरम की राय में यह धनराशि पूर्णांक में 1,58,000/-रू0 दिलाया जाना उचित पाता है । इसके अलावा परिवादी मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने का हकदार है ।

आदेश

      परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी बीमा कंपनी आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से क्षतिपूर्ति धनराशि के रूप में 1,58,000/-रू0 पाने का हकदार है । इसके अलावा परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से मानसिक कष्‍ट के एवज में 10,000/-रू0 तथा वादव्‍यय के एवज में 2,500/-रू0 प्राप्‍त करने का हकदार है । विपक्षी बीमा कंपनी परिवादी को यह धनराशि इस निर्णय के छ: सप्‍ताह के अंदर भुगतान करें अन्‍यथा परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से उपरोक्‍त धनराशि पर 9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्‍याज भी पाने का अधिकारी होगा ।

 

(डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)                                                          (श्रीमती नीला मिश्रा)                                           (बाबूलाल यादव)

    सदस्‍य,                                                                                      सदस्‍या,                                                           अध्‍यक्ष,

जिला फोरम,महोबा ।                                                             जिला फोरम,महोबा ।                                        जिला फोरम,महोबा ।

    04.02.2015                                                                             04.02.2015                                                     04.02.2015

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.