वर्तमान निष्पादन वाद डिक्रीधारक के द्वारा परिवाद संख्या-171/23 में जहारिया भाटी कान्ट्रेक्टर बनाम प्रबन्धक न्यू बैंक आफ इडिया में पारित आदेश दिनांक 26-10-23 के निष्पादन हेतु योजित किया गया है । आयोग के द्वारा पारित आदेश निम्नवत है:-
‘‘ परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को उसकी जमा राशि अंकन 7500/-रूपये तात्कालिक ब्याज सहित 30 दिन के अन्दर परिवादी को अदा करे । ब्याज की गणना 1-10-1990 से अदायगी की तिथि तक की जाएगी । ‘‘
निर्णीतऋणी संख्या- 1 व 2 की ओर से उत्तर प्रस्तुत किया गया कि आदेश के अनुसार विपक्षी संख्या-1 21,147/-रूपये के लिए संल्गन डिमांड ड्राफ्ट जमा कर रहे है । ब्याज की गणना ड्राफ्ट की दिनांक 31-1-24 तक की गयी है। गणना पत्र संलग्न किया गया है । परिवादी ने बैंक में पहले कभी भी प्राधिकरण से मूल एफ0डी0आर0/रिलीज पत्र प्रस्तुत नही किया था । जब परिवादी मूल एफ0डी0आर0 दिनांक 1-10-1990 और रिलीज पत्र 13-8-20 लाया तभी एफ0डी0आर जारी किया जा सका। बैंक ने कोई दुर्भावना व लापरवाही नहीं की है ।
निर्णीत-़ऋणी 3 व 4 की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि डिक्रीधारक ने 1-10-1990 को बतौर सिक्योरिटी 7500/-रूपये की एफ0डी0आर0 की थी। निर्णीत ऋणी ने कभी डिक्रीधारक को उक्त राशि प्राप्त करने से नहीं रोका । डिक्रीधारक के अनुरोध किये जाने पर दिनांक 13-8-20 को डिपोजिट रिलीज करने हेतु पत्र प्रेषित किया था। आदेश का अनुपालन मूल परिवाद में विपक्षी संख्या- 1 व 2 के द्वारा ही किया जाना है ।
हमने उभय पक्षों को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया।
निष्पादन योग्य आदेश में परिवादी को उसकी जमा धनराशि तात्कालिक ब्याज सहित अदा करने का विपक्षीगण को आदेशित किया गया है । आदेश में ब्याज की गणना 1-10-1990 से अदायगी की तिथि तक किये जाने का आदेश है। जमा धनराशि परिवाद के विपक्षीगण 1 व 2के पास जमा है । अतः जमा राशि पर ब्याज देने का उत्तरदायित्व भी विपक्षी संख्या- 1व 2 का है जो निष्पादन वाद में निर्णीत ऋणी 2 व 3 है । निर्णीतऋणी 2 व 3 के द्वारा आदेश के अनुसार ब्याज की गणना करते हुए ड्राफ्ट की तिथि 31-1-24 तक की देय धनराशि 21147/-रूपये का ड्राफ्ट जमा कर दिया है । डिक्री धारक के द्वारा ड्राफ्ट प्राप्त कर लिया गया है ।
डिक्रीधारक के द्वारा आपत्ति की गयी कि ब्याज की गणना तात्कालिक ब्याज दर के अनुसार 490588ः74 पैसे होती है जब कि बैंक ने मात्र 21147/-रूपये जमा किये है। इस सम्बन्ध में निर्णीतऋणी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश के अनुसार यदि सावधि जमा राशि और आपका भुगतान नहीं किया जाता है तो बैंक के पास बकाया राशि पर बचत जमा पर लागू ब्याज की दर लागू होगी । निर्णीत ऋणी के द्वारा बचत जमा पर लागू ब्याज के अनुसार गणना भी दाखिल की गयी है। इन प्रलेखों के अवलोकन से स्पष्ट है कि निर्णीतऋणी के द्वारा सही गणना करके धनराशि का ड्राफ्ट दाखिल किया है । जिसे डिक्रीधारक प्राप्त कर चुका है । निर्णीतऋणी 1 व 4 की देयता आदेश के अनुसार प्रकट नहीं होती है।
निष्पादन पूर्ण सन्तुष्टि में तय किया जाता है ।