Uttar Pradesh

StateCommission

A/1969/2017

Sri R.P. Jauhari - Complainant(s)

Versus

Neutech Medical Equipments Pvt Ltd - Opp.Party(s)

Sankalp Mehrotra

08 Apr 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1969/2017
( Date of Filing : 02 Nov 2017 )
(Arisen out of Order Dated 04/10/2017 in Case No. C/161/2014 of District Sitapur)
 
1. Sri R.P. Jauhari
Sitapur
...........Appellant(s)
Versus
1. Neutech Medical Equipments Pvt Ltd
New Delhi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 08 Apr 2019
Final Order / Judgement

                                                    (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 1969/2017

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0- 161/2014 में पारित निर्णय और आदेश दि0 04.10.2017 के विरूद्ध)

  1. Sri R.P. Johri through Dr. Alok Johari, City Fracture clinic Hospital, Tehsil & District Sitapur (U.P.)
  2. Smt. Archana johri. W/o Dr. Alok johri. 
  3. Dr. Alok johri. S/o Sri R.P. johri.                                                                            

City Fracture clinic Hospital Sitapur, Tehsil– Thompsonganj, District Sitapur.

                                                                      ……….Appellants

Versus

Neutech Medical equipments pvt. Ltd., Office at: 90, 3rd Floor, Opposite Escort Heart institute, Sarai Jullena, New Delhi-110025. Through its Partner/Proprietor Mohd. Aftab alam,    

                                                                       …………Respondent

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष   

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :  श्री संकल्‍प मेहरोत्रा,विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : कोई नहीं।   

दिनांक:- 23.05.2019

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

          परिवाद सं0- 161/2014 श्री आर0पी0 जौहरी व दो अन्‍य बनाम नियोटेक मेडिकल एक्‍वाइपमेंट प्रा0लि0 में जिला फोरम, सीतापुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 04.10.2017 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

          आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपोषणीय मानकर निरस्‍त कर दिया है जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवाद के परिवादीगण ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

          अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री संकल्‍प मेहरोत्रा उपस्थित आये हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

          मैंने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।  

          अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादीगण ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विरुद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि सिटी फ्रेक्‍चर क्‍लीनिक एवं हॉस्पिटल सीतापुर के माध्‍यम से अपीलार्थी/परिवादी सं0- 3 के पिता श्री आर0पी0 जौहरी ने दि0 10.07.2012 को 15 के0डब्‍ल्‍यू0-एच0/एफ0 एक्‍सरे मशीन (पावर ब्रेक) मल्‍टी प्रोजीशन टेबल के साथ प्रदान करने का आग्रह प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से किया जिसे दि0 10.07.2012 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने स्‍वीकार करते हुए एक्‍सरे मशीन आर्डर की तिथि दि0 10.07.2012 से दो से चार सप्‍ताह के अन्‍दर उपलब्‍ध कराने का लिखित वचन हस्‍ताक्षरित करके अपीलार्थी/परिवादीगण को दिया। एक्‍सरे मशीन की कीमत 4,35,000/-रू0 थी जिसमें 5,000/-रू0 नकद दि0 10.07.2012 को और 60,000/-रू0 बजरिए चेक दि0 12.07.2012 को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को दिया गया। शेष धनराशि दि0 25.03.2013 को अपीलार्थी/परिवादीगण सं0- 2 और 3 के इलाहाबाद बैंक खाते से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को अदा की गई, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने एक्‍सरे मशीन की आपूर्ति निर्धारित समय-सीमा के अन्‍दर अपीलार्थी/परिवादीगण को नहीं की तब अपीलार्थी/परिवादीगण ने आर्डर निरस्‍त कर दिया और अपनी कुल धनराशि 4,35,000/-रू0 प्रत्‍यर्थी/विपक्षी से वापस करने का आग्रह किया। तब प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने दि0 09.10.2013 को आर0टी0जी0एस0 के माध्‍यम से 3,00,000/-रू0 अपीलार्थी/परिवादीगण सं0- 2 व 3 के इलाहाबाद बैंक खाते में अंतरित किया और शेष धनराशि 1,35,000/-रू0 शीघ्र अदा करने का आश्‍वासन दिया, परन्‍तु अपीलार्थीगण द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद भी उसे अदा नहीं किया तब अपीलार्थी/परिवादीगण ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को नोटिस भेजा जिसका उत्‍तर उसने नहीं दिया। अत: क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादीगण ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

          प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। अत: विपक्षी के विरुद्ध परिवाद की कार्यवाही जिला फोरम ने एकपक्षीय रूप से की है, परन्‍तु जिला फोरम ने परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ग्राह्य नहीं माना है। अत: आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद निरस्‍त कर दिया है।

          अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/परिवादीगण ने एक्‍सरे मशीन स्‍वरोजगार द्वारा जीविकोपार्जन हेतु विपक्षी से क्रय करना चाहा था। अत: उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2(1) D के अंतर्गत परिवादीगण उपभोक्‍ता हैं और उनके द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ग्राह्य है।

          अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने जो अपीलार्थीगण को उपभोक्‍ता न मानकर परिवाद निरस्‍त किया है वह उचित नहीं है।

          मैंने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

          परिवाद पत्र की धारा 4 में अपीलार्थी/परिवादीगण ने कहा है कि उपरोक्‍त एक्‍सरे मशीन आदि अपने निजी प्रयोग के लिए कार्य करने की बाबत, उक्‍त को प्रदान करने की बाबत तथा उक्‍त कीमत के बाबत मुहर लगाकर हस्‍ताक्षर करते हुए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा इनवाइस बिल भी 4,35,000/-रू0 का परिवादी को प्रदान किया था। उक्‍त इनवाइस बिल अपील का संलग्‍नक 4 है। यह इनवाइस बिल अपीलार्थी/परिवादी सं0- 1 आर0पी0 जौहरी केयर ऑफ सिटी फ्रेक्‍चर क्‍लीनिक एण्‍ड हॉस्पिटल 925/1 बट्सगंज सीतापुर यू0पी0 के नाम बनाया गया है। परिवाद पत्र में भी अपीलार्थी/परिवादी सं0- 1 श्री आर0पी0 जौहरी का पता द्वारा डॉ0 आलोक जौहरी सिटी फ्रेक्‍चर क्‍लीनिक हॉस्पिटल अंकित है और परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से कथन किया गया है कि सिटी फ्रेक्‍चर क्‍लीनिक एवं हॉस्टिल सीतापुर के माध्‍यम से परिवादी सं0- 3 डॉ0 आलोक जौहरी के पिता श्री आर0पी0 जौहरी अपीलार्थी/परिवादी सं0- 1 के द्वारा एक्‍सरे मशीन का आर्डर विपक्षी को दिया गया था। अत: परिवाद पत्र के अभिकथन के आधार पर यह स्‍पष्‍ट है कि प्रश्‍नगत एक्‍सरे मशीन आलोक जौहरी द्वारा सिटी फ्रेक्‍चर क्‍लीनिक हॉस्पिटल सीतापुर के लिए क्रय की जा रही थी। एक्‍सरे मशीन का अपीलार्थी/परिवादीगण द्वारा वाणिज्यिक उद्देश्‍य से मशीन एवं हास्पिटल के लिए ही प्रयोग किया जा सकता है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों पर विचार करते हुए मैं इस मत का हूं कि अपीलार्थी/परिवादीगण धारा 2(1)D उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्‍ता नहीं हैं।

          अपीलार्थी/परिवादीगण बेरोजगार हैं और एक्‍सरे मशीन वे स्‍वरोजगार से जीविका अर्जित करने हेतु ले रहे थे यह परिवाद पत्र में अभिकथित नहीं है और न ही ऐसा साक्ष्‍यों से प्रमाणित होता है।  

          जिला फोरम ने अपने निर्णय व आदेश में यह उल्‍लेख किया है कि पीठ का मत है कि परिवादीगण उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्राविधान के अंतर्गत उपभोक्‍ता की परिभाषा में नहीं आते हैं। इस कारण प्रस्‍तुत किया गया परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ग्राह्य नहीं है। इसके साथ ही जिला फोरम ने अपने आक्षेपित निर्णय में यह उल्‍लेख किया है कि धन की वापसी कराया जाना उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के प्राविधान के अंतर्गत नहीं आता है। इसके लिए परिवादीगण द्वारा सिविल वाद प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए।

          उपरोक्‍त विवेचना से स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी/परिवादीगण द्वारा एक्‍सरे मशीन वाणिज्यिक उद्देश्‍य से क्रय किया जाना मानने हेतु उचित और युक्ति संगत आधार है। अपीलार्थी/परिवादीगण धारा 2(1)D उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्‍ता नहीं हैं। अत: जिला फोरम ने परिवाद को अग्राह्य मानते हुए जो निरस्‍त किया है उसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है।

          उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील अपीलार्थी/परिवादीगण को विधि के अनुसार सक्षम न्‍यायालय में वाद प्रस्‍तुत करने की छूट के साथ निरस्‍त की जाती है।       

          अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

     

               (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                                               

                                     अध्‍यक्ष                                   

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
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