Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/191/2017

GAUTAM KUMAR - Complainant(s)

Versus

NET AIRWAYS - Opp.Party(s)

M.M.HUSAIN

18 Feb 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/191/2017
( Date of Filing : 29 May 2017 )
 
1. GAUTAM KUMAR
.
...........Complainant(s)
Versus
1. NET AIRWAYS
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Feb 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ

     परिवाद संख्‍या:-191/2017

 उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                                               श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।                                            

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-20/05/2017  

परिवाद के निर्णय की तारीख:-18/02/2020

 

गौतम कुमार सिंह डेका बउम्र बालिग पुत्र श्री वीर सिंह डेका, निवासी-केडिया धर्मशाला के पीछे,  पटेल नगर पश्चिमी,  पोस्‍-बरहज,  जिला-देवरिया।

                                                     ............परिवादी।

                       बनाम

1-Jet Airways (India) Limited, Amousi Airport, Chaudhary Charan Singh Airport, Lucknow-226009 through Authorised Signatory.

2- Jet Airways (India) Limited SIROYA CENTRE SAHAR Airport Road Andheri (East) Mumbai-400099 through Managing Director.

                                                 ...............विपक्षीगण।

आदेश द्वारा-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                          निर्णय

     परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण से विमान में निर्धारित तिथि को यात्रा न कर पाने के कारण हुई मानसिक पीड़ा के लिये 8,00,00.00 रूपये, मानसिक,  शारीरिक क्‍लेश के लिये      8,00,00.00 रूपये,  परिवादी के समय से अपने कार्यस्‍थल/गन्‍तव्‍य तक नहीं पहुंचने से हुई आर्थिक क्षति के मद में 3,00,000.00 रूपये,  मुकदमा खर्चा व मेहनताना वकील 50,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

     संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनॉंक-01.01.2017 को जेट एअर वेज से दिल्‍ली से लखनऊ यात्रा के लिये टिकट रू0-8045.00 रूपये का बुक कराया। परिवादी को उक्‍त यात्रा दिनॉंक-दिनॉंक-30.01.2017 को 18:20 पर दिल्‍ली से लखनऊ तक के लिये करना था। परिवादी नियत समय पर जब दिल्‍ली एयरपोर्ट पर पहुँचा तो बताया गया कि जेट एअरवेज 9 डब्‍ल्‍यू-755 अपने निर्धारित समय 18:20 बजे से एक घण्‍टा पूर्व 17:20 बजे ही प्रस्‍थान कर चुकी है। परिवादी ने इस बावत जब जेट एअरवेज प्रशासन से शिकायत किया तो उनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गयी। काउन्‍टर पर मौजूद अधिकारी से कहने पर विपक्षीगण द्वारा खेद व्‍यक्‍त किया गया और परिवादी को छोड़कर अन्‍य लोगों की यात्रा की व्‍यवस्‍था उसी दिन दो घण्‍टे बाद किया। विपक्षीगण ने परिवादी को उसी दिन यात्रा न कराकर अगले दिन का इन्‍तजार कराया,  जिससे परिवादी को मानसिक पीड़ा हुई। विपक्षीगण ने परिवादी को उसके परिवार के साथ यात्रा न कराकर और भी मानसिक दुख दिया। विपक्षीगण ने परिवादी को दिनॉंक-30.01.2017 की शाम से 31.01.2017 की सुबह तक Detain कर दिया और फूडिंग लांजिग की सुविधा प्रदान नहीं किया। परिवादी उक्‍त यात्रा  ट्रेन या बस से कर सकता था, जिसमें समय व रूपये का नुकसान उठाना पड़ता। परिवादी का समय बर्बाद न हो, इसलिये परिवादी ने विपक्षीगण से हवाई यात्रा का टिकट बुक कराया, लेकिन विपक्षीगण का विमान निर्धारित समय से एक घण्‍टा पूर्व ही डिपार्ट कर गया,   जिसके कारण परिवादी को समय व रूपये की क्षति उठानी पड़ी,  जिसकी पूरी जिम्‍मेदारी विपक्षीगण की है। विपक्षीगण का उपरोक्‍त कृत्‍य न केवल सेवा में कमी है,  बल्कि अनुचित व्‍यापार प्रथा का भी द्योतक है।

     विपक्षी संख्‍या-01 एवं 02 ने संयुक्‍त उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि वायुयान का आगमन एवं प्रस्‍थान परिस्थिति के अनुसार बदला जा सकता है,  जो विपक्षी के अधिकार में नहीं है। उसे यात्रियों के मोबाइल पर एस0एम0एस0 के माध्‍यम से भेजा दिया जाता है या उनको भेज दिया जाता है, जिनके द्वारा टिकट बुक कराया जाता है या जिनका नम्‍बर उपलब्‍ध रहता है। परिवादी को यह प्रस्‍ताव दिया गया था कि वह उसी दिन उड़ान संख्‍या-एआई 811 से सायँ 18:30 बजे जा सकते हैं। यह प्रस्‍ताव उनके द्वारा स्‍वीकार भी किया गया था। उनको यह भी प्रस्‍ताव दिया गया था कि वे दूसरे दिन भी यात्रा कर सकते हैं, जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार भी किया था। यद्यपि उड़ान का निर्धारित समय बदलने की सूचना एस0एम0एस0 के माध्‍यम से दी गयी थी,  परन्‍तु परिवादी के अनुसार वह उन्‍हें प्राप्‍त नहीं हुआ। विपक्षी ने परिवादी एवं उसके परिवार के सदस्‍यों को अपने खर्च पर दूसरी उड़ान के लिये सहयोग दिया। परिवादी ने दूसरे दिन उड़ान संख्‍या 9 डब्‍ल्‍यू 644 से उड़ान के लिये सहमति दी और वे उस उड़ान से गये भी। उसके लिये उनसे कोई रकम नहीं ली गयी थी। भोजन और ठहरने के लिये जगह देने का कोई प्रश्‍न ही नहीं था। परिवादी को सेवा प्राप्‍त करने के बाद उसे कोई अधिकार नहीं है कि वह वाद दायर करे। विपक्षीगण ने सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं की है। वाद का कारण दिल्‍ली में उत्‍पन्‍न हुआ है। 17 जनवरी, 2017 को यात्रियों को इसकी सूचना दी गयी थी। टिकट बुकिंग के समय मोबाइल नम्‍बर-+919621136209 जो विपक्षी को उपलब्‍ध कराया गया था पर एस0एम0एस0 किया गया था। डायरेक्‍टर जनरल सिविल एविएशन के निर्देशानुसार टिकट बुकिंग के समय कान्‍टेक्‍ट डिटेल (संपर्क विवरण) उपलब्‍ध कराना था और उसी पर सूचना दी जानी थी। एअरलाइन्‍स को फ्लाइट की फ्रिक्‍वेन्‍सी बदलने या आगमन का समय बदलने,  यात्रा का निर्धारित रूट बदलने,  एअरक्राफ्ट के प्रकार बदलने,  एअरक्राफ्ट के निर्देश,  मौसम एवं अन्‍य कारणों से यह अधिकार है कि वह समय भी बदल सके।

     उभयपक्ष ने शपथ पर अपना साक्ष्‍य दाखिल किया है।

     अभिलेख का अवलोकन किया,  जिससे प्रतीत होता है कि परिवादी ने अपने एवं अपने परिवार के सदस्‍यों के लिये विपक्षी के एअरलाइन्‍स से टिकट बुक कराया था और वह फ्लाइट निर्धारित समय से करीब एक घन्‍टा पूर्व उड़ान भरा था। विपक्षी ने इसकी सूचना परिवादीगण को टिकट बुकिंग के समय उपलब्‍ध कराये गये मोबाइल नम्‍बर पर उड़ान की तिथि से काफी पहले एस0एम0एस0 के माध्‍यम से भेज दी गयी थी। परिवादी ने यह कहीं नहीं कहा है कि मोबाइल नम्‍बर 9621136209 परिवादी का है। यही नम्‍बर टिकट बुक करते समय विपक्षीगण को उपलब्‍ध कराया गया था। बहस के दौरान भी परिवादी यह नहीं बता सका कि यह मोबाइल नम्‍बर उनका है बल्कि उन्‍होंने यह स्‍वीकार भी कि या कि परिवादी ने टिकट एजेन्‍ट के माध्‍यम से बुक कराया था। परिवादी एवं उसके ग्रुप के सदस्‍य दूसरे दिन विपक्षी के वायुयान से यात्रा भी किया। विपक्षीगण ने इसके लिए उनकी सहमति प्राप्‍त की थी और उसी के अनुसार परिवादी एवं उसके ग्रुप के सदस्‍यों ने यात्रा की। इस वाद में जिसके द्वारा टिकट बुक कराया गया था उस एजेन्‍ट को पक्षकार नहीं बनाया गया है। यात्रा कर लेने के पश्‍चात् परिवादी को यह अधिकार नहीं है कि वह विपक्षी पर वाद दायर करे। परिवादी ने माननीय राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा पारित आदेश जेट एअरवेज इण्डिया लिमि0 बनाम डॉ0 आकाश लालवानी एवं अन्‍य पर बल दिया। इस वाद में एअरलाइन्‍स ने उपभोक्‍ता को समय बदलने की सूचना नहीं दी थी, परन्‍तु प्रस्‍तुत वाद में यह स्‍पष्‍ट है कि विपक्षीगण ने उसे दिये गये मोबाइल नम्‍बर पर सूचना दी थी। चॅूंकि परिवादी एवं उसके ग्रुप के सदस्‍य दूसरे दिन अपनी इच्‍छा से विपक्षीगण के एअरलाइन्‍स से सफर किया। परिवादी ने एजेन्‍ट को पक्षकार भी नहीं बनाया है। इस वाद का कारण भी लखनऊ में उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है। अत: यह वाद स्‍वीकार होने योग्‍य नहीं है।

                             (आदेश)

     परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

(स्‍नेह त्रिपाठी)                               (अरविन्‍द कुमार)

  सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                              जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,

                                            लखनऊ।                                         

 

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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