Rajasthan

StateCommission

FA/1178/2013

M/s India InfolineFinance Ltd. Gold Loan Branch - Complainant(s)

Versus

Neeraj Kanodia S/o Omprakash Kanodiya Mahajan - Opp.Party(s)

Avinash Kumbajh

05 Feb 2015

ORDER

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, सर्किट बैंच 
          संख्या 2, राजस्थान, जयपुर
 ं
अपील संख्या: 1178/2013
1.    श्री म्ाैसर्स इ-िण्डया इन्फोलाईन लि., गोल्ड लोन शाखा भगत सिंह ¼सदाफल टावर½ चौराहा, अलवर जरिये रिजनल कलेक्’ना मैनेजर, विकेक शर्मा। 
2.    मैसर्स इ-िण्डया इन्फोलाईन फाईन्ाेन्स लि. हाउस एन इम्पोटेक पार्क रोड, नम्बर-16 बी प्लॉट नम्ब्रा बी-23, एन आई डी सी थाने इ-िण्डस्टªीयल ऐरिया वाधले स्टेट थाने।
बनाम
1.    नीरज कानोडिया पुत्र श्री ओम प्रका’ा कानोडिया, निवासी हाल निवासी प्लॉट नम्बर 657, स्कीम नं. 10, नजदीक जैन मन्दिर अलवर तह. व जिला अलवर ।
समक्ष:- द्वारा एकल पीठ
माननीय श्री लियाकत अली, पीठासीन सदस्य।
उप-िस्थत:
श्री अविना’ा कुम्भज, अधिवक्ता अपीलार्थी । 
श्री अजय शर्मा,/’ाैलेन्द्र गोस्वामी अधिवक्ता प्रत्यर्थी।

                                                                                                                                                                                 दिनंका : 05.02.2015
राज्य आयोग, सर्किट बैंच नं0 02, राज. द्वारा-
    अपीलार्थी ने यह अपील जिला मंच अलवर के परिवाद संख्या 613/2013, निर्णय दिनांक 01.10.2013 से सुब्द्व होकर प्रस्तुत की है, जिसमें परिवादी को जेवरात लौटाने तथा अन्य क्षतिपू-ित्ार् देने के आदे’ा दिए गये है।
    संक्षिप्त में परिवाद के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी के यहा¡ दिनांक 14.12.2011 को सोने के जेवरात जिसमें  चूडिया¡ 6, एक चैन, दो सोने अंगूठियां गिरवी रखकर 2,09,700/-रू. का लोन प्राप्त प्राप्त किया था। सोने का कुल वजन 111.77 ग्राम था, जो विपक्षी के यहा¡ गिरवी रखा था तथा जब भी असल मय ब्याज जमा करवाने पर गोल्ड वापस लौटाने का आ’वासन दिया था। विपक्षी जिला मंच में उप-िस्थत नहीं हुए तथा परिवादी का यह आरोप था कि ब्याज व मूल रा-ि’ा चुकाने की सहमति के बावजूद विपक्षी उसका गोल्ड लौटाने को तैयार नहीं है, जिस पर जिला मंच ने उक्त आदे’ा पारित किए।
    हमनें दोनों पक्षों की बहस सूनी। पत्रावली का अवलोकन किया। 
    बहस में अपीलार्थी ने बताया कि चूंकि परिवादी समय-समय पर ब्याज की रा-ि’ा अदायगी नहीं कि एवं मूल रकम भी नहीं चुकायी इस कारण परिवादी का गिरवी रखा गोल्ड नीलामी करने से पूर्व अपीलार्थी ने दिनांक 14.02.13 एवं दिनांक 19.03.13 को टाईम्स आँफ इ-िण्डया में पब्लिक नोटिस जारी कर तथा दिनांक 15.02.2013 को भी दैनिक नवज्योति में नीलामी की सूचना प्रका-ि’ता करवायी, इसके बावजूद परिवादी गोल्ड एवं गिरवी चूडियां तथा ब्याज अदायगी करने नहीं आया। अत: जिला मंच ने जो आदे’ा दिया है, वह अस्वीकार योग्य है तथा अपीलार्थी ने कोई सेवादोष नहीं किया है। विपक्षी के अधिवक्ता ने कहा कि अपीलार्थी ने जो प्रकाष्ठ जारी किये है उसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं मिली। अत: जिला मंच ने जो आदे’ा पारित किया है वह उचित है।
    हमने दस्तावेजों का अवलोकन किया। अपीलार्थीगण ने जो पब्लिक नोटिस नीलामी हेतु प्रका-ि’ता करवाये है वे सारे के सारे विज्ञापन प्राईम एडिसन में प्रका-ि’ता हुए है। इन विज्ञापनों को देखने से यह प्रतीत नहीं होता है कि इनका प्रका’ना अलवर के अंकों में भी हुआ होगा। परिवादी ने एक दैनिक न्वाज्योति का पृष्ठ भी प्रस्तुत किया है, जो कि अलवर ऐडिसन का है, इससे यह प्रतीत होता है कि जयपुर और अलवर के अंक अलग-अलग प्रका-ि’ता होते हैं। इसके अलावा अपीलार्थी ने लोन की  ज्म्त्डै ।छक् ब्व्छक्प्ज्प्व्छै  भी प्रस्तुत की है, जिस पर परिवादी के हस्ताक्षर है। परिवादी को हस्त्ााक्षरित ज्म्त्डै ।छक् ब्व्छक्प्ज्प्व्छै की प्रति दी गई हो इसका कोई प्रमाण अभिलेख पर मौजूद नहीं है। उक्त ज्म्त्डै ।छक् ब्व्छक्प्ज्प्व्छै   हस्ताक्षरित करके अपीलार्थी ने अपने पास रख ली तथा इसमें क्या शर्तें है यह उपभोक्ता को कैसे जानकारी होगी। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बिन्दू यह है कि ज्म्त्डै ।छक् ब्व्छक्प्ज्प्व्छै की शर्त संख्या 5 डी में यह स्पष्ट अंकित है कि नीलामी से पूर्व अपीलार्थी परिवादी को उसके द्वारा भरे गए आवेदन पत्र में दिए गए पते पर नोटिस भी प्रेषित करेंगे, परन्तु अपीलार्थीगण द्वारा कोई नोटिस परिवादी को दिया गया हो ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है तथा ऐसे कोई नोटिस भी अभिलेख में मौजूद नहीं है।
अत: समस्त तथ्य एवं परि-िस्थतियों को देखते हुए अपील अपीलार्थी अस्वीकार की जाती है, परन्तु जिला मंच के आदे’ा को इस हद तक हम सं’ााेधित करना उचित समझते है कि परिवादी अपीलार्थी को नीलामी की ति-िथ तक का ब्याज एवं मूल रा-ि’ा का भुगतान  करेगा तथा अपीलार्थी ने परिवादी का जो सोना गिरवी रखा है, यदि उसका ओक्सन कर दिया है तो तत्कालीन प्रचलित सोने की दर के अनुसार उस रा-ि’ा का भुगतान करेेगा। अपीलार्थी परिवादी को परिवाद व्यय स्वरूप्ा 10,000/- रूप्ाए की रा-ि’ा का भुगतान विपक्षी करेगा, जो कि जिला मंच के 5,000/- रूप्ाए की रा-ि’ा के अतिरिक्त होगा। अत: उक्त अपील का निस्तारण करते हुए अपीलार्थी की अपील अस्वीकार की जाती है। अपीलार्थी को आदे’ा की पालना हेतु एक माह का समय दिया जाता है अर्थात एक माह के प्ा’चात्  9 प्रति’ता ब्याज की दर से भुगतान अदायगी तक ब्याज की रा-ि’ा परिवादी पाने का अधिकारी होगा।

लियाकत अली  

 पीठासीन सदस्य

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