राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0।
(मौखिक)
परिवाद संख्या-121/2024
राम उजागर सिंह पुत्र श्री नेक राम सिंह निवासी मकान नं0-120 ए गली नं0-9, लालबाग गांधी कालोनी मुजफ्फरनगर उ0 प्र0।
बनाम
नैय्यर लैण्ड इम्प्रसारियोस प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ पंजीकृत कार्यालय एच-8 सेक्टर डी, एल डी ए कालोनी कानपुर रोड लखनऊ 226012, कम्पनी इडेन्टीफिकेशन नं0-डी आई एन 030503696 पैन नं0 एएडीसीएन2262एम द्धारा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर गुरविन्दर सिंह पुत्र निर्मल सिंह निवासी फर्म सेहावा जैती खेड़ा, परगना बिजनौर जिला-लखनऊ।
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार अध्यक्ष
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री राजकुमार मिश्रा
विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नही
दिनांक: 18.06.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्धारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद इस न्यायालय के सम्मुख परिवादी श्री राम उजागर सिंह द्वारा विपक्षी नैय्यर लैण्ड इम्प्रसारियोस प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ के विरूद्ध निम्न अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु योजित किया गया है:-
(A) To pay Rs-7000000-00 (Rs. Seventy Lakh only) as damages/compensation for the Negligence and deficiency in service/duty, and towards mental agony/torture and depression to the complainant with interest at the rate of 18%, till the date of payment.
(B) To pay sale-deed amount Rs.968750-00 (Rs. Nine Lac Sixty Eight Thousand Seven Hundred Fifty) with the interest of 18% .i.e. Rs. 2886875-00 (Rs. Twenty Eight Lack Eighty Six Thousand Eight Hundred Seventy Five) till the actual payment.
(C) Thus to pay total Rs-9886875-00 (Rs. Ninety Eight lack Eighty Six Thousands Eight Hundred Seventy Five only) to the complainant with interest at the rate of 18% from 17/12/2013, till the date of payment in the interest of the justice.
(D) Any other order or direction as deemed fit and just by this Hon'ble Court may also be passed looking into the circumstances of the case.
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री राज कुमार मिश्रा को विस्तार से सुना गया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी की ओर से लापरवाही और कमी के विरूद्ध दर्ज कराते हुये कहा है परिवादी ने विपक्षी से प्लॉट नंबर सी-80 जो खसरा नंबर 1029 के भाग की पैमाइश 116.1 वर्ग मीटर (1250 वर्ग फुट) ग्राम -जैती खेड़ा (सिमरत शहर) कोड-1058 परगना- बिजनौर, तहसील-लखनऊ, अब सरोजनी नगर, जिला-लखनऊ में स्थित है, को भिन्न-भिन्न तिथियों पर परिवादी द्धारा कुल रु0 968750=00 (नौ लाख सी आठ हजार सात सौ पचास मात्र) का भुगतान कर विपक्षी से क्रय किया था जिसका कब्जा विपक्षी ने अभी तक प्राप्त नहीं कराया जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध प्रस्तुत किया है। परिवादी ने परिवाद के साथ विक्रय विलेख की प्रति संलग्न किया है।
उपरोक्त विक्रय विलेख दिनांकित 03.12.2013 के पेज संख्या-14 में स्पष्ट रूप से किश्त के रूप में भुगतान की गई कुल धनराशि रू0 9,68,750/- का उल्लेख है।
निर्विवादित रूप से परिवादी द्वारा कुल धनराशि रू0 9,68,750/- विपक्षी के यहां भुगतान की गयी है।
माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रथम अपील संख्या-254/2023 ओमेक्स लिमिटेड बनाम संध्या सिंह में पारित निर्णय दिनांकित 27.09.2023 में उल्लिखित किया गया है कि परिवादिनी द्वारा 44,73,750/-रू0 की धनराशि का भुगतान किया गया, जो 50,00,000/-रू0 से कम है, इसलिए माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया कि चूँकि प्रस्तुत प्रकरण में भुगतान की गयी धनराशि राज्य आयोग के आर्थिक क्षेत्राधिकार से कम है, अत: राज्य आयोग को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।
अत: उक्त निर्णय को दृष्टिगत रखते हुये प्रस्तुत परिवाद के सुनवाई का आर्थिक क्षेत्राधिकार राज्य आयोग को प्राप्त नहीं है।
तदनुसार प्रस्तुत परिवाद निरस्त किया जाता है।
यदि परिवादी द्धारा जिला आयोग के सम्मुख 01 माह की अवधि में परिवाद प्रस्तुत किया जाता है तो जिला आयोग विधि के अनुसार तत्काल सुनवाई करते हुये यथा संभव विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये शीघ्रतीशीघ्र परिवाद का निस्तारण करेगें।
आशुलिपिक /वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को तत्काल आयोग की वेबसाइड पर अपलोड करें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
रंजीत पी. ए.
पीठ संख्या-01