जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-584/2015
रामबली साहू पुत्र श्री छेदी लाल साहू निवासी 85/120 लक्ष्मी पुरवा कानपुर-208012
................परिवादी
बनाम
नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा जनरल मैनेजर स्थित 50 चमनलाल मार्केट गुमटी नं0-5 कानपुर नगर-208012, पंजीकृत कार्यालय-3 मिडलेटन स्ट्रीट कलकत्ता-700071
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 04.11.2015
निर्णय तिथिः 02.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से रू0 12,636.00 मय 24 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिनांक 30.03.15 से तायूम वसूली, रू0 7500.00 मानसिक व षारीरिक क्षति के लिए तथा रू0 4500.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी एक व्यवसायी है। परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी से एक मेडीक्लेम पॉलिसी नं0-451602/48/14/8500000589, जिसकी वैधता तिथि 07.10.14 से 06.10.15 तक थी, जो कि परिवादी एवं उसके परिवार के चिकित्सा कवर के लिए ली गयी थी। उक्त पॉलिसी के अंतर्गत परिवादी, परिवादी के परिवार के लोग चिकित्सीय स्वास्थ्य हेतु अधिकृत थे। मार्च 2015 में श्रीमती ष्यामा साहू अपने डाक्टर गोविन्द त्रिवेदी की राय से दिनांक 26.03.15 से 30.03.15 तक वेदान्ता अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र 9/15 आर्य नगर कानपुर नगर में इलाज हेतु भर्ती रहीं, जिसकी सूचना विपक्षी की अन्वेशण एजेंसी मेसर्स रक्षा टी0पी0ए0 प्रा0लि0 को दी गयी थी। उक्त पॉलिसी कैषलेस पॉलिसी थी। विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा
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परिवादी का क्लेम ’’अस्पताल में भर्ती होना न्यायोचित नहीं है’’-के आधार पर खारिज कर दिया गया। फलस्वरूप परिवादी को रू0 12,636.00 अस्पताल को अपने पास से अदा करना पड़ा। मेडीक्लेम पॉलिसी में कहीं पर यह उल्लिखित नहीं किया गया है कि किस प्रकार की चिकित्सा पॉलिसी से कवर नहीं होगी। विपक्षी द्वारा परिवादी का क्लेम न देने के कारण परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षी द्वारा, परिवादी द्वारा ली गयी उपरोक्त मेडीक्लेम पॉलिसी परिवादी को प्रदान करना तथा उक्त पॉलिसी की वैधता, जैसाकि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में बताया गया है-स्वीकार की गयी है। परिवादी व परिवादी के परिवार के लोगों का उक्त मेडीक्लेम पॉलिसी से कवर होना भी स्वीकार किया गया है। पॉलिसी नवीनीकरण दिनांक 04.10.12 से 03.10.13 तथा 07.10.14 से 06.10.15 तक होना स्वीकार किया गया है। विपक्षी की ओर से अपने जवाब दावा के प्रस्तर-5 में यह कहा गया है कि परिवादी की पत्नी ष्यामा साहू की बीमारी ’’ऐक्यूट अर्थराइटिस’’ पॉलिसी के अपवर्जन क्लाज की षर्त सं0- 4.3 प्रतीक्षा अवधि से बाधित होने के कारण टी0पी0ए0 द्वारा कैषलेस उपचार सुविधा की अनुमति नहीं दी गयी। आगे अपने जवाब दावा के प्रस्तर-7 में यह कहा गया है कि परिवादी को पॉलिसी देते समय पॉलिसी के नियमों व षर्तों का विवरण पत्र उपलब्ध कराया गया था, जिसमें अपवर्जन खण्ड की षर्त सं0-4.3 में स्पश्ट रूप से लिखा है कि पॉलिसी प्रारम्भ होने की तिथि से 4 वर्श अर्थात 48 महीने तक लगातार नियत तिथि पर नवीनीकरण के द्वारा पॉलिसी जारी रखने पर प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद ही अर्थराइटिस बीमारी पॉलिसी आवरण के अंतर्गत आ पायेगी। क्योंकि परिवादी की पत्नी श्रीमती ष्यामा साहू की दिनांक 26.03.15 को अस्पताल में भर्ती होने की तिथि से पॉलिसी प्रारम्भ होने की तिथि 04.10.12 के 2 वर्श 5 माह 22 दिन बाद की है, जो प्रतीक्षा अवधि 4 वर्श
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के पहले होने के कारण पॉलिसी आवरण के अंतर्गत नहीं है। इसी आधार पर परिवादी का दावा टी0पी0ए0 की संस्तुति पर विपक्षी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करके गुण-दोश के आधार पर खारिज किया गया है। विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 21.09.16 व 27.08.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-4/1 लगायत् 4/48 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में दुर्गा प्रसाद षाखा प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 03.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-8 के साथ संलग्न कागज सं0-8/1 व 8/10 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी का क्लेम बीमा पॉलिसी की षर्त सं0-4.3 से बाधित है, यदि हां, तो प्रभाव?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किये गये हैं कि विपक्षी बीमा कंपनी व अन्य तमाम बीमा कंपनियां पॉलिसी जारी करते समय तमाम लोक-लुभावन बाते करते हैं। किन्तु बाद में क्लेम लेने पर तमाम अड़ंगे लगाती हैं। बीमा कंपनियां भारी भरकम रकम लेकर मेडीक्लेम जैसी पॉलिसी जारी करती है, किन्तु क्लेम देने में कोताही बरतती हैं। जबकि इस सम्बन्ध में विपक्षी की ओर से
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यह कहा गया है कि परिवादी का क्लेम उपरोक्त बीमा षर्त से बाधित है। फोरम द्वारा उक्त बीमा षर्त का अवलोकन किया गया, जिसमें स्पश्ट रूप से यह विधिक प्राविधान दिया गया है कि ’’ऐक्यूट अर्थराइटिस’’ पॉलिसी के अपवर्जन क्लाज की षर्त सं0- 4.3 में स्पश्ट रूप से 4 वर्श की प्रतीक्षा अवधि बतायी गयी है। विपक्षी के अनुसार श्रीमती ष्यामा साहू के अस्पताल में भर्ती होने की तिथि 26.03.15 तथा पॉलिसी प्रारम्भ होने की तिथि 04.10.12 बतायी गयी है। इस प्रकार पॉलिसी जारी होने के मात्र दो वर्श पांच माह व्यतीत हुए हैं। जिससे पॉलिसी आवरण के अंतर्गत नहीं है। परिवादी द्वारा विपक्षी की ओर से किये गये उपरोक्त कथन के विरूद्ध कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
ःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।