Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/815/2008

PHOOL SINGH - Complainant(s)

Versus

NATIONAL INSURANCE - Opp.Party(s)

08 Oct 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/815/2008
 
1. PHOOL SINGH
GHATAMPUR KANPUR NAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. NATIONAL INSURENCE
KANPUR NAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

                                                   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-815/2008
फूल सिंह पुत्र मोतीलाल कुषवाहा निवासी पड़री लालपुर, थाना घाटमपुर कानपुर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 मण्डलीय कार्यालय सं0-1-16/96 महात्मा गांधी मार्ग, कानपुर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
2.    षाखा प्रबन्धक, बैंक आॅफ बड़ौदा, पड़री लालपुर कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.09.2008
निर्णय की तिथिः 27.04.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से भैंस की मृत्यु से हुई क्षति की क्षतिपूर्ति रू0 14000.00 की धनराषि, भैंस की मृत्यु की तिथि से अब तक के ब्याज सहित दिलाया जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने डाक्टरी परीक्षण सहित सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करके भैंस का पहचान नम्बर (टैग नं0-न्11082500ध्26868द्ध का विपक्षी बीमा कंपनी से बीमा कराया गया था। परिवादी की भैंस की मृत्यु दिनांक 12.09.06 को हो गयी, जिसकी सूचना बीमा कंपनी व बैंक को दी गयी थी, जिसकी जांच हुई और सारी औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरान्त क्लेम बीमा कंपनी को भेजा गया। बीमा कंपनी द्वारा परिवादी के हक में एक फार्म नं0-।ब्थ्.24ध्चेक/बाउचर दिनांकित 21.06.07 रू0 14000.00 को कैटिल क्लेम नं0-450400/4707/9490000003 बैंक आॅफ बड़ौदा पड़री लालपुर का परिवादी के हक में दिया और यह कहा गया कि रू0 14000.00 की धनराषि आपके खाते में जमा हो जायेगी।  उपरोक्त चेक/बाउचर 
............2
...2...

पर परिवादी के हस्ताक्षर भी बनवाये गये। किन्तु बैंक विपक्षी सं0-2 से जानकारी करने पर परिवादी को यह ज्ञात हुआ कि उपरोक्त धनराषि परिवादी के खाते में नहीं आयी है। परिवादी ने जब विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी के कार्यालय में जाकर इस संदर्भ में बात की और जानकरी चाही तो विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी द्वारा बिना कोई आधार बताये, यह कहा गया कि परिवादी को उक्त क्लेम नहीं मिलेगा। जिससे परिवादी को मानसिक, षारीरिक व आर्थिक क्षति हुई और इस कारणवष परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3.    विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन मेंयह कहा गया है कि परिवादी ने परिवाद पत्र में किसी भी पाॅलिसी का कोई नम्बर नहीं दिया है। जिससे यह स्पश्ट हेाता है कि अभिकथित भैंस का कोई बीमा ही नहीं था। परिवादी द्वारा एक पाॅलिसी नं0-450400/47/04/9400000385 बैंक आॅफ बड़ौदा के माध्यम से ली गयी थी, जो दिनांक 24.11.04 से 23.11.05 की अवधि के लिए प्रभावी थी। भैंस की मृत्यु के समय कोई पाॅलिसी प्रभावी नहीं थी। परिवादी द्वारा किया गया यह कथन कि उसकी भैंस का टैग बीमा कंपनी का जांचकर्ता ले गया था, सर्वथा असत्य है। परिवादी द्वारा अभिकथित भैंस का कोई पहचान का चिन्ह भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस आधार पर भी परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी ने दिनांक 24.04.14 को जो पाॅलिसी ली थी, वह बैंक आॅफ बड़ौदा के माध्यम से ली थी। परिवादी द्वारा बैंक आॅफ बड़ौदा षाखा कार्यालय के माध्यम से जो दावा बीमा कंपनी को भेजा गया था, उसमें कोई पाॅलिसी नम्बर अंकित नहीं था। अतः बीमा कंपनी के मण्डलीय कार्यालय द्वारा बैंक आॅफ बड़ौदा षाखा कार्यालय को सूचित कर दिया गया था कि पाॅलिसी नम्बर के अभाव में दावा रजिस्टर करना संभव नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद भारी हर्जे पर खारिज किया जाये।
4.    विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके यह परिवादी 
...........3
...3...

की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवाद पत्र की धारा-2 में उल्लिखित सभी औपचारिकतायें पूर्ण करने के पष्चात सभी कागजात बीमा कंपनी को भेजना स्वीकार है। बकिया मजमून बावजह लाइल्मी स्वीकार नहीं है।
5.    परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है तथा विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रस्तुत जवाब दावा का प्रस्तरवार खण्डन करते हुए यह कहा है कि परिवादी द्वारा भैंस की मृत्यु की सूचना बैंक व बीमा कंपनी को समय पर दी गयी। जिस पर बीमा कंपनी से जांच भी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप परिवादी के हक में फार्म सं0-।ब्थ्.24ध्चेक/बाउचर दिनांकित 21.06.07 रू0 14000.00 को कैटिल क्लेम नं0-450400/4707/9490000003 बैंक आॅफ बड़ौदा पड़री लालपुर का परिवादी के हक में दिया था। फोटोप्रति फोरम के अवलोकनार्थ उपलब्ध है।
6.    परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 10.08.07 एवं 03.09.11 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 को प्रेशित पत्र दिनांकित 12.09.06 की प्रति, फार्म सं0-ए.सी.एफ.-24 की प्रति, नोटिस की प्रति, विपक्षी सं0-2 द्वारा विपक्षी सं0-1 को प्रेशित पत्र दिनांकित 16.11.06, 07.12.06 एवं 14.03.07 की प्रति, दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
8.    विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में ए0के0 सिंह मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 19.02.13 दाखिल किया है।
..........4
...4...
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
9.    विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में ओ0पी0 त्रिपाठी षाखा प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 28.02.12 दाखिल किया है।
निष्कर्श
10.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी का प्रमुख तर्क यह है कि परिवादी ने परिवाद पत्र में किसी भी पाॅलिसी का कोई नम्बर नहीं दिया है। वास्तविकता यह है कि अभिकथित भैंस का कोई बीमा ही नहीं था। परिवादी का कथन कि उसकी भैंस का टैग बीमा कंपनी के जांचकर्ता ले गये थे। किन्तु परिवादी द्वारा अपने इस कथन की पुश्टि के लिए कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा भैंस की कोई पहचान साबित नहीं की जा सकी है। परिवादी द्वारा बैंक आॅफ बड़ौदा षाखा कार्यालय के माध्यम से जो दावा भेजा गया था, उसमें कोई पाॅलिसी नम्बर अंकित नहीं था। विपक्षी सं0-1 के उपरोक्त तर्कों से स्पश्ट होता है कि परिवादी को यह साबित करना है कि अभिकथित भैंस जिसकी मृत्यु दिनांक 12.09.06 को होना बताया गया है, उक्त भैंस विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी के यहां बीमित थी और उक्त भैंस की मृत्यु बीमा अवधि में हुई थी।
    परिवादी ने कथन किया है कि उसकी भैंस की मृत्यु दिनांक 12.09.06 को हुई और जिसकी समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरान्त बीमा कंपनी को क्लेम भेजा गया। बीमा कंपनी के द्वारा परिवादी के हक में फार्म नं0-।ब्थ्.24ध्चेक/बाउचर दिनांकित 21.06.07 रू0 14000.00 को कैटिल क्लेम नं0-450400/4707/9490000003 बैंक आॅफ बड़ौदा पड़री लालपुर का परिवादी के हक में दिया और यह कहा गया कि रू0 14000.00 की धनराषि आपके खाते में जमा हो जायेगी, किन्तु क्लेम धनराषि परिवादी को कभी प्राप्त नहीं हुई।
..........5
...5...
    
उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर पत्रावली पर समस्त साक्ष्यों के परिषीलन से विदित हेाता है कि विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी द्वारा यह कहा गया है कि अभिकथित भैंस बीमित नहीं थी। अतः यह सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में बीमा पाॅलिसी अथवा कवरनोट कोई भी ऐसा साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया है, जिससे यह सिद्ध होता हो कि अभिकथित भैंस बीमित थी। किस भैंस की मृत्यु हुई थी, यह भी परिवादी द्वारा सिद्ध नहीं किया गया है। पषु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया जाने वाला प्रमाण पत्र यथा पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र जैसा कोई भी साक्ष्य परिवादी द्वारा दाखिल नहीं किया गया है। अभिकथित भैंस का टैग नम्बर का टोकन भी दाखिल नहीं किया गया है। यद्यपि विपक्षी सं0-2 की ओर से यह कहा गया है कि समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के पष्चात परिवादी का क्लेम विपक्षी सं0-2 बैंक आॅफ बड़ौदा के द्वारा विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी को भेजा गया था, किन्तु समस्त औपचारिकतायें पूर्ण थी या नहीं यह सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। विपक्षी सं0-2 के द्वारा भी यह नहीं स्पश्ट किया गया कि अभिकथित भैंस की मृत्यु हुई थी या नहीं और उक्त भैंस बीमित थी या नहीं। जिससे यह स्पश्ट होता है कि परिवादी अभिकथित मृतक भैंस की पहचान सिद्ध करने में असफल रहा है।
    उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस निर्णय पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
11.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।
...........6
....6....

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.