Bharat singh filed a consumer case on 18 Jul 2016 against National Insurence in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/126/2013 and the judgment uploaded on 12 May 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-126/2013
भरत सिंह पुत्र श्री अहोरवा सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट गहरौली जिला रायबरेली, उत्तर प्रदेष।
................परिवादी
बनाम
वरिष्ठ षाखा प्रबन्धक, नेषनल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 भाठिया काम्पलेक्स 124/1 सी0 ब्लाक गोविन्द नगर, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 04.03.2013
निर्णय तिथिः 19.04.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से गाड़ी नं0-यू0पी0-33 एस-6134 जीप बुलेरो कार के दुर्घटना के कारण उसकी मरम्मत हेतु अदा की गयी धनराषि रू0 1,98,545.00, गलत अविधिक कार्य व्यवहार के लिये रू0 57000.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी गाड़ी नं0-यू0पी0-33 एस-6134 जीप बुलेरो कार का मालिक व स्वामी है। जिसका विपक्षी बीमा कंपनी से दिनांक 23.11.12 से 22.12.12 तक बीमा कराया गया था। दिनांक 03.02.12 को उपरोक्त प्रष्नगत वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी मरम्मत महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 के अथराज्ड डीलर स्थित प्लाट सं0-608-609 रूमा जी0टी0 रोड कानपुर नगर से कराया। विपक्षी को घटना के बावत विस्तृत जानकारी देकर क्लेम की मांग की गयी। विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा प्रष्नगत वाहन का दावा सं0- 31/ 11/6190000156 प्रारम्भ किया गया। विपक्षी द्वारा दौरान जांच कई
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अविधिक समस्यायें उत्पन्न की गयी और सर्वेयर द्वारा भी नीति सिद्धांत नियमों का पालन नहीं किया गया। सर्वेयर द्वारा गलत ढंग से दो अलग-अलग गाड़ियों के फोटोग्राफ रिपोर्ट में लगायी गयी। प्रष्नगत वाहन की मरम्मत हेतु दिये जाने एवं मरम्मत के बाद दिये गये फोटोग्राफ नहीं दिये गये प्रष्नगत वाहन का कुल इस्टीमेट बिल रू0 4,05,027.34 का बिल बना तथा मेरे आदेषक द्वारा दिनांक 17.04.12 को दिनांक 1,98,445.00 किया जाकर गाड़ी अपने कब्जे में ली गयी। विपक्षी द्वारा मनमाने तौर पर बहुत ही कम धनराषि की अदायगी की जा रही है। जबकि परिवादी को रू0 1,98,545.00 अदा न करने के कारण परिवादी को मानसिक, आर्थिक, सामाजिक परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस परिवादी की नहीं सुनी गयी। फलस्वरूप प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3. विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि अभिकथित दुर्घटना दिनांक 03.02.12 को होना परिवादी द्वारा बताया गया है। दुर्घटना से सम्बन्धित पत्र दिनांक 09.02.12 प्राप्त करने के उपरांत विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा श्री विनोद कुमार मलहोत्रा/सर्वेयर को दुर्घटना के अन्वेशण हेतु नियुक्त किया गया। सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह बताया गया कि बीमित वाहन के स्वामी के द्वारा बताने के अनुसार गलत दिषा से आते हुए ट्रक के द्वारा टक्कर मार देने से प्रष्नगत दुर्घटना का होना संभव नहीं है। क्योंकि ट्रक के सामने वाला बम्पर बुलेरो के बम्पर की तुलना में नीचे होता हैं इसलिए बुलेरो का बम्पर ट्रक के बम्पर के नीचे नहीं जा सकता। प्रष्नगत वाहन में कारित क्षति के आलोक से यह प्रकट होता है कि प्रष्नगत वाहन में आई हुई क्षति किसी बड़े वाहन के पीछे वाले हिस्से में टकराने से हुई है। सर्वेयर द्वारा दी गयी उपरोक्त रिपोर्ट दिनांक 16.06.12 के आलोक में परिवादी से स्पश्टीकरण देने के लिए पत्र दिनांकित 10.09.12 के माध्यम से कहा गया। परिवादी
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द्वारा अपने पत्र दिनांकित 26.09.12 के माध्यम से स्पश्टीकरण भेजा गया। परिवादी द्वारा दिये गये स्पश्टीकरण को अन्वेशक श्री विनोद कुमार मलहोत्रा को भेजा गया। सर्वेयर द्वारा परिवादी के स्पश्टीकरण को प्राप्त करने के पष्चात ही अपनी रिपोर्ट दिनांक 16.06.12 की पुश्टि की गयी। अतः सर्वेयर द्वारा दूसरी बार दी गयी रिपोर्ट दिनांकित 13.11.12 को दृश्टिगत रखते हुए तथा परिवादी द्वारा दिये गये स्पश्टीकरण को दृश्टिगत रखते हुए परिवादी का क्लेम दिनांक 28.11.12 को नो-क्लेम कर दिया गया। इस प्रकार विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। परिवादी किसी प्रकार का अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवाद दुर्भावनाग्रस्त मंषा से पूर्णतया झूठे एवं बनावटी कथन के आधार पर वास्तविक तथ्यों को छिपाकर प्रस्तुत किया गया है, जो कि संधार्य नहीं है। परिवादी का क्लेम गुण-दोश के आधार पर खारिज किया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 02.03.13 एवं 12.12.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/11 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में एस0के0 पाण्डेय षाखा प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 03.01.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-2/1 लगायत् 2/12 एवं सूची कागज सं0-3 के साथ संलग्न कागज सं0-3/1 लगायत् 3/4 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
6. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं विपक्षी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
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उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-4 व 5 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या विपक्षी के अन्वेशक द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर परिवादी कोई क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी है, यदि हां तो प्रभाव?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि विपक्षी के अन्वेशक/सर्वेयर द्वारा दो बार रिपोर्ट दी गयी है। प्रथम बार दिनांक 16.06.12 को और दूसरी बार दिनांक 13.11.12 को दी गयी है। सर्वेयर द्वारा दोनो रिपोर्टों में यह बताया गया कि बीमित वाहन के स्वामी के द्वारा बताने के अनुसार गलत दिषा से आते हुए ट्रक के टक्कर मार देने के कारण प्रष्नगत दुर्घटना का होना संभव नहीं है। क्योंकि ट्रक के सामने वाला बम्पर बुलेरो के बम्पर की तुलना में नीचे होता है। इसलिए बुलेरो का बम्पर, ट्रक के बम्पर के नीचे नहीं जा सकता। प्रष्नगत वाहन में कारित क्षति के आलोक से यह प्रकट होता है कि प्रष्नगत वाहन में आई हुई क्षति किसी बड़े वाहन के पीछे वाले हिस्से में टकराने से हुई है। परिवादी की ओर से यह तर्क किया गया है कि सर्वेयर द्वारा गलत ढंग से दो अलग-अलग गाड़ियों के फोटोग्राफ लगाये गये हैं। प्रष्नगत वाहन की मरम्मत हेतु दिये जाने पर लिये गये फोटोग्राफ एवं मरम्मत के बाद लिये गये फोटोग्राफ नहीं लगाये गये।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी की ओर से किये गये उपरोक्त कथन तथा विपक्षी के सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट कागज सं0-2/1 लगायत् 2/4 व कगज सं0-2/11 के विरूद्ध कोई तकनीकी विषेशज्ञ/मैकेनिक द्वारा दी गयी रिपोर्ट प्रस्तुत करके, खण्डन नहीं किया गया है।
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अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज कया जाता हैं उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
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