Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/156/2011

Shri Ravikant Yogi - Complainant(s)

Versus

NATIONAL INSURANCE COMPANY - Opp.Party(s)

16 Oct 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/156/2011
 
1. Shri Ravikant Yogi
R/0 Holi Ka Kua,Village & Post-Pakbada Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. NATIONAL INSURANCE COMPANY
Branch Office-I Wajid Nagar Prince Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  मोटर साईकिल चोरी हो जाने के फलस्‍वरूप मोटर साईकिल की बीमा राशि 25,000/- रूपया तथा मानसिक क्षति की मद में 20,000/- रूपया विपक्षी से दिलाऐ जाने हेतु परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है। परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि दिनांक 15/6/2010 को परिवादी की मोटर साईकिल सं0- यू0पी0 21 एल0/ 9180 उसके घर के बाहर सड़क से चोरी हो गई। परिवादी ने इसकी तुरन्‍त सूचना थाना पाकबड़ा को दी, थाने वालों ने प्रार्थी की तहरीर लेकर रख ली और रिपोर्ट दर्ज नहीं की।  प्रार्थी से कह दिया कि मोटर साईकिल तलाश की जा रही है। परिवादी ने थाने के कई चक्‍कर लगाऐ किन्‍तु उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। दिनांक 16/9/2010 को परिवादी ने धारा’156 (3) के तहत न्‍यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। न्‍यायालय के आदेश से मोटर साईकिल चोरी की रिपोर्ट थाने पाकबड़ा में  दिनांक  26/10/2010  को  दर्ज  हुई।  रिपोर्ट दर्ज  होते ही परिवादी ने  एफ0आई0आर0 की कापी लेकर विपक्षी को सूचित किया। परिवादी के अनुसार  कई बार उसने विपक्षी से अनुरोध किया कि उसका क्‍लेम दर्ज कर लें,  किन्‍तु  विपक्षी ने क्‍लेम दर्ज नहीं किया। परिवादी का आरोप है कि बीमा की राशि  हड़पने के लिए विपक्षी उसे परेशान कर रहे हैं उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने कथित रूप से चोरी गई मोटर साईकिल की आर0सी0 तथा थाना पाकबड़ा में दर्ज एफ0आई0आर0 की फोटो प्रतियां दाखिल की हैं, यह प्रलेख पत्रावली के कागज सं0-3/5 तथा 3/6 हैं। इनके अतिरिक्‍त परिवादी ने डाकखाने की एक असल रसीद कागज सं0-5 भी  दाखिल की।
  4.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3 दाखिल  हुआ जिसमें कहा गया कि परिवादी ने काफी देर से उत्‍तरदाता बीमा कम्‍पनी  को कथित चोरी की सूचना दी, परिवादी का बीमा दावा पंजीकरण योग्‍य नहीं पाया गया जिसकी सकारण सूचना परिवादी को पत्र दिनांक 31/12/2010  द्वारा भेजी गई थी। विपक्षी ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की।  अतिरिक्‍त् कथनों में कहा गया कि परिवादी द्वारा मोटर साईकिल दिनांक 15/6/2010 को चोरी होना कहा गया है जबकि बीमा कम्‍पनी को परिवादी ने  पत्र के माध्‍यम से दिनांक 31/12/2010 को दी इस प्रकार सूचना देने में 6 महा 16 दिन का विल्‍म्‍ब किया गया। परिवादी के लिए आवश्‍यक था कि  बीमा शर्तों के अनुरूप बीमा कम्‍पनी को चोरी की तत्‍काल सूचना देता, किन्‍तु  उसने ऐसा नहीं किया और बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया जिस कारण पत्र दिनांक 31/12/2010 के माध्‍यम से दा‍वा पंजीकरण योग्‍य न होने की सूचना परिवादी को दे दी गई थी। विपक्षी ने अग्रेत्‍तर यह भी कथन किया कि पुलिस में दर्ज रिपोर्ट पर पुलिस ने क्‍या कार्यवाही की और पुलिस कार्यवाही का क्‍या परिणाम निकला इस बात का परिवादी ने परिवाद पत्र में खुलासा नहीं किया है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/2 दाखिल किया। अभिलेखीय साक्ष्‍य में परिवादी ने सूची कागज सं0- 9/3 के माध्‍यम  से थाना पाकबड़ा में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट, पुलिस द्वारा न्‍यायालय में  भेजी गई फाइनल रिपोर्ट, बीमा कवरनोट तथा मोटर साईकिल की आर0सी0  की  फोटो  प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 9/4  लगायत 9/9 हैं। विपक्षी की ओर से बीमा कम्‍पनी के स्‍टेशन रोड स्थित मण्‍डलीय कार्यालय के सहायक प्रबन्‍धक श्री रमन ओबराय ने अपना साक्ष्‍य  शपथ पत्र कागज सं0- 11/1 लगायत 11/3 दाखिल किया जिसके साथ बीमा कवरनोट, बीमा पालिसी की शर्तें, उत्‍तरदाता विपक्षी को चोरी की सूचना दिऐ जाने विषयक परिवादी के पत्र दिनांक 27/12/2010 तथा परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 31/12/2010 की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 11/4 लगायत 11/10 हैं।
  6.   किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  7.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली  का अवलोकन किया।
  8.   परिवादी के अनुसार उसकी मोटर साईकिल दिनांक 15/6/2010 को चोरी हुई  थी। परिवादी के साक्ष्‍य शपथ के पैरा सं0-4 के अनुसार थाना पाकबड़ा पर मोटर साईकिल चोरी की उसकी रिपोर्ट दिनांक 26/10/2010 को  दर्ज हुई। साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-5 में परिवादी ने यह कथन किया है कि थाने पर रिपोर्ट दर्ज होते ही रिपोर्ट की प्रति लेकर परिवादी ने विपक्षी को सूचित किया था। इस प्रकार परिवादी की स्‍वयं की स्‍वीकारोक्ति के अनुसार मोटर साईकिल चोरी होने के बाद दिनांक 28/10/2010 तक उसने मोटर साईकिल चोरीकी विपक्षी को सूचना नहीं दी थी। विपक्षी के साक्षी श्री रमन ओबराय ने  अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ परिवादी के उस पत्र की फोटो प्रति दाखिल  की है जिसके द्वारा परिवादी ने  विपक्षी को मोटर साईकिल चोरी की सूचना दी थी। इस पत्र के अनुसार मोटर साईकिल की चोरी की सूचना विपक्षी को  दिनांक 31/12/2010 को प्राप्‍त  हुई ।प्रकट है कि मोटर साईकिल चोरी की सूचना विपक्षी को मोटर साईकिल चोरी हो जाने के 6 माह 16 दिन बाद  परिवादी ने दी।
  9.   बीमा पालिसी की शर्तों की फोटो प्रति पत्रावली का कागज सं0- 11/5  लगायत 11/8 हैं। बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 के अनुसार चेारी की सूचना विपक्षी को लिखित में चोरी की घटना के तत्‍काल बाद दी जानी आवश्‍यक  थी। प्रकट है कि चोरी की सूचना विपक्षी को देने में परिवादी द्वारा इस शर्त का उल्‍लंघन किया गया है।
  10.   परिवादी द्वारा थाने पर चोरी की रिपोर्ट लिखाऐ जाने में भी बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्‍लंघन होना प्रकट है। यधपि परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में यह कहा है कि चोरी के तत्‍काल बाद उसने थाना पाकबड़ा पर तहरीर दी थी, किन्‍तु थाने पर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। किन्‍तु अपने  इस कथन को वह प्रमाणित नहीं कर पाया है। यदि पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट तत्‍काल दर्ज नहीं की थी तो अपेक्षित था कि वह अन्‍य किसी संचार माध्‍यम से अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास करता, किन्‍तु परिवादी द्वारा ऐसा न किया जाना यह दर्शाता है कि वास्‍तव में चोरी के तत्‍काल बाद थाना पाकबड़ा पर उसने चोरी की कोई सूचना नहीं दी और ऐसा करके उसने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्‍लंघन किया। 
  11.   न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम त्रिलोचन जाने, IV (2015) पृष्‍ठ-441 (NC), के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,  नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि बीमा पालिसी की शर्तों के  अनुसार चोरी की सूचना पुलिस में और बीमा कम्‍पनी को तत्‍काल न दिया जाना बीमा पालिसी की शर्त का उल्‍लंघन है और इस आधार पर बीमा कम्‍पनी  बीमा दावा को अस्‍वीकार कर सकती है। त्रिलोचन जाने के मामले में बीमा कम्‍पनी को चोरी की सूचना देने में 9 दिन तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने में 2 दिन का विलम्‍ब हुआ था जिसे मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली ने बीमा पालिसी की शर्त का उल्‍लंघन माना।
  12.   इस मामले में बीमा कम्‍पनी और पुलिस को सूचना देने में परिवादी ने विलम्‍ब  कारित करके बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है अत: परिवादी का दावा दर्ज किऐ जाने योग्‍य न पाते हुऐ उसे अस्‍वीकार कर विपक्षी ने कोई  त्रुटि कारित नहीं की।
  13.   उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     16.10.2015              16.10.2015     16.10.2015

 

 

  1.  

 

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 16.10.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     16.10.2015              16.10.2015     16.10.2015

 

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.