Rajasthan

Sawai Madhopur

361/2014

Ramsingh - Complainant(s)

Versus

NAtional Insurance Company - Opp.Party(s)

12 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 361/2014
 
1. Ramsingh
Sawai Madhopur
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
              श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-361/2014                                             परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 14.08.2014
रामसिंह पुत्र भरत सिंह उम्र-55 साल, जाति-राजपूत, पेशा-काश्तकारी, निवासी-भदलाव, तहसील व जिला- सवाई माधोपुर। 
                                                                                                         परिवादी
विरुद्ध
1.    नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड कार्यालय हरिकृपा, जवाहर नगर बजरिया सवाई माधोपुर जरिये डिविजनल मैनेजर,
2.    बैंक आॅफ बडौदा शाखा कुण्डेरा तहसील व जिला सवाई माधोपुर।
                                                                                                       विपक्षीगण
उपस्थिति:-
1.    श्री कैलाश सिंह राजावत अधिवक्ता परिवादी
2.    श्री गोविन्द दीक्षित अधिवक्ता विपक्षी संख्या 1
द्वारा कैलाश चन्द्र शर्मा (अध्यक्ष)                                                      दिनांक:- 12 फरवरी, 2015
                                                                 नि  र्ण  य
    परिवादी ने यह परिवाद संक्षेप में इनत थ्यों के साथ प्रस्तुत किया है कि  उसने दिनांक 7.7.2011 को दस भैंसे क्रय करने हेतु उधमिता योजना के अन्तर्गत सम्पूर्ण कागजी कार्यवाही पूर्ण कर विपक्षी संख्या 2 से 4,50,000 रूपये का ऋण लिया था। जिसमें उक्त उ़द्यमिता योजना के अन्तर्गत 1,25,000 रूपये की सबसिडी थी।  बैंक आफ बडौदा के तत्कालिन शाख प्रबन्धक ने परिवादी को सलाह दी कि आप खरीद शुदा भेंसों का नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड शाखा सवाई माधोपुर के यहंा पर इंश्योरेंस पाॅलिसी हमारे बैंक के माध्यम से करवा ले ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना के लिए बीमा कम्पनी उत्तरदायी रहेगी। परिवादी ने बैंक के शाखा प्रबन्धक पर विश्वास कर नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से उक्त दस भेंसों का बीमा करवा लिया। लेकिन बीमा कम्पनी ने उक्त भेंसों का बीमा कॅवर नोट परिवादी को आज दिन तक नहीं दिया। बीमा की अवधि दिनांक 19.4.13 से 18.4.14 तक की थी। दिनांक 31.1.14 की मध्य रात्री को टैग संख्या 17265, 17223, 17266, 17287 उक्त चारों बीमित भेंसें चोरी हो गई जिसकी सूचना दूसरे दिन बैंक आॅफ बडौदा व बीमा कम्पनी को लिखित में दी गई तथा पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर को भी रिपोर्ट पेश की  तथा दिनांक 5.2.14 को पुलिस कोतवाली  सवाई माधोपुर में भेंसे चोरी होनी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। पुलिस ने अदम पता अदम वकू में उक्त एफ आई आर पर माननीय न्यायालय में एफ0आर0 लगा दी । परिवादी ने बैंक आॅफ बडौदा में सम्पर्क किया और शाखा प्रबन्धक से कहा कि आपके कहने पर ही मैने उक्त भैंसों का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी में करवाया था लेकिन बीमा कम्पनी अब कोई ध्यान नहीं दे रही । इस पर बैंक के शाखा प्रबन्धक के ने भी कोई ध्यान नहीं दिया और परिवादी को मजबूरवश माननीय जिला मंच की शरण लेनी पडी है। इस प्रकार विपक्षी का भारी सेवा दोष है और परिवादी का परिवाद स्वीकार फरमाये जाने का निवेदन किया।
    विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 1.2.2014 को टेग संख्या 17265, 17223, 17266, 17287 भेंसो की तथाकथित चोरी दिनांक 31.1.2014 की सूचना वित्त पोषक बैंक विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से भिजवायी गई जो बीमा कमपनी को दिनांक 3.2.14 को प्राप्त हुई। फिर परिवादी द्वारा एक पत्र दिनांक 11.2.14 को भेजा गया। विपक्षी बीमाकम्पनी द्वारा पत्र दिनांक 3.3.14 को बैंक के माध्यम से भी परिवादी को सूचित कर दिया गया कि उपरोक्त बीमा पाॅलिसी में शर्तो के अनुसार भेंस की चोरी कॅवर नहीं होती है। फिर भी परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को जरिये अधिवक्ता नोटिस दिनांक 16.5.14 भिजवाया गया। जिसका जवाब भी बीमा कम्पनी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 28.5.14 को भिजवा दिया गया। फिर भी परिवादी द्वारा एक झॅूठा परिवाद माननीय जिला मंच में पेश कर दिया गया जो काननून चलने योग्य नहीं है। पशु बीमा पाॅलिसी की टम्र्स एवं कन्डीशनों के तहत पशु के चोरी बाबत कोई रिस्क कॅवर नहीं होती है। इस कारण बीमा कम्पनी पशु चोरी के मामलों में बीमा राशि अदा करने का कोई दायित्व नहीं है। पशु बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत पशु चोरी होने पर कोई रिस्क कॅवर नहीं होती है। इस वजह से विपक्षी बीमाकम्पनी का कोई सेवा दोष नहीं है और ना ही साबित है। अतः परिवादी का परिवाद विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्व मय हर्जा खर्चा निरस्त फरमाया जावे।
    परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में फोटो प्रति एफ0आर0, एफ0आई0आर0, लीगल नोटिस बैंक आॅफ बडौदा, लीगल नोटिस बीमा कम्पनी, ए डी प्राप्ति रसीद, कॅवर नोट बीमा कम्पनी आदि की फोटो प्रतियां पेशकी गई है जबकि विपक्षी सं.1 की तरफ से श्री अनिल लूथरा का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में जवाब की फोटो प्रति दिनांकित 28.5.14, पत्र दिनांकित 3.3.14, असल प्रति बीमा पाॅलिसी,  पशु धन बीमापाॅलिसी टम्र्स एंड कन्डीशन्स, केटल इंश्योरेंस नाॅन स्कीम आदि की प्रतियां पेश की है।
    विपक्षी संख्या 2 बैंक आॅफ बडौदा की तरफ से न तो परिवाद का जवाब प्रस्तुत किया गया है और ना ही कोई शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य आदि प्रस्तुत की गई है। अतः विपक्षी संख्या 2 के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही अमल मे लाई गई।
    उभय पक्षकारान की बहस अंतिम सुनी गई। पत्रावली का अध्योपान अध्ययन किया गया।
    प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी द्वारा विपक्षी सं.1 बीमा कम्पनी से चार भैंसो के चोरी हो जाने के कारण बीमा क्लेम राशि दिलवाई जाने की प्रार्थना की है। विद्वान अधिवक्ता परिवादी की यह बहस है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 2 बैंक से भैंसो के लिए उद्यमिता योजना में ऋण प्राप्त किया था। जिसमें नियमानुसार सब्सिडी भी देय थी। शाखा प्रबन्धक द्वारा भेंसों का बीमा कराने का सुझाव दिया गया था। जिसके विश्वास में आकर विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी से प्रिमियम राशि अदा कर बीमा करवाया गया था। लेकिन विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी द्वारा कोई कॅवर नोट अथवा बीमा पाॅलिसी नहीं दी गई थी और बीमा कम्पनी द्वारा अथवा बैंक द्वारा कोई बीमा पाॅलिसी की शर्ते भी नहीं बताई गई थी। प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी द्वारा भेंस चोरी हो जाने की एफ आई आर संख्या 70/14 दिनांक 7.2.14 को दर्ज करवाई गई है। जिसमें एफ आर नम्बर 55 दिनांक 4.4.14 को अदम पता माल मुलजिमान में दी गई है।  इससे यह तथ्य तो प्रमाणित है कि विवादित भेंसे चोरी हुई है।
    विपक्षी संख्या 1 द्वारा विवादित भेंसों का बीमा किया जाना स्वीकार किया गया है। चोरी की सूचना भी बैंक के माध्यम से दिनांक 3.2.14 को प्राप्त होना स्वीकार किया गया है। विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी द्वारा जवाब के क्रम संख्या चार में यह अभिवचन किया गया है कि पशु बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत पशु के चोरी बाबत कोई रिश्क कॅवर नहीं होती है। इसलिए बीमा क्लेम दर्ज नहीं किया गया है तथा बीमा कम्पनी द्वारा पत्र दिनांकि 3.3.14 को बैंक के माध्यम से भी परिवादी को सूचित कर दिया गया कि उपरोक्त बीमा पाॅलिसी में शर्तो के अनुसार भेंस की चोरी कॅवर नहीं होती है। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा हमारे समक्ष पशुधन बीमा पाॅलिसी की प्रति पेश की गई है जिसके क्रम संख्या 7 पर बीमाकृत पशु की चोरी या गुप्त रूप से बिक्री की रिस्क कॅवर नहीं है। परिवादी ने हमारे समक्ष ऐसी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है कि विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी द्वारा उसे चोरी गई भेंस के बाबत चोरी की रिस्क बीमा पाॅलिसी में कॅवर की गई थी। अतः साक्ष्य के अभाव में परिवादी का बीमा क्लेम स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद साक्ष्य के अभाव में विरूद्व विपक्षीगण खारिज किया जाता है।
आदेश
    अतः परिवादी का परिवाद साक्ष्य के अभाव में  विरूद्व विपक्षीगण खारिज किया जाता है। पक्षकारान खर्चा परिवाद स्वयं अपना अपना वहन करेगे।

सौभाग्यमल जैन                                                                               कैलाश चन्द्र शर्मा
    सदस्य                                                                                            अध्यक्ष      

                           निर्णय आज दिनांक 12.02.2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                              कैलाश चन्द्र शर्मा
  सदस्य                                                                                              अध्यक्ष
    

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.