राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-944/2024
(जिला उपभोक्ता आयोग, बलिया द्धारा परिवाद सं0-271/2012 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 11-10-2022 के विरूद्ध)
मुक्तेश्वर नाथ पाण्डेय पुत्र स्व0 चन्द्राबलि पाण्डेय निवासी बनकटा, जिला बलिया।
........... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
ब्रान्च मैंनेजर नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 ब्रान्च बिसुनीपुर बलिया तहसील व जिला बलिया। …….. प्रत्यर्थी/विपक्षी।
समक्ष :-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री विनीत कुमार विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं।
दिनांक :- 05-07-2024.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्मुख उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-41 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, बलिया द्धारा परिवाद सं0-271/2012 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 11-10-2022 के विरूद्ध योजित की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्त आदेश दिनांक 11-10-2022 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी में परिवाद निरस्त किया गया।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री विनीत कुमार को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
-2-
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय का ध्यान उक्त आदेश दिनांक 11-10-2022 की ओर आकृष्ट करते हुए कथन किया गया कि यद्यपि परिवाद वर्ष 2012 से विद्वान जिला आयोग के सम्मुख लम्बित था। परिवादी विद्वान जिला आयोग के सम्मुख पूर्व में लगभग प्रत्येक तिथि पर उपस्थित होता रहा था और परिवादी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्ता द्वारा साक्ष्य व लिखित तर्क विद्वान जिला आयोग के सम्मुख दाखिल किया गया था। वर्ष 2022 में अन्तिम सुनवाई हेतु तिथि नियत थी, इस बीच परिवादी के अधिवक्ता की मृत्यु हो गई। तब परिवादी ने नये अधिवक्ता की नियुक्ति की। विद्वान जिला आयोग के सम्मुख पुनर्स्थापन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जो आदेश दिनांक 13-06-2024 द्वारा निरस्त कर दिया गया।
अपीलार्थी की ओर से विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिस पर अधिवक्ता अपीलार्थी को सुना गया। विलम्ब का कारण पर्याप्त है। विलम्ब क्षमा किया जाता है।
पीठ द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 11-10-2022 का सम्यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त यह पाया गया कि अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से उपरोक्त आदेश दिनांक 11-10-2022 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में खारिज किया गया, जबकि अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथनानुसार परिवादी लगभग प्रत्येक निश्चित तिथि पर उपस्थित होता रहा था और उसकी ओर साक्ष्य व लिखित तर्क भी दाखिल किया गया था, किन्तु अपीलार्थी के तत्कालीन अधिवक्ता की मृत्यु हो गई। अत्एव पीठ के अभिमत में परिवादी को न्यायहित में सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। तदनुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
आदेश
तदनुसार अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, बलिया द्धारा परिवाद सं0-271/2012 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 11-10-2022 अपास्त किया
-3-
जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग को निर्देशित किया जाता है कि परिवाद सं0-271/2012 को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए परिवाद के दोनों पक्षकारों को साक्ष्य एवं सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव 06 माह की अवधि में परिवाद सं0-271/2012 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे। इससे पूर्व प्रत्यर्थी/विपक्षी को विद्वान जिला आयोग द्वारा सूचना भेजा जाना अवश्य सुनिश्चित किया जावे। किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की अनुमति न प्रदान की जावे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी/परिवादी अथवा उनके अधिवक्ता द्वारा दिनांक 05-08-2024 को अथवा उससे पूर्व सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग, के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुधा उपाध्याय)
अध्यक्ष सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-1.