Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/04/2013

Ahsan Group Trust - Complainant(s)

Versus

National Insurance Company - Opp.Party(s)

07 Feb 2018

ORDER

         परिवाद प्रस्‍तुतिकरण की तिथि: 17-10-2013   

                                              निर्णय की तिथि: 07.02.2018

कुल पृष्‍ठ-6(1ता6)

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद

उपस्थिति

श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष

                      श्री सत्‍यवीर सिंह, सदस्‍य

परिवाद संख्‍या-04/2013

अहसन ग्रुप ट्रस्‍ट पंजीकृत 15 किलोमीटर माइल स्‍टोन मुरादाबाद देहली रोड चौधरपुर जिला अमरोहा द्वारा मैनेजिंग ट्रस्‍टी  श्री मौ. इकबाल शमसी।                                                                                                                                                                                   ….......परिवादी

बनाम

1-नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी लि. डिवीजन नं.-19 फ्लैट नं.-101-106 एन-1 बीएमसी हाउस कनाट पैलेस, नई दिल्‍ली।

2-रीजनल आफिस नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी लि. 56-राजपुर रोड देहरादून(यू.के.) द्वारा मुख्‍य रीजनल प्रबन्‍धक।

3-नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी लि. बुद्ध बाजार मुरादाबाद।

4-मैसर्स आकांक्षा ऑटो मोबाइल(पी) लि. 5 किलोमीटर देहली रोड, मुरादाबाद।

5-मैसर्स मारूती उद्योग लि. गुड़गांव, हरियाणा।                                                                                                 …..........विपक्षीगण

 (श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे बीमित मारूति वैन की बीमा राशि अंकन-2,41,960/-रूपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  सहित दिलायी जाये।     
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी एक पंजीकृत ट्रस्‍ट है। ट्रस्‍ट ने विपक्षी-5 द्वारा निर्मित एक मारूति वैन दिनांक 11-01-2010 को अंकन-2,73,862/-रूपये में विपक्षी-4 से खरीदी थी। इस वाहन का बीमा नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी से कराया गया,जो दिनांक 11-01-2010 से 10-01-2011 तक की अवधि हेतु प्रभावी था। बीमा अवधि के दौरान दिनांक 30-11-2010 को वैन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई, जिसकी सूचना अगले ही दिन विपक्षीगण को दे दी गई। दुर्घटनाग्रस्‍त वैन का सर्वे श्री किशन कुमार सर्वेयर द्वारा किया गया। जब काफी समय तक क्‍लेम का निस्‍तारण बीमा कंपनी द्वारा नहीं किया गया तो वाहन की आर.सी., फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र, ड्राईविंग लाइसेंस इत्‍यादि विपक्षी-3 को उपलब्‍ध कराते हुए और उनसे क्‍लेम का शीघ्र निस्‍तारण किये जाने का अनुरोध किय गया। परिवादी ने रिमाइंडर भी दिया और अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से एक विधिक नोटिस भी दिनांक 14-5-2012 को विपक्षीगण को भेजा किन्‍तु क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया गया। परिवादी ने यह कहते हुए कि विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी की ओर से उसके मैनेजिंग ट्रस्‍टी मौहम्‍मद इकबाल शम्‍सी ने अपना शपथपत्र दाखिल किया। परिवाद के साथ सूची कागज सं.-3/10 लगायत 3/11 के माध्‍यम से परिवादी ने प्रश्‍गनत मारूति वैन खरीदने की इंवायस, बीमा प्रमाण पत्र, वैन की आर.सी., चालक इलियास का ड्राईविंग लाइसेंस, विपक्षी-3 को दुर्घटनाग्रस्‍त वैन की आर.सी., फिटनेस,चालक के ड्राईविंग लाइसेंस, एफ.आई.आर. की प्रति इत्‍यादि भेजे जाने विषयक पत्र, प्रभारी निरीक्षक, डिडौली को प्रश्‍गनत वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने संबंधी प्रेषित तहरीरी रिपोर्ट, बीमा कंपनी से क्‍लेम निस्‍तारण के संदर्भ में हुए पत्राचार तथा विपक्षीगण को भिजवाये गये कानूनी नोटिस की छायाप्रतियां तथा नोटिस भेजे जाने की असल डाक रसीदों को दाखिल किया गया। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-3/12 लगायत 3/29 हैं।
  4. विपक्षी-1 लगायत 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं.-12/1 लगायत 12/5 दाखिल हुआ, जिसमें दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन का बीमा होना तथा दुर्घटना की सूचना प्राप्‍त होने पर सर्वे इंजीनियर किशन कुमार के माध्‍यम से दुर्घटना स्‍थल का निरीक्षण कराया जाना तो स्‍वीकार किया गया है किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इंकार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि परिवादी ने सर्वेयर को आवश्‍यक प्रपत्र उपलब्‍ध नहीं कराये, अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को चालक इलियास पुत्र आशिक अली नहीं चला रहा था, जैसा कि परिवादी द्वारा थाना डिडौली में प्रेषित तहरीरी रिपोर्ट दिनांकित 21-3-2011 में कहा गया है बल्कि बीमा कंपनी द्वारा करायी गई जांच में जांचकर्ता श्री सुनील कुमार शर्मा ने यह पाया कि कथित दुर्घटना के समय वैन को रईस आलम उर्फ बब्‍लू पुत्र अहसान चला रहा था, जिसका कोई ड्राईविंग लाइसेंस परिवादी अथवा मालिक, ड्राईवर रईस आलम उर्फ बब्‍लू के घर वालों द्वारा बीमा कंपनी को उपलब्‍ध नहीं कराया। बीमा कंपनी ने चूंकि यह पाया कि अभिकथित दुर्घटना के समय चालक के पास ड्राईविंग लाइसेंस नहीं था, अत: बीमा पालिसी की शर्तों के अधीन परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत किया जा चुका है। विपक्षी-1 लगायत 3 की ओर से यह कहते हुए कि बीमा कंपनी ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की और बीमा दावा वैध रूप से अस्‍वीकृत किया गया है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  5. विपक्षी-4 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं.-13/1 लगायत 13/2 दाखिल किया गया, जिसमें परिवादी द्वारा उत्‍तरदाता से प्रश्‍गनत मारूति वैन खरीदा जाना स्‍वीकार किया गया और शेष परिवाद कथनों के संदर्भ में कहा गया कि विवाद वैन के दुर्घटना क्‍लेम से संबंधित है और यह विवाद परिवादी तथा बीमा कंपनी के बीच का है, अत: तत्‍संबंधी परिवाद कथनों पर उत्‍तरदाता द्वारा टिप्‍पणी किया जाना अपेक्षित नहीं है, अग्रेत्‍तर  विपक्षी-4 की ओर से अपने आपको अनावश्‍यक पक्षकार बताते हुए अपने विरूद्ध परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना की गई।
  6. विपक्षी-5 की ओर से तामीला के बावजूद प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं हुआ। अत: फोरम के आदेश दिनांकित 19-6-2013 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई विपक्षी-5 के विरूद्ध एकपक्षीय की गई।
  7. परिवादी की ओर से उसके मैनेजिंग ट्रस्‍टी मौहम्‍मद इकबाल शम्‍सी ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-15/1 लगायत 15/7 दाखिल किया।
  8. विपक्षी-1 लगायत 3 की ओर से बीमा कंपनी के सहायक प्रबन्‍धक श्री रमन ओबराय ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-21/1 लगायत 21/4 दाखिल किया, जिसके साथ उन्‍होंने क्‍लेम रेपुडिएशन लेटर, स्‍पाट सर्वेयर श्री किशन कुमार की सर्वे रिपोर्ट, बीमा पालिसी, दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन की आर.सी., फिटनेस, स्‍पाट सर्वेयर को परिवादी द्वारा उपलब्‍ध करायी गई दुर्घटना से संबंधित तहरीरी रिपोर्ट, चालक इलियास के ड्राईविंग लाइसेंस, बीमा कंपनी के इंवेस्‍टीगेटर श्री सुनील कुमार शर्मा की जांच रिपोर्ट तथा थाना डिडौली की दिनांक 30-11-2010 की जी.डी. की छायाप्रतियां बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई हैं। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-21/5 लगायत 21/24 हैं।
  9. विपक्षी-4 की ओर से श्री अमित गोयल ने साक्ष्‍य शपथपत्र दाखिल किया।
  10. बीमा कंपनी की ओर से सूची कागज सं.-32 द्वारा दुर्घटना के इस मामले में वर्कमैन कम्‍पनसेशन कमिश्‍नर मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णयादेश दिनांकित 16-11-2015 की प्रमाणित प्रति दाखिल की गई। प्रतिउत्‍तर में परिवादी की ओर से इस निर्णयादेश के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय, इलाहाबाद के समक्ष योजित अपील में पारित आदेश की नकल और मैमो आफ अपील की नकल को दाखिल किया गया।
  11. परिवादी तथा विपक्षी-4 की ओर से अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की गई। शेष पक्षकारों ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  12. हमने परिवादी तथा विपक्षी-1 लगायत 4 के विद्वान अधिवक्‍तागण के विद्वतापूर्ण तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  13. विपक्षी-5 की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
  14. पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवाद में उल्लिखित परिवादी की मारूति वैन अभिकथित दुर्घटना की तिथि अर्थात दिनांक 30-11-2010 को नेशनल इंश्‍योरेंस कंपनी से बीमित थी। बीमा सर्टिफिकेट के अनुसार इसकी बीमा राशि अंकन-2,41,907/-रूपये है। अभिकथित दुर्घटना दिनांक 30-11-2010 को हुई थी, जैसा कि थाना डिडौली की जी.डी. की नकल कागज सं.-21/23 से प्रकट है। पक्षकारों के मध्‍य विवाद इस बात का है कि अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को चालक इलियास चला रहा था, जैसा कि परिवादी पक्ष ने कहा है अथवा उक्‍त वैन रईस आलम उर्फ बब्‍लू द्वारा चलायी जा रही थी, जैसा कि विपक्षी-1 लगायत 3 के इंवेस्‍टीगेटर श्री सुनील कुमार शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट कागज सं.-21/16 लगायत 21/18 में निष्‍कर्षित किया है। स्‍वीकृत रूप से चालक इलियास के ड्राईविंग लाइसेंस की छायाप्रति पत्रावली में उपलब्‍ध है, जो पत्रावली का कागज सं.-3/15 है। इलियास के ड्राईविंग लाइसेंस के अनुसार अभिकथित दुर्घटना के समय इलियास मारूति वैन चलाने हेतु अधिकृत था और उक्‍त तिथि पर उसका ड्राईविंग लाइसेंस वैध एवं प्रभावी था। इसके विपरीत रईस आलम उर्फ बब्‍लू का ड्राईविंग लाइसेंस पत्रावली में नहीं है। विपक्षी-1 लगायत 3 के अधिवक्‍ता का तर्क है कि वैन को दुर्घटना के समय रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था और चूंकि उसके पास ड्राईविंग लाइसेंस नहीं था। अत: रेपुडिएशन लेटर कागज सं.-21/5 के माध्‍यम से परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके बीमा कंपनी ने कोई त्रुटि नहीं की। प्रतिउत्‍तर में परिवादी पक्ष के अधिवक्‍ता का कथन है कि दुर्घटना के समय वास्‍तव में वैन को चालक इलियास पुत्र आशिक अली चला रहा था और रईस आलम उर्फ बब्‍लू बतौर क्‍लीनर इसमें बैठा था। दुर्घटना में रईस आलम उर्फ बब्‍लू की मौत हुई है।
  15. अब यह अभिनिर्धारित किया जाना है कि अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को चालक इलियास चला रहा था अथवा इसे रईस आलम उर्फ बब्‍लू, जिसकी मृत्‍यु हुई, द्वारा वैन चलायी जा रही थी। बीमा कंपनी का यह कथन कि अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को चालक रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था, बीमा कंपनी के इन्‍वेस्‍टीगेटर श्री सुनील कुमार शर्मा की इन्‍वेस्‍टीगेशन रिपोर्ट पत्रावली के कागज सं.-21/16 लगायत 21/24 में यह तो इन्‍वेस्‍टीगेटर ने उल्‍लेख किया है कि उसे जांच के दौरान अहसन ग्रुप ट्रस्‍ट में कार्यरत अनेक लोगों ने, दुर्घटना में मारे गये रईस आलम उर्फ बब्‍लू के गांव के कुछ लोगों ने, मृतक रईस आलम उर्फ बब्‍लू की बहन ने बताया था कि दुर्घटना के समय वैन को रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था किन्‍तु इन्‍वेस्‍टीगेटर उनमें से किसी भी व्‍यक्ति का बयान अभिलिखित नहीं कर पाये। इन्‍वेस्‍टीगेशन रिपोर्ट में इन्‍वेस्‍टीगेटर ने यह उल्लिखित किया कि जिन लागों ने उन्‍हें वैन रईस आलम उर्फ बब्‍लू द्वारा चलाया जाना पूछताछ के दौरान बताया था, उनमें से कोई भी व्‍यक्ति, यहां तक कि रईस आलम की बहन ने लिखित में कोई बयान देने से इंकार कर दिया था। इस प्रकार जिन व्‍यक्तियों के हवाले से इन्‍वेस्‍टीगेटर ने अपनी रिपोर्ट में यह उल्‍लेख किया है कि दुर्घटना के समय वैन को रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था, उन सभी के बयान अनुश्रुत साक्ष्‍य हैं, जो विधानत: साक्ष्‍य में ग्राह्य नहीं हैं।
  16. जहां तक थाना डिडौली की जी.डी. की नकल कागज सं.-21/23 में उल्लिखित इस बात का प्रश्‍न है कि दुर्घटना के समय वैन को रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था, यह तथ्‍य रईस आलम उर्फ बब्‍लू के पिता अहसान के हवाले से जी.डी. में लिखा गया है। पत्रावली में अवस्थित प्रतिकर आयुक्‍त द्वारा वाद सं.-35/2012 में पारित निर्णय के अवलोकन से प्रकट है कि रईस आलम उर्फ बब्‍लू के पिता ने रईस आलम उर्फ बब्‍लू को वैन का चालक बताते हुए प्रतिकर आयुक्‍त के समक्ष एक्‍सीडेंट क्‍लेम का मुकदमा दायर किया था और उस मुकदमे में यह मानते हुए कि दुर्घटना के समय रईस आलम उर्फ बब्‍लू वैन को चला रहा था, मृतक रईस आलम उर्फ बब्‍लू के पिता अहसान को अंकन-5,46,175/-रूपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित क्‍लेम दिलाये जाने के आदेश प्रतिकर आयुक्‍त ने पारित किये। परिवादी पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के इस तर्क में बल दिखायी देता है कि कदाचित दुर्घटना क्‍लेम पाने के उद्देश्‍य से मृतक रईस आलम उर्फ बब्‍लू के पिता ने सोची-समझी रणनीति के तहत थाना डिडौली में इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया था कि वैन को दुर्घटना के समय उसका पुत्र रईस आलम उर्फ बब्‍लू चला रहा था और उसी प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना डिडौली की दिनांक 30-11-2010 की जी.डी., जिसकी नकल कागज सं.-21/23 है, लिखी गई। परिवादी के अधिवक्‍ता ने अपने तर्क का विस्‍तार करते हुए यह भी कहा कि किसी भी व्‍यक्ति को अपने हित के लिए अपने पक्ष में की गई स्‍वीकारोक्ति का लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हम परिवादी पक्ष के अधिवक्‍ता के उक्‍त तर्क से सहमत हैं। प्रतिकर आयुक्‍त के निर्णय के अनुसार चालक इलियास ने प्रतिकर आयुक्‍त के समक्ष अपने स्‍वयं के हितों के विरूद्ध यह सशपथ कथन किया है कि अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को वह(इलियास) चला रहा था। इलियास से बीमा कंपनी के अधिवक्‍ता ने जिरह भी की थी। इस प्रकार एक ओर उस व्‍यक्ति का कथन है, जिसने अपने स्‍वयं के हित के लिए स्‍वीकारोक्ति करके उसका लाभ प्राप्‍त किया है, वहीं दूसरी ओर एक व्‍यक्ति वह है, जिसने अपने हितों के विरूद्ध कथन किया है, जबकि ऐसे कथन का उसने कोई लाभ नहीं लिया। इस स्थिति में हमारे विनम्र अभिमत में ऐसे व्‍यक्ति के कथन को स्‍वीकार किया जाना चाहिए, जिसने अपने स्‍वयं के हितों के विरूद्ध कथन किया हो और उस स्‍वीकारोक्ति का उसने कोई लाभ भी प्राप्‍त नहीं किया। इस दृष्टिकोण से चालक इलियास का यह कथन कि अभिकथित दुर्घटना के समय वैन को वह स्‍वयं  चला रहा था, स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।
  17. प्रतिकर आयुक्‍त के समक्ष एक्‍सीडेंट क्‍लेम प्रतिकर विषयक कार्यवाहियां समरी प्रकृति की हैं। उन कार्यवाहियों में पारित प्रतिकर आयुक्‍त का निर्णय फोरम के समक्ष रेस्‍जूडिकेटा का प्रभाव नहीं रखता।
  18. यहां हम इस बात का उल्‍लेख करना भी समीचीन समझते हैं कि कोई व्‍यक्ति यदि अपने वाहन पर कोई चालक नियुक्‍त करता है तो नियुक्ति से पूर्व सामान्‍यतया वह यह सुनिश्चित कर लेता है कि चालक जिसे वह नियुक्‍त कर रहा है, उसके पास वैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाइसेंस है। इस दृष्टि से मृतक रईस आलम उर्फ बब्‍लू को परिवादी पक्ष द्वारा मारूति वैन का चालक नियुक्‍त किया गया होगा स्‍वीकार योग्‍य प्रतीत नहीं होता क्‍योंकि स्‍वीकृत रूप से रईस आलम उर्फ बब्‍लू के पास कोई ड्राईविंग लाइसेंस नहीं था।
  19. उपरोक्‍त विवेचन के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते है कि अभिकथित दुर्घटना के समय मारूति वैन को रईस आलम उर्फ बब्‍लू नहीं चला रहा था बल्कि वैन चालक इलियास पुत्र आशिक अली द्वारा चलायी जा रही थी। बीमा कंपनी ने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है। विपक्षी-1 लगायत 3 से परिवादी को परिवाद योजित किये जाने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित क्‍लेम राशि अंकन-2,41,960/-रूपये तथा अंकन-2500/-रूपये परिवाद व्‍यय दिलाया जाना न्‍यायोचित दिखायी देता है। तद्नुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।          

     परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी-1 लगायत 3 स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी-1 लगायत 3 को आदेशित किया जाता है कि विपक्षी-1 लगायत 3 इस आदेश से एक माह के अंदर बीमा राशि अंकन-2,41,960(दो लाख इक्‍तालिस हजार नो सौ साठ) रूपये मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज वाद दायरा तिथि तावसूली परिवादी को अदा करें।

    विपक्षी-1 लगायत 3 अंकन-2500/-रूपये परिवाद व्‍यय भी परिवादी को अदा करें।

 

    (सत्‍यवीर सिंह)                                     (पवन कुमार जैन)

       सदस्‍य                                              अध्‍यक्ष

     आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

   (सत्‍यवीर सिंह)                                      (पवन कुमार जैन)

      सदस्‍य                                              अध्‍यक्ष

दिनांक: 07-02-2018

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