View 24222 Cases Against National Insurance
View 7292 Cases Against National Insurance Company
Mahendrapaal varma filed a consumer case on 25 Aug 2015 against National Insurance Company ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/68/2009 and the judgment uploaded on 26 Aug 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः-
01. नंदलाल शर्मा ः अध्यक्ष
02. महावीर तंवर ः सदस्य
परिवाद संख्या:-68/09
महेन्द्र पाल वर्मा पुत्र रामगोपाल वर्मा निवासी मकान नं. 96, तिलक नगर,छावनी, कोटा राजस्थान। परिवादी
बनाम
01. शाख्चाा प्रबंधक, नेशन इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड,शाखा कार्यालय, 25, झालावाड रोड कोटा राजस्थान।
02. मण्डल प्रबंधक, मण्डल कार्यालय नेशनल इन्श्योरेन्स कं0लि0, 9-ए-बी, झालावाड रोड, कोटा राजस्थान। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री ब्रजेश जोशी, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02. श्री वी.के सक्सेना, अधिकवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 25.08.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया उसकी एक मोटर साइकिल सं. आर.जे. 20 एस ए 6373 का बीमा, अप्रार्थीगण को प्रीमियम राशि 696/- रूपये अदा कर बीमाधान 30,581/- रूपयेे, दिनांक 17.08.06 से 16.08.17 तक के लिये करवाया था। दिनांक 09.04.07 को उक्त वाहन भारतीय जीवन बीमा निगम के पीछे रखकर भवन में कार्य करने गया था, वापस लौटने पर परिवादी को उक्त वाहन नहीं मिला, उसकी तलाश की तो पता चला की वाहन चोरी हो गया जिसकी दिनांक 11.04.07 को थाना गुमानपुरा कोटा में मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने अनुसंधान कर उक्त अनुसंधान में एफ0 आर0 अदम पता माल मुलजिम में सक्षम न्यायालय में पेश किया। परिवादी ने समस्त औपचारिकताऐ पूर्ण कर बीमा क्लेम अप्रार्थीगण के यहाॅ पेश किया, जिसने आज तक बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया। अप्रार्थीगण द्वारा दिनांक 19.08.17 को पत्र परिवादी को प्रेषित किया जिसमें अंकित किया कि वर्तमान पाॅलिसी में एन.सी.बी.ली गई है इसलिये बीमा क्लेम अदेय होने के कारण खारिज किया गया है। अप्रार्थीगण परिवादी का बीमा क्लेम अवैध रूप से मनमाने रूप से खारिज कर उसकी सेवा में कमी की है। परिवादी का अप्रार्थीगण बीमा क्लेम की राशि मय ब्याज, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीगण ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने अप्रार्थीगण को चोरी की सूचना समय पर नहीं दी । परिवादी द्वारा पूर्व में ली गई पालिसी सं. 350101/ 31/ 05/ 6200095151, जो कि कम्पनी के मण्डल कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी की गई थी के अन्तर्गत क्लेम ले लिया था, इस प्रकार परिवादी ने नो-क्लेम-बोनस ले लेने के बाद भी विवादित बीमा पालिसी लेते समय उक्त तथ्य को छिपाया, इस कारण उसका बीमा क्लेम, नो-क्लेम-बोनस प्राप्त करने के कारण, दिनांक 19.07.07 को सही रूप से खारिज किया गया, जिसकी सूचना परिवादी को रजिस्टर्ड पत्र से दे दी थी।अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम खारिज कर उसकी सेवा में कोई कमी नहीं की। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, मोटर साईकिल खरीद के इनवाईस से परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि अप्रार्थीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम परिवादी द्वारा पूर्व में ली गई पालिसी सं. 350101/ 31/ 05/ 6200095151, जो कि कम्पनी के मण्डल कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी की गई थी के अन्तर्गत क्लेम ले लिया था, इस प्रकार परिवादी ने नो-क्लेम-बोनस ले लेने के बाद भी विवादित बीमा पालिसी लेते समय उक्त तथ्य को छिपाया, इस कारण उसका बीमा क्लेम, नो-क्लेम-बोनस प्राप्त करने के कारण, दिनांक 19.07.07 को सही रूप से खारिज किया गया, जिसकी सूचना परिवादी को रजिस्टर्ड पत्र से दे दी थी। परिवादी ने भी उक्त तथ्य को अप्रत्यक्ष रूप से अपने परिवाद की मद संख्या 5 में स्वीकार किया है कि पूर्व में यदि पाॅलिसी पर किसी भी प्रकार से क्लेम प्राप्त किया गया हो तब भी अप्रार्थीगण का कर्तव्य है कि पालिसी करते वक्त संबंधित शाखा से कन्फरमेशन पत्र जारी करवाकर मंगवाया जाता। परिवादी ने अप्रार्थीगण के उक्त तथ्य का खंडन जवाबुल जवाब पेश करके तथा पुरानी पालिसी पेश करके नहीं किया और ना ही काउन्टर शपथ-पत्र पेश कर खंडन किया है, खंडन के अभाव में अप्रार्थीगण का यह तथ्य की परिवादी ने पूर्व पालिसी पर नो-क्लेम-बोनस लेने का तथ्य पालिसी कराते समय छिपाया, इसलिये पालिसी शर्तो का उल्लधंन करने के कारण उसका बीमा क्लेम सही रूप से खारिज किया है। परिवादी, अप्रार्थीगण का सेवा दोष साबित करने में पूर्णतयाः असफल रहा है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी महेन्द्रपाल वर्मा का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 25.08.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.