Rajasthan

Kota

CC/321/2008

Munnashah - Complainant(s)

Versus

National Insurance Company ltd., Manager - Opp.Party(s)

Naresh sharma

13 Aug 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-321/08

मुन्ना शाह पुत्र कासम शाह जाति मुसलमान निवासी वार्ड संख्या 30, मोहल्ला इमामबाडा, झालावाड राजस्थान।                                           परिवादी

                    बनाम

नेशन इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड, जर्ये वरिष्ठ मण्डलीय प्रबंधक, मण्डल कार्यालय  9 ए-बी, झालावाड रोड, कोटा-324007                                       अप्रार्थी

    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री नरेश शर्मा, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02.    श्री बी0एस0 यादव, अप्रार्थी की ओर से । 

            निर्णय             दिनांक 13.08.2015

    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया उसका टाटा 407 वाहन सं.आर.जे. 17-जी-1115 है जिससे वह झालावाड से कोटा लोंडिग- अनलोडिंग कर जो कमाता है उससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करता है। परिवादी ने उक्त वाहन को चलाने के लिये अब्दुल हमीद को चालक के पद पर नियुक्त कर रखा है जिसके पास वैध लाइसेन्स है। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 31.08.06 को वसीम चालक चला रहा था की मंडान के पास शाम को साढे छः-सात बजे एक ट्रक नं. आर जे 11-जी-0588 ने टक्कर मार दी जिससे परिवादी का वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, उक्त वाहन में 4 व्यक्ति बैठे थे। परिवादी का उक्त वाहन अप्रार्थी के यहाॅ बीमित है। उक्त दुर्घटना की रिर्पोट थाना मंडाना में अल्ताफ ने दर्ज करवाई है। जिसकी सूचना प्रतिपक्षी को दे दी गई। अप्रार्थी ने जो भी दस्तावेजात परिवादी से मांगे वह अप्रार्थी को उपलब्ध करवा दिये गये है। अप्रार्थी ने परिवादी के दुर्घटनाग्रस्त वाहन की क्षति का सर्वे करवाया और कहा कि शीघ्र ही क्षति पूर्ति का भुगतान कर दिया जावेगा। परिवादी के उक्त क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत में खर्चा 1,20,000/- रूपये हुआ। वाहन को वर्कशाॅप तक लाने का खर्चा 3,000/- रूपये हुआ। अप्रार्थी ने दिनांक 14.03.07 को पत्र द्वारा परिवादी को सूचित किया कि वाहन में बैठने की अधिकृत क्षमता 3 व्यक्तियों की थी और वक्त दुर्घटना 4 व्यक्ति बैठे हुये थे, वाहन वाणिज्यक वाहन है उसे चलाने हेतु ट्रान्सर्पोट व्हीकल वाला लाइसेन्स वसीम के पास नही था। अप्रार्थी ने यह भी लिखा कि दुर्घटना के समय वाहन चालक अब्दुल हमीद होना एवं वसीम उसकी देखरेख में वाहन चला रहा था दुर्घटना के समय परिवादी द्वारा नहीं बताया गया है। अप्रार्थी ने उक्त आधार पर परिवादी का बीमा क्लेम खारिज कर दिया गया जो मनमाने तरीके से खारिज किया गया है। अप्रार्थी ने परिवादी का बीमा क्लेम खारिज कर उसकी सेवा में कमी की है। परिवादी को अप्रार्थी से बीमा क्लेम की राशि, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।    
 
     अप्रार्थी ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी बीमित वाहन को व्यवसाय के प्रयोग में लेता है। परिवादी ने चालक अब्दुल हमीद से संबंधित अभिवचन मात्र दावे की देयता प्रमाणित करने के आशय से सुनियोजित तौर पर अंकित किये गये है। परिवादी द्वारा दुर्घटना के समय वसीम के द्वारा वाहन चलाना सही है। घटना की एफ आई आर  अल्ताफ द्वारा दर्ज कराई गई है। दुर्घटना के समय अब्दुल हमीद मौजूद था। कथित घटना के लिये परिवादी स्वयं दोषी था ऐसा अभिमत न्यायालय मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण, कोटा के द्वारा याचिकाओं के निर्णय में साक्ष्य के आधार पर निर्धारित किया है। परिवादी के स्वयं के कृत्य से दुर्घटनाग्रस्त होना, स्वयं के दोष पूर्ण कृत्य के आधार पर दावा राशि की मांग करना वैधानिक आधार पर परिवादी को प्राप्त नहीं है। परिवादी द्वारा यह कहना कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन को दुर्घटना के समय चलाने वाले चालक के पास वैध लाइसेन्स था गलत है। दुर्घटनाग्रस्त वाहन को अब्दुल हमीद नहीं चला रहा था उसके द्वारा उक्त वाहन को चलाने की कहानी नितान्त संदेहास्पद है। दुर्घटना की प्रथम सूचना मो. यासीन के द्वारा दिनांक 09.09.06 को प्रेषित की। उक्त सूचना में चालक वसीम के अलावा अन्य किसी चालक का दुर्घटना के समय वाहन में मौजूद होना अंकित नहीं किया गया है इसके पश्चात मुन्नाशाह के द्वारा दिनांक 29.09.06 को सूचना पत्र प्रेषित किया गया है। उसमें दुर्घटनाग्रस्त वाहन में चालक वसीम के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति का बीमित वाहन में बैठे होना  अंकित नहीं किया गया है तथा वाहन अनुज्ञा पत्र से संबंधित किसी प्रकार की कोई सूचना जिसमे ंवाहन अनुज्ञा पत्र जारी कर्ता प्राधिकारी वाहन अनुज्ञा पत्र समाप्त होनेकी तिथि, वाहन अनुज्ञा पत्र से संबंध्ाित पृष्ठांकन व समाप्त होने की तिथि इत्यादि सभी सूचनाए परिवादी ने क्लेम प्रपत्र में अंकित नही की  जो इस बात का द्योतक है कि दुर्घटना के समय बीमित वाहन के चालक वसीम के पास जो वाहन अनुज्ञा पत्र था वह वाहन अनुज्ञा पत्र प्रभावी वाहन अनुज्ञा पत्र की परिधी में नही होने के कारण ही प्रारंभिक दस्तावेजो में चालक अब्दुल हमीद का उल्लेख नहीं किया गया। पुलिस अनुसंधान में लिये गये गवाहों के बयानों में अब्दुल हमीद  चालक का दुर्घटनाग्रस्त वाहन में होना तथा उसका भाग जाना अंकित नहीं किया गया। परिवादी ने वाहन चालक अब्दुल हमीद का डी0एल0 प्रस्तुत किया गया है। बीमित वाहन के चालक वसीम के वाहन अनुज्ञा पत्र का अनुप्रमाणिक जो वाहन अनुज्ञा पत्र सं. आर जे 17 डी एल सी/2005/9846 से पाया गया कि चालक के पास केवल गियर वाली मोटर साईकिल एवं हल्का वाहन चालने का वाहन अनुज्ञा पत्र था दुर्घटना कि समय बीमित वाहन जो एक गुड्स कैरिज है व वाणिज्यिक वाहन की परिधी में आता है। वसीम के पास दुर्घटना के समय दुर्घटनाग्रस्त वाहन को चलाने का वैध लाइसेन्स नहीं था। परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तो का उल्लधंन किया है। अप्रार्थी ने परिवादी का बीमा क्लेम खारिज कर उसकी सेवा में कोई कमी नहीं की। परिवादी का परिवाद खारिज किया जावे। 


    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादी अप्रार्थी का उपभोक्ता है ?

    परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, से परिवादी, अप्रार्थी का उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थी ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अध्य्यन अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी के वाहन टाटा 407 वाहन सं. आर.जे. 17-जी-1115 दिनांक 31.08.06 को दुर्घटनागस्त हो गया, इसकी तहरीरी रिर्पोट अलताफ ने दर्ज करवाई । तहरीर रिर्पोट में बर वक्त दुर्घटना वाहन का चालक वसीम अंकित कर रखा है और परिवाद में वाहन का चालक अब्दुल हमीद लिखा है। इस प्रकरण के निस्तारण के लिये मुख्य प्रश्न है कि आया दुर्घटनाग्रस्त वाहन का चालक बर वक्त दुर्घटना वसीम था या अब्दुल हमीद?

    इस संबंध में पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजात का अध्य्यन अवलोकन करने पर स्पष्ट है कि एफ0आई0आर0 में अल्ताफ ने  दुर्घटनाग्रस्त वाहन का  चालक का नाम वसीम दर्ज करवाया है। क्लेम फार्म में वाहन चालक का नाम वसीम है। घटना  स्थल के  सर्वे रिर्पोट में वाहन चालक का नाम वसीम लिखा है। सूचना पत्र में चालक का नाम वसीम लिखा हुआ है और परिवाद में अब्दुल हमीद का नाम लिखवाने से गंभीर संदेह पैदा हो गया है। पुलिस द्वारा जाप्ता फौजदारी के तहत लिये गये 161 के बयानों को तोड मरोडकर लिखने से अल्ताफ के 2 बयान विरोधाभाषी है जबकि उक्त अंकित दस्तावेजी साक्ष्य में वसीम का नाम अंकित है और यह बडे अचम्बे की बात है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में बैठे हुये वसीम की मृत्यु हो जाय और वाहन चालक अब्दुल हमीद के खरोच तक नहीं आई। ऐसी स्थित में परिवादी स्पष्ट रूप से यह प्रमाणित नहीं कर पाया है कि आया बर वक्त दुर्धटना दुर्घटनाग्रस्त वाहन का चालक अब्दुल हमीद था, इस बिन्दु पर अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त 2010 ब्तण्स्ण्त्ण्ख्ैब्, 81  ।त्न्स्टम्स्न् - ।छत्ण् ध् ैज्।ज्म् ज्म्च्त्म्ैम्छज्म्क् ठल् ज्भ्म् च्न्ठस्प्ब् च्त्व्क्त्ब्न्ज्व्त् - ।छत्ण् पेश किया जिससे प्रकाश प्राप्त होता है।  वही परिवादी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त 01ण् ख्2009, ब्ण्च्ण्श्रण् 297 ख्छब्,ए 02ण् पपप ख्2009, ब्ण्च्ण्श्रण् 446 से कोई  प्रकाश प्राप्त नही होता है। क्योंकि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 2 व्यक्ति बैठे हुये थे उसमें एक की मृत्यु हो जाय और दूसरे के खरोच तक नहीं आये इससे वाहन चालक के संबंध में संदेह होना स्वाभाविक है।

    अब प्रश्न आता है कि परिवादी वाहन चालक का नाम चेन्ज क्यों करना चाहता था क्योकि वसीम के पास माल वाहक व्यवसायिक वाहन का वैध लाइसेन्स नही था। वसीम के पास केवल गेयर वाली मोटर सायकल का एवं हल्के वाहन चालने का लाइसेन्स था, जबकि दुर्घटनाग्रस्त माल वाहन व्यवसायिक वाहन था, इस संबंध में परिवादी की ओर से न्यायिक दृष्टान्त 01ण् 2014ख्4, ॅण्स्ण्छण् ख्ैब्, 160ए 02ण् 2014ख्1,ब्ण्ब्ण्ब्ण् 12 ख्ैब्,ए 03ण् पपख्1996, ब्ण्च्ण्श्रण् 18 ख्ैब्,ए 04ण् 2014ख्2, ब्ण्ब्ण्ब्ण् 11ख्ैब्, पेश किये गये जिनसे कोई प्रकाश प्राप्त नहीं होता है। क्योंकि प्रस्तुत प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियांे और न्यायिक दृष्टान्तों के तथ्य एवं परिस्थितियों में भिन्नता है। 

    अब प्रश्न आता है कि आया अप्रार्थी ने क्लेम खारिज करने में क्या सेवादोष किया?
प्रथमतः बर वक्त दुर्घटना वाहन चालक का नाम स्पष्ट रूप से नामित नही किया है। द्वितीयतः अप्रार्थी ने परिवादी को स्पष्टीकरण के लिये 3 पत्र जारी किये और उन पत्रों का स्पष्टीकरण में परिवादी ने समस्त दस्तावेजात को प्रस्तुत नहीं किया और जो दस्तावेजात पेश किये है उनमें वसीम के पास वाणिज्यक व्यवसायिक वाहन चलाने का वैध लाइसेन्स नहीं था। ऐसी स्थिति में क्लेम प्रार्थना-पत्र के निस्तारण के लिये अपूर्ण दस्तावेजात के आधार पर भी अप्रार्थी ने दावा खारिज कर दिया तथा हमारे विचार से अप्रार्थी ने कोई सेवादोष या लापरवाही नहीं बरती, इस बिन्दु को प्रमाणित करने का भार परिवादी पर था लेकिन परिवादी ने वांछित दस्तावेजात पेश नहीं कर अपने पक्ष को मजबूत ना कर उठाये गये तथ्यों को प्रमाणित करने के लिये स्पष्टीकरण पेश न कर स्वयं ने उपेक्षा बरती है ना कि अप्रार्थी ने  इस बिन्दु पर अप्रार्थी के विद्वान अभिभाषक ने  न्यायिक दृष्टान्त 2000 क् छ श्र ख्ैब्, 13  त्ंअदममज ैपदही ठंहहं ध् डध्े ज्ञनउ त्वलंस क्नजबी ।पतसदमे -।दत  पेश किया जिससे प्रकाश प्राप्त होता है। उपरोक्त विवेचन के आधार पर परिवादी अप्रार्थी का सेवा दोष साबित करने मे असफल रहा है।    
 
03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद, अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     आदेश 

     परिवादी मुन्ना शाह का परिवाद, अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 13.08.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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