Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/36/2014

Shri Nadeem Khan - Complainant(s)

Versus

National Insurance Comapny Ltd. - Opp.Party(s)

04 Mar 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/36/2014
 
1. Shri Nadeem Khan
R/o Royal Encalave Delhi Road Behind Of Akanksha Auto Mobile Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. National Insurance Comapny Ltd.
Branch Office -I Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍य से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षी से उसे इनोवा कार की मरम्‍मत कराने में हुऐ व्‍यय मुवलिग 5,18,000/- रूपया, मानसिक कष्‍ट की मद में क्षतिपूर्ति हेतु 1,00,000/- रूपया तथा दुर्घटनाग्रस्‍त हुई इनोवा के बदले टैक्‍सी से आने-जाने में हुऐ व्‍यय की मद में 1,00,000/- रूपये इस प्रकार कुल 7,18,000/- रूपया दिलाऐ जाऐ। इनोवा की मरम्‍मत में हुऐ व्‍यय की धनराशि पर परिवादी ने ब्‍याज की भी मांग की है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी इनोवा कार सं0- डी0एल0 7 सी0जी0 4681 का पंजीकृत स्‍वामी है, यह कार विपक्षी से दिनांक 07/02/2012 से 06/02/2013 की अविध हेतु बीमित थी। बीमा अवधि में  दिनांक 08/09/2012 को परिवादी की कार दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई। दुर्घटना के समय कार को विजेन्‍द्र सिंह चला रहा था जिसके पास वैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेंस है। दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट अगले दिन थाना हाफिज गंज नबाब गंज, बरेली पर दर्ज कराई गई। विपक्षी को दुर्घटना की जानकारी दे दी गई। परिवादी ने दुर्घटनाग्रस्‍त कार को ठीक कराने के लिए टोएटा कम्‍पनी के अधिकृत सर्विस सेन्‍टर पर बरेली में खड़ा कर दिया जिन्‍होंने मरम्‍मत का स्‍टीमेट बनाया। परिवादी का यह भी कथन है कि विपक्षी को दुर्घटना की  सूचना देने के उपरान्‍त उपरान्‍त क्‍लेम के सम्‍बन्‍ध में समस्‍त औपचारिकताऐं भी पूरी की। कार की मरम्‍मत में उसका 5,18,000/- खर्च हुआ। कार ठीक होने की अवधि में मजबूरन परिवादी को टैक्‍सी से आना-जाना पड़ा जिसमें लगभग 1,00,000/- रूपया खर्चा हुआ। परिवादी का आरोप है कि विपक्षी ने उसे क्‍लेम  राशि का भुगतान नहीं किया और सेवा प्रदान करने में कमी की। परिवादी ने  परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रर्थना की।
  3.   परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5  दाखिल किया उसके साथ कार चालक के ड्राईविंग लाईसेंस, प्रथम सूचना रिपोर्ट और बीमा सर्टिफिकेट की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/10 हैं।
  4.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/6 दाखिल  हुआ। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्‍वीकार किया गया कि दिनांक 07/2/2012 से 06/2/2013 तक की अवधि के लिए परिवादी के अनुरोध पर परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की कार का विपक्षी द्वारा बीमा किया गया था, किन्तु शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। अतिरिक्‍त कथनों में कहा गया कि  परिवादी ने परिवाद में जो अपना पता अंकित किया है वह बीमा प्रपत्रों में अंकित पते से भिन्‍न है। परिवादी ने पता परिवर्तन की कोई सूचना विपक्षी को नहीं दी। परिवादी का यह कथन मिथ्‍या है कि उसने दुर्घटना की सूचना उत्‍तरदाता विपक्षी को तत्‍काल दे दी थी बल्कि सत्‍यता यह है कि दुर्घटना की सूचना उसने विपक्षी के कार्यालय को दुर्घटना के एक माह से अधिक अवधि बीतने के बाद दिनांक 10/10/2012 को दी थी। सूचना मिलने के उपरान्‍त विपक्षी ने तत्‍काल सर्वेयर श्री ए0के0 माथुर को नियुक्‍त किया उन्‍होंने उसी दिन जाकर दुर्घटनाग्रस्‍त कार के फोटोग्राफ लिये, कार मरम्‍मत होने की सूचना मिलने पर दिनांक 16/11/2012 को उन्‍होंने कार का पुन: निरीक्षण किया और  2,57,235/- रूपया की क्षति की आख्‍या प्रस्‍तुत की। विपक्षी ने परिवादी को  सेवा प्रदान करने में कोई लापरवाही अथवा कमी नहीं की है। प्रतिवाद पत्र में  अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि बीमा अवधि में परिवादी ने यह तथ्‍य छिपाकर कि पूर्व के वर्ष में उसने विपक्षी कम्‍पनी की गजरौला शाखा से इस वाहन के ​दुर्घटना की  क्षति का दावा प्रस्‍तुत कर क्‍लेम प्राप्‍त किया था, उत्‍तरदाता विपक्षी से 20 प्रतिशत राशि का नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया और इस  प्रकार असत्‍य कथनों के आधार पर बीमा पालिसी प्राप्‍त की। उत्‍तरदाता विपक्षी ने उक्‍त कारण से परिवादी का बीमा दावा निरस्‍त कर दिया जिसकी सूचना उत्‍तरदाता विपक्षी ने परिवादी को  पंजीकृत पत्र दिनांक 24/1/2013 द्वारा भेज दी थी। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   उत्‍तरदावा विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र के साथ सर्वेयर श्री ए0के0 माथुर की रिपोर्ट, नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड की गजरौला शाखा को दिनांक 07/2/2011 से 06/2/2012 की अवधि में परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित कार का बीमा दावा भुगतान किऐ जाने की पुष्टि हेतु भेजे गऐ ई-मेल, पूर्व के वर्ष में एन0सी0बी0 के सत्‍यापन हेतु परिवादी को भेजे गऐ  पंजीकृत पत्र, बीमा कम्‍पनी की गजरौला शाखा से पूर्व के वर्ष में परिवादी का  क्‍लेम अदा किऐ जाने की पुष्टि विषयक ई-मेल, विपक्षी द्वारा परिवादी को  भेजे गऐ क्‍लेम अस्‍वीकृति के पंजीकृत पत्र दिनांकित 24/1/2013, विपक्षी से  दिनांक 07/2/2012 से 06/2/2013 की अवधि हेतु परिवादी द्वारा कराऐ गऐ बीमे के प्रपोजल विवरण, परिवादी द्वारा उत्‍तरदाता विपक्षी के शाखा प्रबन्‍धक को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 28/8/2013 एवं इस पत्र के उत्‍तर में विपक्षी द्वारा परिवादी को  भेजे गऐ पंजीकृत पत्र दिनांकित 29/8/2013 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-7/1 लगायत 7/18 हैं।
  6.   साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/6 दाखिल किया।
  7.   विपक्षी की ओर से विपक्षी बीमा कम्‍पनी के सहायक प्रबन्‍धक श्री रमन ओबराय का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/5 दाखिल हुआ  जिसके साथ विपक्षी के वरिष्‍ठ शाखा प्रबन्‍धक द्वारा दिऐ गऐ प्रमाण पत्र दिनांकित 07/3/2014 की फोटो प्रति को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया है।
  8.   किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  9.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद में उल्लिखित कथनों को दोहराते हुऐ तर्क दिया कि दुर्घटना के समय कार चालक विजेन्‍द्र के ड्राईविंग लाईसेंस की वैधता पर विपक्षी की ओर से कोई आपत्ति न उठाना परिवादी के इस कथन को बल प्रदान करता हैं कि अभिकथित दुर्घटना के समय कार  चालक के पास वैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेस था। एफ0आई0आर0 की नकल कागज सं0-3/7 को इंगित करते हुऐ उन्‍होंने यह भी कहा कि प्रथम  सूचना रिपार्ट दुर्घटना के अगले ही दिन दर्ज करा दी गई अत: प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराऐ जाने में कोई विलम्‍ब नहीं हुआ। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी तर्क दिया कि विपक्षी को सूचना देने में भी कोई विलम्‍ब  नहीं किया गया। उन्‍होंने कार की रिपेयर में हुऐ व्‍यय 5,18,000/- रूपया तथा परिवाद में मांगे गऐ शेष अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  11.    प्रत्‍युत्‍तर  में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कहा गया कि पूर्व के वर्ष अर्थात् 07/2/2011 से 6/2/2012 तक की अवधि हेतु परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की इनोवा कार नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड की गजरौला शाखा से बीमित थी और उक्‍त बीमा अवधि में गजरौला शाखा से  परिवादी ने 4,750/- रूपया का बीमा क्‍लेम लिया था, किन्‍तु इस तथ्‍य  को छिपाकर परिवादी ने उत्‍तरदाता विपक्षी से 7/2/2012 से 6/2/2013 तक की अवधि हेतु बीमा कराते समय 20  प्रतिशत नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि पूर्व के वर्ष में परिवादी ने चॅूंकि बीमा कम्‍पनी की गजरौला शाखा से  बीमा क्‍लेम लिया था अत: वह उत्‍तरदाता विपक्षी से बीमा कराते समय नो-क्‍लेम बोनस पाने का वह हकदार नहीं था। परिवादी ने तथ्‍यों को छिपाकर नो-क्‍लेम बोनस लिया और इस आधार पर परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत करके विपक्षी ने न तो सेवा में कमी की और न ही कोई त्रुटि की।
  12.   प्रत्‍युत्‍तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अभिकथित दुर्घटना के समय तक परिवादी ने नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त नहीं किया था और यदि यह मान भी लिया जाऐ कि उसने नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया था  तो नो-क्‍लेम बोनस की धनराशि को कम करके परिवादी को क्‍लेम राशि दिला दी जानी चाहिए। हम परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्को से सहमत नहीं हैं।
  13.   पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-7/12 के अवलोकन से प्रकट है दिनांक 7/2/2011 से  6/2/2012 की अवधि हेतु परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित ​परिवादी की कार नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी की गजरौला शाखा से बीमित थी। विपक्षी के साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ दाखिल संलग्‍नक कागज सं0-16/6 के अनुसार गजरौला शाखा से उक्‍त अवधि में परिवादी ने बीमा क्‍लेम के रूप   में 4,750/- रूपये की धनराशि पंजाब नेशनल बैंक के चैक दिनांकित  27/9/2011 द्वारा प्राप्‍त की थी। परिवादी उक्‍त तथ्‍य को नकारने का साहस नहीं कर पाया। इस प्रकार पूर्व के वर्ष अर्थात् दिनांक 7/2/2011 से  6/2/2012 की अवधि में परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्‍पनी की गजरौला शाखा से बीमा क्‍लेम लिया था, किन्‍तु उत्‍तरदाता विपक्षी से दिनांक 7/2/2012 से 6/2/2013 की अवधि हेतु बीमा कराते समय परिवादी ने उक्‍त तथ्‍य को छिपाकर विपक्षी से नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया।

     14-   II (2010) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-272, टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व एक अन्‍य बनाम गुलजारी सिंह के मामले में मा0           राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली  द्वारा यह अव‍धारित किया गया है कि पूर्व के वर्ष में बीमा क्‍लेम ले लिऐ  जाने के                 तथ्‍य को छिपाकर यदि बीमित ने बीमा कम्‍पनी से नो-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया हो तो बीमा कम्‍पनी उक्‍त आधार पर बीमा दावा अस्‍वीकृत         करने की अधिकारी है।

    15-    मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली की इस विधि व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत पत्र दिनांक 24/1/2013 द्वारा परिवादी का                बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की।

    16-        उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि  परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

  •  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

  (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)      (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य           सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

        04.03.2016          04.03.2016              04.03.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 04.03.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)       (पवन कुमार जैन)

   सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •  0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     04.03.2016              04.03.2016             04.03.2016 

 

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