Uttar Pradesh

Chanduali

MA/2/2015

BABLOO - Complainant(s)

Versus

NATIONAL INSURANCE CO.LTD - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR

30 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Miscellaneous Application No. MA/2/2015
In
0
 
1. BABLOO
Vi-Shahapur Po-Akodakala Dist-Chandauli
Chandauli
UP
...........Appellant(s)
Versus
1. NATIONAL INSURANCE CO.LTD
Kashi Anathalya Maldahiya Varanasi
Varanasi
Up
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

30-5-2015
    परिवादी की ओर से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 24 क।। के अन्र्तगत आवेदन पत्र प्रस्तुत करते हुए निवेदन किया गया है कि परिवाद प्रस्तुत करने में हुए बिलम्ब को क्षमा करके परिवाद ग्रहण किया जाय।
    प्रस्तुत आवेदन पत्र प्रकीर्ण प्रार्थना पत्र के विरू़़द्ध रूप में दर्ज करके आपत्ति आमंत्रित करते हुए विपक्षीगण को नोटिस जारी किया गया जिस पर विपक्षी उपस्थित आये तथा उपरोक्त प्रार्थना पत्र का आपत्ति कागज संख्या 9 प्रस्तुत करके प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया है।
    उपरोक्त आवेदन पत्र एवं आपत्ति पर उभय पक्षों को सुना गया। परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया कि दिनांक 17-4-06 को बनारस आटो ट्रैक्टर्स चन्धासी मुगलसराय से परिवादी ने जोश इस्कार्ट ट्रैक्टर ट्राली सहित मु0 373471/- में क्रय किया तथा इसका बीमा यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा जन्सों की मडई के माध्यम से नेशनल इश्योरेंस कम्पनी लि0 की शाखा काशी अनाथालय मलदहिया वाराणसी से दिनांक 24-4-06 से 23-4-2007 तक के लिए कराया था। दिनांक 25-6-06  को दो व्यक्ति परिवादी के पास आये तथा उन्होनें कहा कि यूनियन बैंक आफ इण्डिया की शाखा जन्सों की मडई से आये है। गाडी की कागजी कार्यवाही करनी है। यह कहते हुए परिवादी तथा उसकी माॅं का दो-दो पासपोर्ट साइज फोटो लिये एवं सादे स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कराया और गाडी लेकर चले गये और कहे कि दिनांक 26-6-06 को बैंक आकर अपनी गाडी ले जाना। दिनांक 26-6-06 को परिवादी अपनी माॅं के साथ बैंक में गया तो वहाॅं पता चला कि बैंक से ट्रैक्टर लेने के लिए कोई आदमी नहीं गया था। तब दिनांक 26-6-06 को परिवादी ने घटना की सूचना बबुरी थाना में देते हुए उसी दिन बीमा कम्पनी को सूचना दिया। थानाध्यक्ष बबुरी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। दिनांक 24-12-07 को न्यायिक मजिस्ट्रेट चकिया के  आदेश पर थानाध्यक्ष बबुरी द्वारा प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज किया गया। कथन यह भी किया गया है कि घटना के 10 दिन के बाद बीमा कम्पनी का इन्वेस्टीगेशर (जांच) के लिए आये थे और मु0 50000/- की मांग किये और कहा कि रूपया देने पर ही तुम्हारे पक्ष में रिर्पोट लगाऊगा। बीमा कम्पनी द्वारा दावा का निस्तारण न करके ऋण समाप्त नहीं कराया गया। उपरोक्त आधार पर परिवाद प्रस्तुत किया गया है तथा निवेदन किया गया है कि दावा का निस्तारण न करने के कारण परिवाद प्रस्तुत करने में जो बिलम्ब हुआ है उसे क्षमा किया जाय।
    बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत आपत्ति में कथन किया गया है कि मिथ्या एव बनावटी तथ्यों पर दावा दाखिल किया गया है। परिवादी की ओर से ट्रैक्टर चोरी होने की कभी कोई सूचना नहीं दी गयी है और न ही कभी कोई दावा प्रस्तुत किया गया है। ट्रैक्टर गायब होने की सर्वप्रथम सूचना परिवादी द्वारा दावा के पूर्व प्रेषित की गयी लीगल नोटिस दिनांक 1-12-2014 से प्राप्त होने पर हुआ है। नोटिस प्राप्त होने पर पत्र दिनांक 9-12-14  द्वारा परिवादी को सूचित करते हुए बीमा के कागजात और बीमा दावा आदि मांगा गया जिसको परिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया। गाडी गायब होने के कई वर्षो के बाद विधिक नोटिस देते हुए
                                                                                             2
 दावा प्रस्तुत किया गया है। बिलम्ब का कोई युक्तियुक्त कारण परिवाद पत्र में प्रस्तुत नहीं किया गया है। उपरोक्त आधार पर आवेदन खारिज किये जाने का तर्क दिया गया है।
    उपरोक्त बिन्दुओं पर हम लोगों द्वारा विचार किया गया। परिवाद पत्र में कथन है कि दिनांक 25-6-06 को 2 अज्ञात व्यक्ति परिवादी के पासे आये थे और अपने को यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा जन्सों की मडई का कर्मचारी बताकर परिवादी का ट्रैक्टर लेकर चले गये थे। कथन यह भी है कि कथित घटना की सूचना दिनांक 26-6-06 को परिवादी ने थानाध्यक्ष बबुरी को दिया और उसी दिन बीमा कमपनी को भी सूचना दिया लेकिन बीमा कम्पनी को सूचना देने का कोई प्रमाण परिवादी की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। बीमा पालिसी के अन्र्तगत दावा बीमा कम्पनी को कब प्रस्तुत किया गया इसके बारे में न तो कोई कथन है और न ही इसका कोई प्रमाण दाखिल किया गया है ऐसी स्थिति में विपक्षी की यह आपत्ति सही प्रतीत होती है कि ट्रैक्टर गायब हो जाने के उपरान्त परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी के समक्ष दावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। लगभग साढे आठ वर्ष बीत जाने के बाद परिवाद दाखिल करने के पूर्व बीमा कम्पनी को विधिक नोटिस दिनांक 1-12-14 को परिवादी द्वारा प्रेषित किया गया है जब कोई बीमा दावा प्रस्तुत ही नहीं किया गया तो बीमा कम्पनी द्वारा दावा को अस्वीकार करने का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। गाडी दिनांक 25-6-06 को गायब हुई और इस संदर्भ में परिवाद साढे आठ वर्ष बाद दिनांक 12-1-15 को प्रस्तुत किया गया है जो 6 वर्ष से अधिक बिलम्बित है। गाडी गायब अथवा चोरी हो जाने की कोई सूचना न तो बीमा कम्पनी को दिया गया और न ही बीमा पालिसी के अन्र्तगत कोई दावा प्रस्तुत किया गया है। लगभग साढे आठ वर्ष बाद अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजकर परिवाद दाखिल कर दिया गया है जो हम लोगों के विचार से ग्रहण किये जाने योग्य नहीं है। क्योकि साढे आठ वर्ष तक परिवादी परिवाद क्यों प्रस्तुत नहीं किया इसका विश्वसनीय एवं सम्यक आधार व्यक्त नहीं किया गया है। अतः आवेदन पत्र खारिज किये जाने योग्य है। तद्नुसार प्रस्तुत आवेदन खारिज किया जाता है। परिवाद संधारणीय न होने के कारण निरस्त किया जाता है।


 सदस्य                       सदस्या                           अध्यक्ष

    

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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