Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/18/2015

VIRENDRA KUMAR - Complainant(s)

Versus

NATIONAL INSURANCE CO.LTD. - Opp.Party(s)

RAHUL SRIVASTAVA

12 Aug 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 18 सन् 2015

प्रस्तुति दिनांक 27.01.2015

                                                                                               निर्णय दिनांक 12.08.2021

वीरेन्द्र कुमार पुत्र जोखन राम निवासी सुराई, पोस्ट- फरिहाँ, थाना- निजामाबाद, आजमगढ़ वर्तमान पता ग्राम कोल बाजबहादुर, पोस्ट भवरनाथ, थाना- कोतवाली, जनपद- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा शाका प्रबन्धक, नेशनल इन्श्योरेनन्स कम्पनी लिमिटेड, शाखा कार्यालय, राहुल नगर (मड़या) आजमगढ़।
  2. काशी नाथ जालान आटोमोबाइल्स, अधिकृत डीलर होरो मोटो कार्प लिमिटेड, 217, सर्फूद्दीनपुर आजमगढ़ द्वारा मालिक/प्रबन्धक।      
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके वाहन मोटर साइकिल हीरो होण्डा ग्लैमर एफ.आई. पंजीयन संख्या यू.पी. 50 जेड 6775 का बीमा विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा किया गया था, जिसका पॉलिसी नं. 452103/31/13/6200001790 था जो दिनांक 16.04.2013 से 16.04.2014 तक प्रभावी था। मोटर साइकिल दुर्घटना ग्रस्त हो गया, इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी तथा विपक्षी संख्या 01 बीमा कम्पनी को वांछित प्रपत्र भी उपलब्ध करा दिया गया और शाखा प्रबन्धक महोदय के कथनानूसार कि यदि आपका वाहन विपक्षी संख्या 02 से प्राप्त इस्टीमेट के आधार पर ही क्षतिपूर्ति का आकलन किया जाएगा, यदि बनने लायक होगा तो बीमा कम्पनी आपका वाहन बनवा देगी अन्यथा आपको बीमा कम्पनी द्वारा निर्धारित धनराशि चेक के माध्यम से आपोक दे दी जाएगी और बीमा कम्पनी आपके वाहन का स्वामित्व ले लेगी। शाखा प्रबन्धक के कथन से पूर्ण रूप से आश्वस्त होकर परिवादी द्वारा वाहन को विपक्षी संख्या 02 की एजेन्सी/सर्विस सेण्टर में खड़ा करवाकर उसका इस्टीमेट भी बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराकर उसके बनने का अथवा न बन पाने की दशा में क्षतिपूर्ति के बाबत बीमाधन की धनराशि प्राप्त होने का इन्तजार करने लगे। परिवादी द्वारा अपने वाहन के बनने का अथवा न बन पाने की दशा में क्षतिपूर्ति के बाबत बीमाधन की धनराशि प्राप्त करने हेतु अनेकों बार विपक्षी कम्पनी से व्यक्तिगत, टेलीफोनिक व पत्राचार के माध्यम से सम्पर्क करने के बाद भी आजतक परिवादी के क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में कोई स्पष्ट निराकरण न होने के परिणामस्वरूप विधिक नोटिस भी विपक्षी को प्रेषित किया, किन्तु उसका कोई जवाब नहीं मिला। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को कुल 78,800/- रुपया मय 12% ब्याज अदा करे।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2व5/3 डी.एल. की छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 5/5 इन्श्योरेन्स की छायाप्रति, कागज संख्या 5/6ता5/8 इस्टीमेट की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।   

विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि दुर्घटना दिनांक 12.05.2012 की कोई लिखित अथवा मौखिक सूचना विपक्षी संख्या 01 को उपरोक्त परिवाद की नोटिस माननीय न्यायालय से भेजे जाने के पूर्व परिवादी द्वारा नहीं दी गयी थी न ही किसी प्रार्थना पत्र के देने की रिसीविंग परिवादी के पास है न जरिए रजिस्टर्ड डॉक पत्र भेजे जाने की रसीद परिवादी ने पत्रावली में संस्थित किया। इसके विरुद्ध सम्पूर्ण कथन बाबत सूचना उपरोक्त टेलीफोनिक व पत्राचार तथा कथित दुर्घटना बिल्कुल झूठा व काल्पनिक है। परिवादी द्वारा कोई क्लेम विपक्षी संख्या 01 के कार्यालय में अब तक व उपरोक्त परिवाद संस्थित करने के पूर्व तक संस्थित नहीं किया गया न ही तथाकथित दुर्घटना से सम्बन्धित कोई सबूत प्रस्तुत किया गया है। परिवादी द्वारा अपने फ्राडुलेन्ट तथाकथित दुर्घटना को दिनांक 12.05.2013 से 27.01.2015 तक छिपाकर रखा गया था और माo न्यायालय में सीधे दावा उपरोक्त बिना किसी लोकस स्टैण्डी के काल्पनिक वाद-कारण दर्शाकर के संस्थित कर दिया गया है, जिसके कारण उपरोक्त परिवाद पोषणीय नहीं है। तथकथित दुर्घटना दिनांक 12.05.2013 को डी.जी.गाडी सं. यू.पी. 42 टी. 0926 से होना बताया जाता है जिसके सम्बन्ध में कोई चार्जशीट अथवा फाइनल रिपोर्ट परिवादी द्वारा पत्रावली में संस्थिति न होने के कारण घटना के कथन अपुष्ट है लेहाजा प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर परिवाद पत्र के कथन एडमिसिबिल इन एवीडेन्स नहीं है। तथाकथित दुर्घटना के समय मोटर साईकिल पर बैठे वीरेन्द्र कुमार तथा अमित कुमार में से कौन गाड़ी चला रहा था स्पष्ट नहीं है। अमित कुमार का कोई डी.एल. पत्रावली में दाखिल नहीं है। परिवादी द्वारा संस्थित डी.एल. भी सन्देहपूर्ण है तथा फर्जी होने की स्थिति में

किसी प्रकार का क्लेम पाने हेतु परिवादी अधिकृत नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

उभय पक्षों की अनुपस्थिति में पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह बीमा कम्पनी के खिलाफ जब क्लेम लेने गया था तब बीमा कम्पनी ने कहा कि वह इस्टीमेट बनाकर दे दे तो उसके क्लेम का भुगतान कर दिया जाएगा। विधि का यह सुस्थापित सिद्धांत है कि क्षतिग्रस्त वाहन की क्षति का इस्टीमेट हमेशा सर्वेयर करता है। सर्वेयर के अलावा किसी व्यक्ति को क्षति का ऑकलन करने का अधिकार हासिल नहीं है। परिवादी ने कोई सर्वेयर नियुक्त नहीं करवाया और परिवादी ने बीमा कम्पनी को सूचना कब दिया इसके बारे में भी उसके द्वारा पत्रावली में कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि माo उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार परिवादी को युक्त-युक्त समय में बीमा कम्पनी को सूचना दी जानी चाहिए थी। उपरोक्त कारणों से हमारे विचार से परिवाद निरस्त होने योग्य है।   

आदेश

                                                       परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

                                                                    गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                  (सदस्य)                           (अध्यक्ष)

 

           दिनांक 12.08.2021

                                            यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                          गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                             (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.