Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/141/2006

SUDAMI DEVI - Complainant(s)

Versus

NATIONAL INSURANCE CO. - Opp.Party(s)

JAY PRAKASH YADAV

15 Nov 2018

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/141/2006
( Date of Filing : 12 Sep 2006 )
 
1. SUDAMI DEVI
BUDHANPUR AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. NATIONAL INSURANCE CO.
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 15 Nov 2018
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 141 सन् 2006

   प्रस्तुति दिनांक 12.09.2006

                 निर्णय दिनांक 15.11.2018        

 

  1. सुदामी देवी उर्फ सुदामा उम्र तखo 25 साल पत्नी स्वo राजेश यादव
  2. विशाल उम्र तखo 6 साल
  3. आकाश उम्र तखo 4 साल

नाबालिगान पुत्रगण स्वo राजेश यादव

  1. कुo पायल उम्र तखo 01 साल – नाबालिक पुत्री स्वo राजेश यादव

जरिये संरक्षिका 2 लगायत 4 श्रीमती सुदामी देवी उर्फ सुदामा माता कीकी निवासीगण ग्राम- हिसामुद्दीनपुर (समधीपुर) पोस्ट- कोयलसा थाना- कप्तानगंज तहसील- बूढ़नपुर जिला- आजमगढ़।..................................................................................परिवादीगण।

बनाम

  1. शाखा प्रबन्धक नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo शाखा कार्यालय आजमगढ़।
  2. शाखा प्रबन्धक जी.टी.एफ. शाखा कार्यालय सहारा इण्डिया तृतीय तल सिविल लाइन्स आजमगढ़।..............................................................................................विपक्षीगण।

      उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”

निर्णय

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”-

परिवादिनी सुदामी देवी ने यह कहा है कि उसके पति व्यक्तिगत दुर्घटना हेतु मुo 1,00,000/- रुपये की ऋण 15 वर्ष तक के लिए लिया था। दिनांक 09.03.2015 को आकाशीय बिजली गिरने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी। तहसीलदार बूढ़नपुर आजमगढ़ ने मौके का मुआयना किया और घटना सत्या पाया और आपदा रजिस्टर के क्रमांक 139 पर घटना के बाबत अंकन किया। मृतक राजेश यादव का पंचनामा कराकर अंतिम संस्कार कर दिया। थानाध्यक्ष कप्तानगंज भी दिनांक 17.03.2005 को मेरे घटना सही पाया। परिवादिनी संख्या 01 ने विपक्षी नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड के यहां बीमाकृत धनराशि के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कम्पनी ने बार-बार दौड़ाने के बावजूद भी इसका भुगतान नहीं किया। जब वह व्यक्तिगत रूप से शाखा में उपस्थित हुई तो वहाँ पर यह कहा गया कि उसे कोई अधिकार नहीं है। विपक्षीगण ने अपनी सेवा संविदा की शर्तों का घोर उल्लंघन किया है। अतः परिवाद प्रस्तुत करने की आवश्यकता हुई। अतः विपक्षी बीमा कम्पनी नेशनल इन्श्योरेन्स को आदेशित किया जाए कि वह बीमा की धनराशि मुo 1,00,000/- रुपये 09% वार्षिक ब्याज की दर से परिवादीगण को अदा करें और खर्चा मुकदमा भी दें। परिवादिनी संख्या 01 ने परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। परिवादीगण की ओर से प्रलेखीय साक्ष्यों में कागज संख्या 5/1 थानाध्यक्ष कप्तानगंज को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 थानाध्यक्ष की रिपोर्ट, कागज संख्या 5/3 तहसीलदार को लिखे गए प्रार्थना पत्र की

 

2

छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 परिवार रजिस्टर की नकल, कागज संख्या 5/5 श्मशान घाट की गम्हीरिया की रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/7 बीमा के कागज की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है।

विपक्षी संख्या 01 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र में किए गए कथनों से अस्वीकार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवाद गलत दाखिल किया गया है। राजेश यादव की मृत्यु प्राकृतिक हुई थी और मृत्यु के सम्बन्ध में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुआ था। कोई मेट्रोलॉजी रिपोर्ट नहीं है। अतः परिवाद संधार्य नहीं है। तहसीलदार के रिपोर्ट पत्रावली में संलग्न नहीं है। विपक्षी ने दावा का उल्लंघन नहीं किया है। तारीख 11.08.2006 के पश्चात् कोई पैरवी दिनांक 13.07.2015 तक नहीं की गयी। अतः विपक्षी को परिवाद की जानकारी नहीं हो पायी। दिनांक 08.04.2008 को पैरवी के अभाव में परिवाद निरस्त कर दिया गया था और पुनः प्रकीर्णवाद संख्या 12/2008 प्रस्तुत किया गया। जो विधि के विपरीत दिनांक 07.12.2009 को रिस्टोर हुआ। चूँकि सूचना रिपोर्ट व पोस्ट मॉर्टम प्रस्तुत नहीं की गयी। अतः परिवाद खारिज किया जाए। विपक्षी संख्या 02 द्वारा कागज संख्या 22/1 जवाबदावा दाखिल कर यह कहा गया है कि उसे परिवाद पत्र की सारी बातें स्वीकार हैं। राजेश यादव का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा 15 साल के लिए किया गया था। इस पक्षकार ने बीमा का पॉलिसी का नम्बर भी दिया है। चूंकि विपक्षी संख्या 02 परिवाद का निस्तारण नहीं कर सकता है। अतः विपक्षी संख्या 01 ही परिवाद का निस्तारण कर सकता है। विपक्षी संख्या 02 ने नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड का दूसरे बीमा की छायाप्रति डिवीजन मैनेजर नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है। विपक्षी के अनुपस्थिति में परिवादी गण को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

पत्रावली के साथ प्रकीर्णवाद संख्या 12/2008 की पत्रावली भी संलग्न है। इसके अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि मूल पत्रावली दिनांक 08.04.2008 को निरस्त कर दी गयी थी और पत्रावली के मूल नम्बर पर कायम हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था और दिनांक 07.12.2009 को बिना क्षेत्राधिकार के पत्रावली को रिस्टोर कर दिया गया। इस सन्दर्भ में यदि हम न्याय निर्णय “राजीव हितेन्द्र पाठक एवं अन्य बनाम अच्युत काशीनाथ कारेकर एवं अन्य IV (2011) CPJ 35 SC” का अवलोकन करें तो उपरोक्त न्याय निर्णय में माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अभिधारित किया है कि जिसमें यह कहा गया है कि स्टेट कमीशन को अपना आदेश रिकाल करने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है और जिला फोरम को भी अपना आदेश रिकाल करने की आवश्यकता नहीं है। उपरोक्त न्याय निर्णय इस परिवाद के तथ्यों एवं परिस्थितियों में पूरी तरह ग्राह्य है। फोरम को रिस्टोरेशन का कोई क्षेत्राधिकार हासिल नहीं है। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि यह आदेश अध्यक्ष द्वारा नहीं किया गया है, बल्कि दोनों सदस्यों द्वारा

 

 

3

किया गया है। चूँकि रिस्टोरेशन गलत था। अतः मेरे विचार से पत्रावली रिस्टोर नहीं माना जाएगा। उपरोक्त विवेचन से मेरे विचार से परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।  

आदेश

परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

राम चन्द्र यादव                    कृष्ण कुमार सिंह

(सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.