Chhattisgarh

Durg

CC/86/2014

Smt. Sumitra Bai - Complainant(s)

Versus

National Insurance Co. - Opp.Party(s)

Mr. DeepNarayan Yadav

16 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM, DURG (C.G.)
FINAL ORDER
 
Complaint Case No. CC/86/2014
 
1. Smt. Sumitra Bai
Mohara Gurur
Balod
C.G.
...........Complainant(s)
Versus
1. National Insurance Co.
Durg
Durg
C.G.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. मैत्रेयी माथुर् PRESIDENT
 HON'BLE MRS. शुभा सिंह MEMBER
 
For the Complainant:Mr. DeepNarayan Yadav, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

                                                  प्रकरण क्र.सी.सी./14/86

                                                                                                  प्रस्तुती दिनाँक 19.03.2014

श्रीमती सुमित्रा बाई धर्म पत्नि स्व. किसुन धनकर, आयु-41 वर्ष, निवासी-ग्राम मोहारा, तह. व थाना-गुरूर, जिला-बालोद (छ.ग.)                                                        - - - -     परिवादी

विरूद्ध

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमि., द्वारा-शाखा प्रबंधक, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमि., स्टेशन रोड, गिल काॅम्पलेक्स, दुर्ग, तह. व जिला-दुर्ग (छ.ग.)

                                                                                                                - - - -      अनावेदकगण

 

आदेश

(आज दिनाँक 16 फरवरी 2015 को पारित)

श्रीमती मैत्रेयी माथुर-अध्यक्ष

                                परिवादी द्वारा अनावेदक से कामर्शियल व्हीकल पैकेज पाॅलिसी अंतर्गत दुर्घटना मृत्यु दावा राशि 2,00,000रू. मय ब्याज, वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है।

                                (2) प्रकरण मंे स्वीकृत तथ्य है कि अनावेदक के द्वारा परिवादिनी के पति के वाहन क्र.सी.जी.05/जी./2990 का बीमा कामर्शियल व्हीकल पैकेज पाॅलिसी क्र.285201/31/10/6300004740 तथा अवधि दिनंाक 04.12.10 से दिनांक 03.12.11 तक के लिए किया गया था, जिसके लिए आॅनर कम ड्राईवर के मद मे 100रू. का प्रीमियम प्राप्त कर 2,00,000रू. की बीमा किया गया था।

परिवाद-

                                (3) परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादिनी के स्व. पति के द्वारा अपने वाहन टेªक्टर क्र.सी.जी.05/जी./2990 का बीमा अनावेदक कंपनी से कराया गया था, जिसका पाॅलिसी क्र.285201/31/10/6300004740 तथा अवधि दि.04.12.10 से दिनांक 03.12.11 तक थी। परिवादी के पति दिनंाक 21.07.11 को ग्राम-मोहारा, तह. व थाना-गुरूर, जिला-बालोद में खेत जुताई कृषि कार्य करते हुए अचानक टेªक्टर के पलट जाने से उक्त वाहन टेªक्टर में परिवादिनी के पति दब गए, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। अनावेदक के द्वारा वाहन बीमा पाॅलिसी मे 100रू. पी.ए. कम ड्राईवर के मद में काटा गया था जिसके लिए आवेदिका द्वारा 2,00,000रू. क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के लिए अनावेदक के समक्ष शाखा कार्यालय दुर्ग में दिनांक 05.12.12 को दस्तावेज सहित पेश की गई थी और अनावेदक द्वारा परिवादी को अपने शाखा कार्यालय दुर्ग में बुलाया गया और क्लेम फार्म भी जमा करवाया गया, लेकिन अनावेदक द्वारा परिवादिनी को बीमा राशि प्रदान करने में टालमटोल किया जाता रहा है। आवेदिका के द्वारा बीमा कंपनी से व्यथित होकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से दि.06.06.13 को एक रजिस्टर्ड नोटिस प्रेषित कराया गया, किंतु अनावेदक के द्वारा परिवादी को बीमा राशि प्रदान नहीं की गई। इस प्रकार अनावेदक के द्वारा परिवादिनी के प्रति की गई सेवा में कमी एवं व्यवसायिक दुराचरण किया गया है। अतः अनावेदक से बीमा राशि 2,00,000रू. मय आवेदन दिनांक से भुगतान दिनांक तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज, वाद व्यय एवं अन्य उचित अनुतोष दिलाए जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया। 

जवाबदावाः-

                                (4) अनावेदक का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि अनावेदक के द्वारा परिवादिनी के स्व. पति के वाहन टेªक्टर क्र.सी.जी./05/जी./2990 का बीमा किया गया था, जिसका पाॅलिसी क्र.285201/31/10/6300004740 तथा अवधि दिनंाक 04.12.10 से दिनांक 03.12.11 तक थी। उक्त बीमा पाॅलिसी मे 100रू पी.ए. कम ड्राईवर के मद में काटा गया था तथा जिसका कवरेज मैक्जिमम लायबिलिटी 2,00,000रू. का था। आवेदिका के द्वारा अनावेदक के पास मे क्लेम फार्म भर कर दिया गया तब अनावेदक के द्वारा परिवादिनी से उसके पति का ड्राईविंग लायसेंस पेश करने कहा गया था। इस संबंध में अनावेदक के द्वारा परिवादिनी को पत्र दि.21.01.13, 01.03.13, 11.3.13 भेजा गया था, उक्त दस्तावेज 10 दिन के भीतर बीमा कंपनी को प्रदान न किए जाने पर दावा नो-क्लेम कर दिया जावेगा। इस प्रकार अनावेदक के द्वारा बीमा पाॅलिसी के नियम एवं शर्तो के अनुरूप ही दावा नो-क्लेम किया गया है। आवेदिका के द्वारा इस अनावेदक को प्रेषित नोटिस का जवाब अनावेदक के द्वारा दि.17.07.13 को प्रेषित किया गया था। इस प्रकार अनावेदक के द्वारा परिवादिनी के दावे को बीमा पाॅलिसी के नियम एवं शर्तो के अनुरूप ही नो-क्लेम किया गया है परिवादिनी इस अनावेदक से किसी प्रकार के अनुतोष को प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखती अतः परिवादिनी के द्वारा प्रस्तुत यह आवेदन सव्यय निरस्त किया जावे।

                                (5) उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण मे निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनके निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:-

1.             क्या परिवादी, अनावेदक से कामर्शियल व्हीकल पैकेज पाॅलिसी अंतर्गत देय मृत्यु दावा राशि 2,00,000रू. मय ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है?                                              नहीं

2.             अन्य सहायता एवं वाद व्यय?                                       आदेशानुसार परिवाद खारिज

 

निष्कर्ष के आधार

                                (6) प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है। 

फोरम का निष्कर्षः-

                                (7) परिवादी का तर्क है कि अचानक अभिकथित टेªक्टर पलट जाने के कारण परिवादी के पति की मृत्यु हो गई। अतः बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार परिवादी को बीमा दावा जो कि उसके समस्त दस्तावेज भरकर बीमा कंपनी में जमा किया गया था, परंतु बीमा कंपनी ने क्षतिपूर्ति अदा नहीं कर सेवा में निम्नता की है, जबकि अनावेदक का तर्क है कि बीमा पालिसी पर्सनल एक्सीडेंट कव्हरेज में ओनर कम ड्रायवर के रिस्क कव्हर हेतु 100रू. प्रीमियम में ओनर कम ड्रायवर का पर्सनल एक्सीडेंट का कव्हर अधिकतम 2,00,000रू. तक का था और जब परिवादी ने क्लेम फार्म दिया तब परिवादी को ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत करने कहा गया, परंतु परिवादी ने मृतक का ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत नहीं किया, जबकि संबंधित चालक को वाहन का पंजीकृत स्वामी होना बीमा शर्तों के अनुसार आवश्यक था और इसी कारण परिवादी ने ड्रायविंग लायसेंस पेश नहीं किया है, परिवादी का बीमा दावा स्वीकार किये जाने योग्य नहीं पाया गया और ऐसा करने में अनावेदक ने किसी भी प्रकार की सेवा में निम्नता नहीं की है।

                                (8) प्रकरण के अवलोकन से स्पष्ट है कि एनेक्चर-10 द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा परिवादी को सूचित किया गया था कि क्लेम फार्म अपूर्ण भरा गया है, पूरे दस्तावेज भी नहीं दिये गये हैं और ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिसके संबंध में पूर्व में भी अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा पत्राचार किया गया है।  परिवादी ने इस प्रकरण में भी ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत नहीं करने का कोई कारण नहीं बताया गया है, जबकि परिवादी आर.टी.ओ. से डुप्लीकेट ड्रायविंग लायसेंस प्राप्त कर सकती थी, परंतु परिवादी ने न ही इस फोरम में आवेदन दिया और न ही आर.टी.ओ. के समक्ष डुप्लीकेट ड्रायविंग लायसेंस हेतु आवेदन दिया है। इस संबंध में परिवादी ने कोई संतोषप्रद कारण भी प्रस्तुत नहीं किया है। अनावेदक द्वारा संबंधित पालिसी की शर्तों के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं और यह तर्क किया गया है कि उक्त बीमा शर्तों के अनुसार वाहन के स्वामी-ड्रायवर उक्त बीमित वाहन का पंजीकृत मालिक होना जरूरी था, उसके नाम से बीमा पालिसी होनी थी और उसी के नाम से ड्रायविंग लायसेंस होना था यह तीनों शर्तें बीमा दावा निराकरण के लिए अत्यंत आवश्यक थी।  परिवादी ने अपने शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि ड्रायविंग लायसेंस कहां है उसे नहीं मालूम, इस स्थिति में यही माना जावेगा कि परिवादी ने ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत नहीं किया, इसीलिए अनावेदक ने यदि परिवादी का बीमा दावा बंद कर दिया तो उसे सेवा में निम्नता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। अतः अनावेदक को उसके द्वारा प्रस्तुत न्यायृष्टांत:-

(1) संध्या विरूद्ध यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रिवीजन पिटीशन नं.3358 आॅफ 2011

(2) जलालुद्दीन विरूद्ध ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रिवीजन पिटीशन नं.1935 आॅफ 2012

का लाभ देते हैं।

(9) फलस्वरूप हम परिवादी का दावा स्वीकार करने का समुचित आधार नहीं पाते हैं अतः खारिज करते हैं।

 

(10) प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

 
 
[HON'BLE MRS. मैत्रेयी माथुर्]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. शुभा सिंह]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.