राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-547/2023
अजय तिवारी, पुत्र श्री सोमनाथ तिवारी
बनाम
नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी लि0 व एक अन्य
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अजीत प्रताप सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री अंचल मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 29.11.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अजीत प्रताप सिंह एवं प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अंचल मिश्रा उपस्थित हैं। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना।
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या-382/2017 अजय तिवारी बनाम नेशनल इंश्योरेन्स में पारित आदेश दिनांक 11.05.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पक्षकारों की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में परिवाद निरस्त किया गया।
मेरे विचार से प्रश्नगत आदेश दिनांक 11.05.2022 के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद पक्षकारों की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में निरस्त किया है, अतएव न्याय हित में मैं इस मत का हूँ कि अपील स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 11.05.2022 अपास्त किया जाए तथा प्रकरण को जिला उपभोक्ता
-2-
आयोग को इस आग्रह/निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाए कि जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव 06 माह में करना, सुनिश्चित करे।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या-382/2017 अजय तिवारी बनाम नेशनल इंश्योरेन्स में पारित आदेश दिनांक 11.05.2022 अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए बिना परिवाद स्थगित करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव 06 माह में करना, सुनिश्चित करे।
पक्षकारों द्वारा इस निर्णय की प्रति जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख 15 दिन की अवधि में प्रस्तुत की जावेगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1