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Prerna Sintex & Others filed a consumer case on 31 Mar 2015 against National Insurance Co, Ltd. in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/1329/2012 and the judgment uploaded on 07 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी:-
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-1329/2012 (पुराना परिवाद संख्या 760/2000)
01. प्रेरणा सिन्टेक्स (यूनिट आॅफ एसोसिएटेड स्टोन इण्डस्ट्रीज, कोटा लिमिटेड), प्रधान कार्यालय- फैल्थम हाऊस, जे.एन.हेरेडिया मार्ग, बलार्ड एस्टेट, मुम्बई । पंजीकृत कार्यालय- जाटिया एवेन्यू, 15बी, रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया, नीमराना, जिला अलवर जरिये प्राधिकृत अधिकारी ।
02. नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, पंजीकृत कार्यालयः 3, मिडिलटन स्ट्रीट, कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) जरिये मण्डलीय प्रबन्धक, मण्डलीय कार्यालय-द्वितीय, भगवती सदन, एम.आई.रोड, जयपुर ।
परिवादीगण
बनाम
गुडविल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन, 77, ट्रांसपोर्ट नगर, इन्दौर (मध्यप्रदेश) । द्वितीय पता- 297/1, तेजपुर गड़बड़ी, अर्जुन नगर, एम.बी.रोड, इन्दौर जरिये प्रबन्धक ।
विपक्षी
उपस्थित
परिवादीगण की ओर से श्री विज्जी अग्रवाल, एडवोकेट
विपक्षी के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही
निर्णय
दिनांकः-31.03.2015
यह परिवाद, परिवादीगण द्वारा विपक्षी के विरूद्ध दिनंाक 04.01.2000 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी संख्या 1 ने परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी को प्रीमियम अदा करके उससे एक मैरिन इन्लैण्ड ट्रांजिट बीमा पाॅलिसी संख्या 370200/4400043/96 दिनंाक 16.01.1997 से 15.01.1998 की अवधि के लिए प्राप्त की थी । परिवादी संख्या 1 को उसके सप्लायर जे.पी.ट्रेडिंग कम्पनी, इन्दौर द्वारा नर्मदा जिनिंग एण्ड प्रेसिंग फैक्ट्री, खिरकिया (मध्यप्रदेश) से 100 काॅटन बेल, जिनका मूल्य 8,65,885.20 रूपये था, विपक्षी गुडविल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के ट्रक संख्या एमपी-09-केए-8215 के जरिये एल.आर.संख्या बी-006178 दिनांक 01.01.1998 को भेजा गया । जो परिवादी संख्या 1 के नीमराना स्थित पंजीकृत कार्यालय एवं मिल के परिसर में दिनांक 05.01.1998 को पहुंची । तब यह काॅटन बेल्स पानी से भीगी हुई थी एवं उन पर मिट्टी लगी हुई थी । इस तरह से उपरोक्त वर्णित काॅटन बेल्स खराब हो चुकी थी । इसलिए परिवादी संख्या 1 ने परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी को सूचना दी तो उनके सर्वेयर ने मौके का मुआयना किया तथा अपनी सर्वे रिपोर्ट में काॅटन बेल्स में तीन लाख रूपये का नुकसान होना बताया । इस संबंध में विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी को अवगत कराया गया तो उसने अपने पत्र दिनंाकित 02.08.1998 के माध्यम से माल व्ूदमतष्े त्पेा पर भेजना बताया । जबकि ऐसी कोई शर्त माल को भेजने के बाबत् परिवादी संख्या 1 व जे.पी.ट्रेडिंग कम्पनी, इन्दौर से विपक्षी द्वारा तय नहीं की गई थी ।
इसके बाद परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी ने परिवादी संख्या 1 को दिनांक 24.09.1998 को तीन लाख रूपये की राशि का भुगतान कर दिया तथा इस भुगतान को प्राप्त करने के बाद परिवादी संख्या 1 ने परिवादी संख्या 2 के हक में एक ’स्पेशल पावर आॅफ अटाॅर्नी’ दिनांक 24.09.1998 को निष्पादित कर दी । तदुपरान्त यह परिवाद परिवादी संख्या 1 एवं परिवादी संख्या 2 ने मिलकर मंच के समक्ष प्रस्तुत किया हैं और अब परिवादीगण विपक्षी गुडविल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन से उक्त राशि को प्राप्त करने के अधिकारी हैं क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन की अवधि में उक्त काॅटन बेल्स को नुकसान पहुंचा था, जिसकी जिम्मेदारी विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी की हैं । और विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी सेे परिवादीगण काॅटन बेल्स की क्षतिपूर्ति राशि तीन लाख रूपये प्राप्त करने के अधिकारी हैं । जो परिवादीगण द्वारा विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी को नोटिस दिये जाने के बाद भी अदा नहीं की गई हैं । इसलिए यह राशि विपक्षी ट्रांसपोर्ट कमपनी ने परिवादीगण को अदा नहीं करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादीगण अब विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से परिवाद के मद संख्या 30 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने के अधिकारी हैं ।
विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादीगण द्वारा कोरियर्स एक्ट की धारा 10 के अन्तर्गत कार्यवाही नहीं करने के कारण परिवाद, परिवादीगण चलने योग्य नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादीगण निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में श्री सीताराम शर्मा एवं श्री किशनलाल के शपथ पत्र एवं प्रदर्श-1 से प्रदर्श-21 दस्तावेज प्रस्तुत किये गये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री घनश्याम का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
बाद में विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के विरूद्ध दिनंाक 20.02.2015 को एकतरफा कार्यवाही अमल में लाये जाने के आदेश प्रदान किये गये ।
बहस एकतरफा सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
परिवादीगण एवं विपक्षी दोनों की ओर से लिखित बहस प्रस्तुत की गई ।
दौराने बहस परिवादीगण की ओर से निम्न न्याय सिद्धान्त पेश किये गयेः-
01ण् प् ;2010द्ध ब्च्श्र 4 ;ैब्द्ध
02ण् प् ;2010द्ध ब्च्श्र 243 ;छब्द्ध
03ण् 1986.2005 ब्वदेनउमत 9335 ;छैद्धए छब्क्त्ब्ए त्ण्च्ण्छवण्238ध्1998ए म्ंेज प्दकपं ज्तंदेचवतज ।हमदबल टे डध्ेण् व्तपमदजंस प्देनतंदबम ब्वण्स्जकण् ंदक ंदवजीमतए क्मबपकमक वद 05ण्07ण्2004
04ण् 1986.2005 ब्वदेनउमत 9339 ;छैद्धए छब्क्त्ब्ए थ्पतेज ।चचमंस छवण् 179ध्2003ए डध्े ब्ममदमत ।चचंतमसे च्अजण् स्जकण् टे ब्मदजतंस ठंदा व िप्दकपंए क्मबपकमक वद 22ण्08ण्2003
05ण् राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, सर्किट बैंच नम्बर 2, जयपुर, अपील संख्या 1115/2008, ओरियेन्ट सिन्टेक्स व अन्य बनाम जय भवानी रोड लाईन्स, निर्णय दिनांक 08.12.2011
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी संख्या 1 को उसके सप्लायर जे.पी.ट्रेडिंग कम्पनी ने दिनांक 01.01.1998 को 8,65,885.20 रूपये की काॅटन बेल्स परिवादी संख्या 1 के हैड आॅफिस के परिसर के लिए रवाना की थी । ये काॅटन बेल्स दिनांक 05.01.1998 को परिवादी संख्या 1 के नीमराना स्थित पंजीकृत कार्यालय एवं मिल के परिसर में पहुंची तो ये भीगी हुई थी और उन पर मिट्टी लगी हुई थी । इनके संबंध में परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी ने परिवादी संख्या 1 को बीमा क्लेम सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर तीन लाख रूपये का अदा कर दिया । तदुपरान्त परिवादी संख्या 1 ने परिवादी संख्या 2 के पक्ष में एक ’स्पेशल पावर आॅफ अटाॅर्नी’ प्रदर्श-21 दिनांक 24.09.1998 को निष्पादित की । जिसके आधार पर परिवादी संख्या 1 व परिवादी संख्या 2 ने मिलकर यह परिवाद विपक्षी गुडविल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के विरूद्ध प्रस्तुत किया है क्योंकि सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार ट्रक चालक ने काॅटन बेल्स को पानी से भीगने से बचाने के संबंध में कोई सतर्कता और सावधानी नहीं बरती । उसने काॅटन बेल्स ट्रक में लादे जाने के पश्चात् ट्रक को ज्ंतचंनसपद ;ॅंजमत च्तववमिक ब्ंदअंेद्ध से नही ढका, जो उसकी असावधानी और गफलत का परिचायक हैं ।
अतः विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी द्वारा गफलत और लापरवाही बरतने से उक्त काॅटन बेल्स खराब हुई, जो विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी का सेवादोष हैं । जिसकी क्षतिपूर्ति राशि अब परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं क्योंकि परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी ने परिवादी संख्या 1 को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर दिया है । और इस संबंध में परिवादी संख्या 1 ने परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी के पक्ष में ’स्पेशल पावर आॅफ अटाॅर्नी’ प्रदर्श-21 भी दिनांक 24.09.1998 को निष्पादित कर दी हैं । यहां यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के विरूद्ध दिनांक 20.02.2015 को एकतरफा कार्यवाही अमल मंें लायेे जाने के आदेश दिये गये हैं इसलिए आदेश 8 (5) (2) सी.पी.सी. के प्रावधानों में यह मानकर चला जावेगा कि विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी परिवादीगण द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को अक्षरशः स्वीकार करती हैं ।
इसलिए इस परिस्थिति में भी यह अवधारित किया जा सकता हैं कि विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी द्वारा परिवादी संख्या 1 के काॅटन बेल्स के ट्रांसपोर्ट में असावधानी और लापरवाही बरती गई थी । जिसके कारण काॅटन बेल्स खराब हुई और इसकी क्षतिपूर्ति राशि तीन लाख रूपये अब परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं । परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी तीन लाख रूपये की राशि पर विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से परिवाद पेश करने के दिन से वसूली के दिन तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी । परिवादीगण को विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
आदेेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से क्षतिपूर्ति राशि तीन लाख रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं । परिवादी संख्या 2 बीमा कम्पनी इस तीन लाख रूपये की राशि पर विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से परिवाद पेश करने के दिन से वसूली के दिन तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी । परिवादीगण को विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि वह उक्त समस्त राशि परिवादी संख्या 1 एवं परिवादी संख्या 2 के पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेगी ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 31.03.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या
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