समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-26/2015 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
विश्वेश्वर दयाल गुप्ता एड0 पुत्र श्री रामेश्वर दयाल गुप्ता निवासी-मुहल्ला निकट नवीन गल्ला मण्डी,गांधीनगर,महोबा तहसील व जिला-महोबा ......परिवादी
बनाम
1.शाखा प्रबंधक,नेशनल इश्योरेंस कंपनी लि0 शाखा कार्यालय 98,सिविल लाइन्स,झांसी जिला-झांसी ।
2.क्षेत्रीय प्रबंधक,नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0 क्षेत्रीय कार्यालय जीवन भवन फेज ।। नवल किशोर रोड,हजरतगंज,लखनऊ ।
3.मुख्य प्रबंधक,नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0 पंजीकृत कार्यालय 3,मिडिलटन स्टीट कोलकाता 700071 ....विपक्षीगण
निर्णय
श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्या,द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ने अपनी मोटर साइकिल पंजीयन सं0 यू0पी0 95 सी 6995 का बीमा पालिसी सं0450505/31/12/6200005930 के माध्यम से विपक्षीगण से कराया था । दि0 25.07.2012 को उक्त मोटर साइकिल झांसी से चोरी हो गई थी । परिवादी के पुत्र सुनील कुमार गुप्ता ने दि0 25.07.2012 को मोटर साइकिल चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई और विपक्षी सं01 को इसकी सूचना दी तथा दावा क्लेम व संबंधित सभी प्रपत्र उपलब्ध कराये । विपक्षीगण परिवादी से पत्राचार कर के कोई न कोई अभिलेखों की मांग करता रहा और दावा क्लेम का भुगतान नहीं किया गया । विपक्षीगण के पत्र दि017.11.2014 व 31.07.2014 से प्रथम सूचना रिपोर्ट की सत्यापित प्रति,समाचार पत्र की कटिंग,वाहन चोरी गये स्थान का नाम,आर0टी0ओ0 द्वारा निर्गत रिगार्डिंग पत्र आदि प्रस्तुत किये जाने के संबंध में दिये गये । परिवादी ने दि024.11.2014 को पंजीकृत पत्र से जबाब प्रस्तुत किया । संबंधित पत्र संलग्न किये । परिवादी ने दि0 29.07.2012 को विपक्षी को ई-मेल और 30.07.2012 आर0टी0ओ0 को ई-मेल से सूचना दी । विपक्षी सं01 ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट में पिता का नाम गलत लिखा होने से क्लेम प्राप्त नहीं हो रहा है । परिवादी ने दि0 16.12.2014 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा गया जिसका उत्तर विपक्षी सं01 द्वारा भेजा गया कि संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये इसलिये क्लेम का निस्तारण नहीं हो पा रहा है और क्लेम विचाराधीन है । यह सेवा में त्रुटि है । विपक्षी सं03 को एजेंट महोबा में रहकर कंपनी का कार्य संपादित करता है । अंत- यह परिवाद बीमा क्लेम की धनराशि 26,000/-रू0 मय ब्याज तथा मानसिक,आर्थिक क्षति एवं परिवाद व्यय के रूप में 20,000/-रू0 विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षीगण ने संयुक्त रूप से जबाबदावा प्रस्तुत किया कि 25.07.2012 को मोटर साइकिल की चोरी हो जाने की घटना की सूचना तुरंत पालिसी की शर्तों के अनुसार नहीं दी गई । प्रथम सूचना रिपोर्ट बिलंब से कराई गई । आर0टी0ओ0 को दी गई सूचना की प्रतिलिपि में सूचना देने वाले सुनील कुमार का पता तथा पालिसी व पंजीयन में पते भिन्न लिखे हुये हैं । विपक्षी के कार्यालय से दि017.11.2014 व 24.11.2014 व ई-मेल के माध्यम से एफ0आई0आर0 की सत्य प्रतिलिपि एवं एफ0आई0आर0 बिलम्ब से लिखाने का कारण,आर0टी0ओ0 को दी गई सूचना,न्यूज पेपर की कटिंग की मांग की गई । पुन: दि0 04.12.2014 व 31.07.2014 को उक्त प्रपत्र मांगे । इस कारण क्लेम का निस्तारण नहीं हो सका । घटना की तुरंत सूचना न देने के कारण घटना का सत्यापन नहीं हो सका । कोई सेवा में त्रुटि नहीं की ।
परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त विश्वेश्वर दयाल गुप्ता परिवादी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षीगण की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त हीरा स्वामी शाखा प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी की मोटर साइकिल यू0पी095 सी 6995 का बीमा दि0 07.06.2012 से 06.06.2013 तक की अवधि हेतु मु025,313/-रू0 के लिये विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा किया गया था । बीमित अवधि में दि025.07.2012 को उक्त मोटर साइकिल चोरी हो गया,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दि025.07.2012 को थाना-नबाबाबाद जिला-झांसी में कराई गई । पुलिस ने विवेचना उपरांत अंतिम रिपोर्ट प्रेषित की गई जो सी0जे0एम0 झांसी द्वारा दि028.01.2013 को स्वीकार की गई।
परिवादी ने क्लेम प्रपत्र प्रस्तुत किये । विपक्षी की और से एकमात्र यह तर्क दिया गया है कि परिवादी ने आवश्यक अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये । जबकि परिवादी से कई बार मांग की गई । परिवादी की और से कहा गया कि विपक्षी ने 24,713/-रू0 के लिये क्लेम स्वीकार कर लिया गया तथा आवश्यक अभिलेख विपक्षी को उपलब्ध कराये गये । औपचारिकतायें पूर्ण कीं गईं । यहां तक कि वाहन का पंजीयन तक बीमा कंपनी के नाम अंतरित कर दिया गया । विपक्षी ने 12.02.2015 को परिवादी को पत्र भी लिखा जिसमें 25,213/-रू0 के लिये क्लेम स्वीकृत कर दिये जाने की सूचना / 07 दिनों में पत्र दि017.11.2014 में मांगे गये दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया ।
विपक्षी बीमा कंपनी ने क्लेम स्वीकार कर लिया तथा वाहन का अंतरण भी विपक्षी के नाम हो गया तो मात्र अख़बार की कटिंग इत्यादि जैसे अव्यवहारिक प्रपत्रों के आधार पर बीमा क्लेम का भुगतान न करना विपक्षी की सेवा में त्रुटि है,जिससे परिवादी को मानसिक कष्ट हुआ और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण परिवादी को मोटर साइकिल की स्वीकृत बीमा धनराशि 25,213/-रू0 परिवाद योजित करने की तिथि 06.02.2015 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 व मानसिक व आर्थिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के रूप में 2,500/-रू0 आज से एक माह के भीतर भुगतान करे । अन्यथा परिवादी विधि अनुसार विपक्षीगण से उक्त धनराशि वसूल पाने का अधिकारी होगा ।
श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
10.05.2016 10.05.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
10.05.2016 10.05.2016