जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री सुरेष कुमार टोडरवाल वयस्क पुत्र स्व. श्री हीरालाल जी, टोडरवाल, निवासी- गीता भवन के पास, नेहरू नगर, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. षाखा प्रबन्धक, नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, जालवान सदनल, काॅलेज रोड़, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
2. नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिए इसके वरिष्ठ प्रबन्धक, पंजीकृत एवं प्रधान कार्यालय, 3 मिडिजटन स्ट्रीट, कोलकाता-700071
3. मैसर्स विपुल मेेडग्रोप टीपीए प्र0लि0 , 515, उद्योग विहार, फैस-5, गुड़गांव(हरियाणा) 122016
4. मैसर्स विपुल मेेडग्रोप टीपीए प्र0लि0, प्लाट नं. एस-10, ष्यामनगर, अजमेर रोड,जयपुर-302019
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 504/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री जितेन्द्र कुमार षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री जगतार सिंह, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-24.08.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से हाॅस्पिटीलाईजेषन बेनिफिट के तहत एक बीमा पाॅलिसी संख्या 370702/48/11/8500000011 दिनंाक 1.4.2011 से 31.3.2012 तक की अवधि के लिए रू 1,00,000/- तथा बोनस अमाउंट के रू. 25,000/- तक की प्राप्त की । परिवाद की चरण संख्या 2 में अंकित उसकी पत्नी व बच्चों की भी रिस्क कवर की गई । प्रार्थी के अचानक सीने में दर्द होने पर उसने दिनंाक 31.10.2011 तक जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती रह कर इलाज करवाया, जिसमें उसके रू. 1,65,000/- खर्च हुए । समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए इलाज में खर्च हुई राषि का क्लेम अप्रार्थीगण के समक्ष पेष किया । दिनंाक 15.3.2012 को अप्रार्थी संख्या 4 द्वारा राषि रू. 65,500/- का चैक उसे भेजा तथा ष्षेष राषि विचार योग्य रखी होना बताया । किन्तु बार बार सम्पर्क किए जाने व पत्राचार के बाद भी अप्रार्थीगण ने ष्षेष राषि रू. 82,563/- का भुगतान नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. यहां यह उल्लेखनीय है कि अप्रार्थी संख्या 3 व 4 के विरूद्व उनको नोटिस तामील होने के बावजूद उनके उपस्थित नहीं होने पर क्रमषः दिनंाक
9.5.2014 व 6.5.103 को इनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई है । अप्रार्थी संख्या 1 व 2 के नेाटिस तामील होने के बावजूद इन्हें जवाब के लिए समुचित अवसर दिए जाने के बाद भी इनके द्वारा परिवाद का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया । फलतः मंच द्वारा इनकी जवाबदेही बन्द की गई । न्याय हित में इनके पक्ष कथन को अंतिम बहस में सुना गया । प्रार्थी पक्ष को सुना । हमने उपलब्ध अभिलेख के संदर्भ में विचार किया ।
3. प्रार्थी पक्ष का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां मेडिक्लेम पाॅलिसी के तहत बीमित होने के बावजूद उसे बीमारी होने व अस्पताल में भर्ती रहने के बाद हुए इलाज का सम्पूर्ण भुगतान नहीं किया है। वह बकाया क्लेम राषि प्राप्त करने का वह अधिकारी है । यह राषि मय क्षतिपूर्ति राषि के दिलाई जानी चाहिए ।
4. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से लिखित बहस में तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी को इण्डीविज्युअल मेडिक्लेम पाॅलिसी जारी की गई थी तथा इसके अनुसार प्रार्थी को रू. 1,00,000/- की बीमा राषि मय रू. 25,000/- क्यूमुलेटिव बोनस सहित रू. 1,25,000/- की बीमा पाॅलिसी जारी की गई थी । बीमा पाॅलिसी की षर्तो में उल्लेखित स्थिति के अनुसार जो सर्जिकल एप्लाईन्सेस व दवाईयों का खर्च अदा किया जाना था वह बीमितराषि का 50 प्रतिषत बीमा संविदा के अनुसार देय था तथा रू, 1,25,000/- का बीमा कवरेज प्रार्थी को जारी किया गया था जिसका 50 प्रतिषत रू. 62,500/- जिसमें रू. 3000/- क्लाॅज बी के अनुसार जोड़ कर देय योग्य कुल राषि रू. 65,000/- का भुगतान प्रार्थी को किया जा चुका है । अन्य किसी प्रकार की राषि बीमा सुविधा के अनुसार प्रार्थी प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । उसके द्वारा उक्त राषि प्राप्त करने के लगभग 1 वर्ष 6 माह बाद बहकावें में आकर परिवाद प्रस्तुत किया है जो खारिज होने योग्य है । 2015 छब्श्र 533 ;छब्द्ध ठंरंर ।ससपंद्र ळमदमतंस प्देनतंदबम ब्व स्जक टे ।ेगमदं पर अवलम्ब लेते हुए यह भी तर्क प्रस्तुत किया कि मेडिक्लेम पाॅलिसी के अन्तर्गत वांछित इंष्योरेंस क्लेम ऐसी पाॅलिसी के अन्तर्गत टम्र्स एण्ड कण्डीषन के आधार पर अनुमत्त किया जाना चाहिए । हमने इस बिन्दु पर भी सुना ।
5. उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार चूंकि प्रार्थी द्वारा ली गई बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम की राषि के रूप में रू. 65,500/- की राषि प्रार्थी द्वारा प्राप्त कर ली गई है । अतः इस बिन्दु पर अब कोई विवाद नहीं रह जाता है कि प्रार्थी द्वारा बीमा कम्पनी से उक्त पाॅलिसी प्राप्त की गई व बीमित अवधि के दौरान उसके बीमार होने पर बीमारी में हुए खर्चे बाबत् उसका कुछ भुगतान प्राप्त किया ।
6. अब विवाद का बिन्दु मात्र यह है कि क्या उक्त राषि अप्रर्याप्त थी तथा प्रार्थी बकाया राषि भी प्राप्त करने का हकदार है ?
7. स्वीकृत रूप से प्रार्थी बीमा षर्तो के अधीन क्लेम की राषि प्राप्त करने का हकदार है इस संबंध में बीमा पाॅलिसी की निम्न षर्तें विचारणीय है -
श्प्द जीम मअमदज व िद?ंदल बसंपउध्इमबवउपदह ंकउपेेपइसम नदकमत जीपे ेबीमउमए जीम ब्वउचंदल ूपसस चंल जव जीम पदेनतमक चमतेवद जीम ंउवनदज व िेनबी मगचमदेमे ंे ूवनसक ंिसस नदकमत कपििमतमदज ीमंके उमदजपवदमक इमसवू ंदक ंे ंतम तमंेवदंइसल ंदक दमबमेेंतपसल पदबनततमक जीमतमव िइल वत वद इमींस िव िेनबी पदेनतमक च्मतेवद इनज दवज मगबममकपदह जीम ैनउ पदेनतमक पद ंहहतमहंजम उमदजपवदमक पद जीम ैबीमकनसम ीमतमजवण्श्
ब्ण् ।दमेजीमेपंए ठसववकए व्गलहमदए व्ज् बींतहमेए ैनतहपबंस ंचचसपंदबमेए डमकपबपदमेए कतनहेए क्पंहदवेजपब डंजमतपंस -ग्.त्ंलए क्पंसलेपेए ब्ीमउवजीमतंचलए त्ककपवजीमतंचलएब्वेज व िचंबमउंामतए ंतजपपिबपंस स्पउइे ंदक बवेज व िेजमदज ंदक पउचसंदजए डंगपउनउ सपउपज चमत पससदमेे. 50: व िैनउ प्देनतमकण्
8. मंच की राय में बीमित व्यक्ति बीमा पाॅलिसी की तय षर्तों के अधीन ही क्लेम प्राप्त करने का हकदार है । उपरोक्त बीमा पाॅलिसी की संविदा क्लाॅज ’’ सी’’ के अनुसार जो सर्जिकल एप्लाईसेन्ज व दवाईयों का खर्चा अदा किया जाना था , की अधिकतम सीमा 50 प्रतिषत बीमा संविदा के अनुसार तय एवं देय है । स्वीकृत रूप से रू. 1,25,000/- का बीमा कवरेज जारी किया गया है जिसका 50 प्रतिषत रू. 62,500/- होता है जिसमें रू. 3000/’ क्लाॅज ’’बी’’ के अनुसार जोड़ते हुए बीमा कम्पनी ने इस राषि का भुगतान प्रार्थी को कर दिया है जिसे प्रार्थी ने प्राप्त कर लिया है वह अन्य तथाकथित बकाया राषि व बीमा
षर्तो के अतिलंघन में प्राप्त करने का हकदार नहीं है , जैसा की उक्त पाॅलिसी की षर्तो के साथ प्रस्तुत विनिष्चय में प्रतिपादित किया गया है । अतः मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद निरस्त होने योग्य है एवं आदेष है कि
-ःः आदेष:ः-
9. प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
आदेष दिनांक 24.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष