जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री सम्पत कोठारी मार्फत कोठारी एजेन्सीज, स्टेषन रोड, मार्टिप्डल ब्रिज के पास, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. नेषनल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, षाखा कार्यालय, पृथ्वीराज मार्ग, सदर कोतवाली के पास, अजमेर ।
2. बैंक आफ बड़ौदा जरिए षाखा प्रबन्धक, हरिभाउ उपाध्याय नगर, पुष्कर रोड़, अजमेर ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 126/2013
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री कृष्ण अवतार , अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री जगतार सिंह, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
3. श्री राजीव मंत्री, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.2
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः-20.09.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसका अप्रार्थी सं. 2 बैंक के यहां एक बचत खाता संघारित है । अप्रार्थी संख्या 2 बैंक अपने ग्राहकों को हैल्थ बीमा पाॅलिसी अप्रार्थी संख्या 1 के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने व खाते से प्रीमियम की कटौती कर बीमा कम्पनी को भेजने का दोनों अप्रार्थीगण के मध्य करार है और इसी क्रम में उसने दिनंाक 10.1.2008 से 9.1.2009 तक तथा इसके बाद दिनंाक 10.1.2009 से 9.1.2010 एवं 10.1.2010 से 10.1.2010 से 9.1.2011 की पाॅलिसी प्राप्त की ।
प्रार्थी का कथन है कि जनवरी, 2011 व जनवरी, .2012 में उसयके खाते से प्रीमियम राषि अप्रार्थी बैंक द्वारा प्रार्थी को भेज दिए जाने के उपरान्त भी उसे 10.1.2011 से 9.1.2012 तक व 10.1.2012 से 9.1.2013 तक की हैल्थ पाॅलिसी व कैषलेस कार्ड नहीं भिजवाए जाने के कारण उसकी पत्नी के मई, 2012 में खर्च पर हुई इलाज की राषि रू. 15,000/- का भुगतान अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा नहीं किया गया । इस संबंध में उसने दिनंाक 25.05.2012 के पत्र व नोटिस दिनंाक 5.9.2012 के भी अप्रार्थीगण को बीमा पाॅलिसी जारी किए जाने बाबत् सूचित किया किन्तु कोई कार्यवाही नही ंकिए जाने पर उनके इस कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रारम्भिक आपत्तियों में दर्षाया है कि प्रार्थी को दिनांक 10.1. 2011 से 9.1.2012 तक के लिए बीमा पाॅलिसी जारी की गई थी । प्रार्थी द्वारा माह अप्रेल व मई, 12 में कराए गए चिकित्सकीय इलाज के संबंध में क्लेम प्राप्त होने पर उत्तरदाता द्वारा दिनांक 10.1.2013 के पत्र से अप्रार्थी संख्या 2 बैक को सूचित किया गया था कि वह प्रार्थी से बीमा प्रस्ताव पत्र मय फोटोग्राफ व प्रीमियम के पूर्ण करवा कर बीमा कम्पनी को प्रेषित करें ताकि नवीन बीमा पाॅलिसी जारी की जा सके । जिसकी प्रति प्रार्थी को भी व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध करा दी गई थी । अपने अतिरिक्त कथन में भी इन्हीं तथ्यों को दोहराते हुए उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं किए जाने के कारण परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 बैंक ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि उत्तरदाता बैंक अपने ग्राहकों की हैल्थ पाॅलिसी अप्रार्थी संख्या 1 बीमा कम्पनी से कराने में सहयोग करता है और इसी क्रम में दिनंाक 27.12.2010 को वर्ष 2011 की पाॅलिसी हेतु रू. 11594/- का बंैकर्स चैक अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भेजा गया था जो दिनंाक 31.12.2010 को बीमा कम्पनी के खाते में जमा हो गया । इस राषि में प्रार्थी की हैल्थ पाॅलिसी की प्रीमियम राषि रू. 5797/- भी थी । इसी प्रकार दिनांक 6.1.2012 को प्रीमियम राषि रू. 5797/- अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भेजी गई, जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के खाते में दिनंाक 11.1.2012 को जमा हो गई । इस प्रकार उसके स्तर पर कोई सेवा में कमी नही ंकी गई । अन्त में परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।
4. प्रार्थी पक्ष का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि उसके द्वारा अप्रार्थी बैंक में खाता होने व इसमें से प्रति वर्ष प्रीमियम राषि डेबिट होकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी के पास भेजी जाती रही है व तदनुसार हैल्थ पाॅलिसी जारी की जाती है । किन्तु वर्ष 2012-13 के लिए दिनांक 3.1.2012 को प्रीमियम राषि उसके खाते से डेबिट हुई व अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भेजे जाने के बावजूद भी उनके द्वारा उक्त पालिसी जारी नहीं किए जाने व उक्त अवधि के लिए प्रार्थी द्वारा क्लेम किए जाने व बीमा कम्पनी का उनके पास प्रीमियम राषि जमा नही होने तथा बीमा पाॅलिसी जारी नहीं होने का प्रतिवाद उनकी सेवा में कमी का परिचायक है । परिवाद स्वीकार कर वांछित अनुतोष प्राप्त करने का प्रार्थी हकदार है ।
5. अप्रार्थी बैंक के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया कि उनके बैंक के माध्यम से बीमा कम्पनी द्वारा जारी हैल्थ पाॅलिसी की प्रीमियम राषि समय समय पर बीमित प्रार्थी के खाते से डेबिट की जाकर बीमा कम्पनी को भेजी जाती रही है । प्रष्नगत अवधि के लिए भी प्रीमियम की राषि प्रार्थी के खाते से डेबिट की जाकर बीमा कम्पनी को भिजवाई गई है । इसमें बैंक का किसी प्रकार का कोई सेवादोष नहीं रहा है ।
6. अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने खण्डन में तर्क प्रस्तुत किया कि बैंक द्वारा प्रीमियम राषि एवं प्रपोजल फार्म भेजे जाने पर उनके द्वारा उक्त हैल्थ पालिसी जारी की जाती है । मात्र राषि प्राप्त होने पर उक्त पाॅलिसी जारी नहीं की जाती है । वर्ष 2012-13 के लिए प्रीमियम राषि व प्रस्ताव पत्र प्राप्त नहीं होने पर उक्त पाॅलिसी जारी नहीं की गई । इस हेतु बैंक को पत्र भी लिखे गए । बीमा कम्पनी द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है । परिवाद खारिज किया जाना चाहिए ।
7. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
8. परस्पर अभिवचनों से यह स्वीकृत तथ्य सामने आया है कि प्रार्थी का एक ओ.डी. खाता संख्या 01230400000141अप्रार्थी बैंक में था तथा उक्त बैंक के खाताधारक में से एक प्रार्थी भी था । उसके द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी की हैल्थ पाॅलिसी प्राप्त की गई । जिसका प्रीमियम प्रार्थी के खाते से डेबिट होकर भुगतान अप्रार्थी बीमा कम्पनी को किया जाता था । इस बात की पुष्टि बैंक व बीमा कम्पनी के मध्य उपलब्ध अभिलेख पत्र व्यवहारों से होती है । उपलब्ध अभिलेख में यह पत्र बैंक के दिनांकित 26.5.2012, 2.1.2013, बैंक खाते के स्टेटमेंट जिनके द्वारा प्रीमियम की राषि बीमित के खाते से डेबिट की गई और बीमा कम्पनी को भेजे गए चैक से भली भांति होती है ।
9. इस बिन्दु पर कोई विवाद नही ंहै कि प्रार्थी की दिनांक
10.1.2008 से 9.1.2009, 10.1.2009 से 9.1.2010, 10.2.2010 से 9.1.2011 की पाॅलिसी उसे प्राप्त हुई है एवं ऐसी उसकी स्वीकारोक्ति है । विवाद यह है कि जनवरी, 2011 में उसके बैंक खाते से प्रीमियम राषि काटी जाकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भिजवा दी गई । दिनंाक 6.1.2012 को उसके खाते से रू. 5797/- की प्रीमियम राषि बीमा कम्पनी को भेजी गई । किन्तु दिनंाक 10.1.2012 से 9.2013 की कोई पाॅलिसी प्रार्थी को प्राप्त नहीं हुई अर्थात दिनांक 10.1.2011 से 9.1.2012, 10.1.2013 से 9.1.2014 की हैल्थ पाॅलिसी व कैषलेष कार्ड उसे नही ंभेजा गया ।
10. अप्रार्थी बीमा कम्पनी का तर्क है कि दिनाक 10.1.2012 से
9.1.2013 की जारी की गई पाॅलिसी अप्रार्थी संख्या 2 बैंक को व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध करा दी गई थी जबकि अप्रेल व मई,12 की अवधि का जो क्लेम किया गया है, उक्त अवधि के दौरान बीमा कम्पनी से प्रार्थी को किसी प्रकार का कोई बीमा कवर प्राप्त नहीं हुआ है । बीमा कम्पनी द्वारा पत्र दिनांक 11.1.2013 के जरिए बैंक को सूचित कर दिया गया था कि प्रार्थी से बीमा प्रस्ताव पत्र पूर्ण करवा कर बीमा कम्पनी को प्रेषित किया जाए ताकि पाॅलिसी जारी हो सके ।
11. अप्रार्थी बैंक के जवाब में इस बात का कोई उल्लेख नही ंहै कि उन्हें बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की उक्त पाॅलिसी दिनांक 10.1.2011 से 9.1.2012 की सौंपी थी । बीमा कम्पनी ने भी इस पाॅलिसी को बैंक को सौंपनें बाबत् पुख्ता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है । किन्तु बैंक में उपलब्ध प्रार्थी के पत्र दिनांक 25.2.2012 के द्वारा जो उसने बीमा कम्पनी को लिखा है तथा इसमें उसकी स्वाकारोक्ति है कि दिनंाक 10.1.2008 से अब तक बीमा कम्पनी उसे बीमा पालिसी समय समय पर भेजती रही है किन्तु दिनांक 9.1.2012 को ड्यू हुई पाॅलिसी अब तक प्राप्त नहीं हुई है । इसका अर्थ यह है कि दिनंाक 10.1.2011 से 9.1.2012 तक की पाॅलिसी उसे प्राप्त हो चुकी थी तथा जो पाॅलिसी दिनंाक 9.1.2012 को ड्यू हुई , वह 10.1.2012 से 9.1.2013 की थी । फलतः प्रार्थी का यह कहना कि उसे दिनांक 10.1.2011 से 9.1.2012 तक की पाॅलिसी प्राप्त नहीं हुई असत्य है एवं स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।
12. उपलब्ध अभिलेख बैंक स्टेटमेंट से यह स्पष्ट रूप से सिद्व होता है कि प्राथी के खाते से हैल्थ पाॅलिसी पेटे प्रीमियम की राषि बैंक द्वारा डेबिट की जाती रही है तथा बीमा कम्पनी को बैंक द्वारा समय समय पर उक्त प्रीमियम की राषि चैक के जरिए भेजी जाती रही है जिसके परिणामस्वरूप ही प्राथी को उक्त बीमा पाॅलिसियां जारी हुई है । बीमा कम्पनी के पत्र दिनांक 11.1.2013 से यह प्रकट होता है कि वर्ष 2011 -12 के दौरान उक्त पाॅलिसी बीमा अवधि दिनांक 10.1.2011 से 9.1.2012 तक जारी की गई है जबकि उनके रिकार्ड के अनुसार वर्ष 2012-13 के अन्तर्गत प्रार्थी को कोई पालिसी जारी नहीं हुई है । बैंक के पत्र दिनांक 2.1.2013 से यह परिलक्षित हो रहा है कि प्रार्थी की वर्ष 2012-13 की पाॅलिसी को नवीनीकृत करने के संबंध में जो आवेदन पत्र प्राप्त हुए है, के संदर्भ में बीमा कम्पनी को बैंक से चैक संख्या 802837 दिनांक 2.1.2013 राषि रू. 5797/- संलग्न कर पेष किया गया है । पत्रावली में इस चैक की फोटोप्रति जो तादादी राषि रू. 5797/- है, अप्रार्थी बीमा कम्पनी के नामे दिनांक 6.1.2012 को भेजी गई है, जिसकी पुष्त पर बैंक की प्राप्ति रसीद है तथा बैंक की प्रेषित डाक पुस्तिका के दिनंाक
7.1.2012 में यह चैक बीमा कम्पनी को भेजा गया है । इस आषय का डिटेल्ड पत्र दिनांक 26.5.2012 भी बैंेक व बीमा कम्पनी को भेजा गया है । इस स्थिति को देखते हुए यह उपधारणा की जाती है कि उक्त प्रीमियम की राषि चैक के जरिए बैंक द्वारा बीमा कम्पनी को भिजवा दी गई जो उन्हें समय पर प्राप्त हो गई तथा प्राप्त होने के बावजूद उनके द्वारा प्रार्थी की उक्त अवधि की हैल्थ पाॅलिसी जारी की गई जैसा कि उनके द्वारा पूर्व में समय समय पर बैंक द्वारा भेजी गई प्रीमियम राषि के प्राप्त होने पर हैल्थ पाॅलिसी जारी की जाती रही है । परिणामस्वरूप बीमा कम्पनी का यह घोर जिम्मेदाराना कृत्य उनकी सेवा में कमी का ज्वलंत उदाहरण है । परिवाद इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
13. (1) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि रू. 15,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति पेटे रू. 25,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/- भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 20.9.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष