KAILASH CHANDRA filed a consumer case on 19 Jul 2021 against NATIONAL ELEC. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/261/2009 and the judgment uploaded on 05 Aug 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 261 सन् 2009
प्रस्तुति दिनांक 31.12.2009
निर्णय दिनांक 19.07.2021
कैलाश चन्द्र अग्रवाल पुत्र श्री.. अग्रवाल, निवासी मुहल्ला- गुरुटोला, थाना- कोतवाली, शहर- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
शाखा प्रबन्धक नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड शाखा कार्यालय मुहल्ला- ठंडी सड़क, शहर व जिला- आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह वाहन संख्या यू.पी. 50एन/7566 मारूति कार का पंजीकृत स्वामी है और वह मारूति कार संचालन बीमा कम्पनी के शर्तों के अनुरूप बैध लाइसेन्सधारी चालक है। उसका बीमा विपक्षी द्वारा दिनांक 11.02.2009 को किया गया था। जिसकी पॉलिसी संख्या 60177158 थी जो दिनांक 10.02.2010 तक वैध एवं प्रभावी थी। परिवादी का वाहन दिनांक 17.07.2009 को सोनभद्र से आजमगढ़ आ रही थी कि स्थान राबर्ट्सगंज मोड़ पर अचानक आगे जा रही ट्रैक्टर ने ब्रेक लिया जिससे परिवादी का वाहन ट्रैक्टर के पिछले हिस्से में घुस गया तथा पीछे से एक अन्य वाहन जीप द्वारा धक्का मार देने से वाहन पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना की सूचना परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को दी गयी। उक्त सूचना घटना की सत्यता के बाबत जांच करायी गयी तथा घटना की सत्यता की पुष्टि एवं वाहन में हुए क्षति का आंकलन सर्वेक्षण आदि कराया गया। परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी के निर्देशानुसार उक्त घटना वाहन से सम्बन्धित आवश्यक सभी कागजात उपलब्ध कराया गया। परिवादी की गाड़ी की मरम्मत आदि कराया गया जिसमें खर्च लगभग 28,149/- रुपए हुआ। बीमाशुदा धनरासि को बार-बार मागे जाने के बावजूद भी उसने धनराशि अदा नहीं किया। अतः परिवादी को विपक्षी से बीमित धनराशि मुo 28,149/- की क्षतिपूर्ति दिलवाया जाए और 5,000/- रुपए यात्रा भत्ता व 5,000/- रुपए मानसिक कष्ट हेतु दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी को इस सन्दर्भ का दिया गया आवेदन पत्र है कि उसके चालक के
पास डी.एल. नहीं था, कागज संख्या 6/2 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 इन्श्योरेन्स के कागजात की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी द्वारा कागज संख्या 7 जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने अपने वाहन संख्या यू.पी. 50एन-7566 मारूति कार का बीमा विपक्षी के यहाँ निर्धारित प्रीमियम अदा कर कराया जो बीमा पॉंलिसी दिनांक 11.02.2009 से 10.02.2010 तक वैध एवं प्रभावी था। बीमा पॉलिसी नियम व शर्तों के मुताबिक प्राइवेट वाहन से सम्बन्धित चालक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र पंजीकरण प्रमाण पत्र बीमा पॉलिसी यदि कोई दुर्घटना सम्बन्धित वाहन से घटित होती है तो इन तीनों कागजात दुर्घटना की तिथि को वैध एवं प्रभावी होनी चाहिए तभी बीमा कम्पनी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी होती है। चालक का दुर्घटना के समय डी.एल. वैध एवं प्रभावी नहीं था। परिवादी ने अपने वाहन से सम्बन्धित क्षतिपूर्ति का दावा जो विपक्षी के यहाँ प्रस्तुत किया उसमें संलग्नक कागजात के साथ चालक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र दिनेश चन्द्र अग्रवाल पुत्र भगवत प्रसाद का प्रस्तुत किया गया जो दिनांक 12.09.2006 से 08.03.2008 तक वैध एवं प्रभावी था। जबकि परिवादी द्वारा कथित दुर्घटना दिनांक 17.07.2009 को बताई गयी। परिवाद बेबुनियाद है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
पुकार के दौरान उभय पक्षकार अनुपस्थित। अतः पत्रावली का परिशीलन किया गया। बीमा कम्पनी के अनुसार जिस ड्राइवर का अनुज्ञप्ति दाखिल की गयी है वह कथित घटना के समय वैध एवं प्रभावी नहीं था। परिवादी ने कोई डी.एल. प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद निरस्त होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 19.07.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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