जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 345/2022 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-26.05.2022
परिवाद के निर्णय की तारीख:- 15.06.2023
स्वपनिल चंद्राश सिंह उम्र लगभग 36 वर्ष पुत्र श्री गुरूदीन सिंह निवासी-532, सेक्टर 10 बी, वृन्दावन योजना, रायबरेली रोड लखनऊ। ...........परिवादी।
बनाम
1. नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय जीवन भवन, फेज-2 नवल किशोर रोड, हजरतगंज लखनऊ।
2. एमजीएस इन्फ्राबुल्ड प्रा0लि0 590, कानपुर रोड, हिन्द नगर एल0डी0ए0 कालोनी लखनऊ द्वारा-प्रोपराइटर। ...........विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री संदीप कुमार पाण्डेय।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री प्रकाश चन्द्रा।
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षीगण से परिवादी के वाहन का बीमित मूल्य 6,96,181.00 रूपये अन्तिम भुगतान की तिथि तक मय 18 प्रतिशत ब्याज, विपक्षी संख्या 02 को निर्देशित किये जाने कि पार्किंग शुल्क विपक्षी संख्या 01 से वसूल किये जाने तथा विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपनायी गयी अनुचित व्यापार प्रक्रिया के कारण हुए मानसिक, आर्थिक व सामाजिक तथा शारीरिक कष्ट के लिये 2,00,000.00 रूपये एवं वाद व्यय के लिये 1,55,000.00 रूपये अलग से विपक्षी संख्या 01 से दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने निजी उपयोग के लिये विपक्षी संख्या 02 की कम्पनी द्वारा निर्मित हॉण्डा सिटी गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर यू0पी0 32 जेए 0065 दिनॉंक 09.07.2017 को 11,60,302.00 रूपये में क्रय किया था जिसका बीमा विपक्षी संख्या 01 द्वारा कराया गया था और वर्तमान में भी विपक्षी का ही बीमा परिवादी के वाहन का हुआ है जिसका प्रपोजल नम्बर पी0 14299150 तथा वैधता दिनॉंक 09.07.2020 से 08.07.2021 तक है।
3. परिवादी दिनॉंक 22.02.2021 को अपने उपरोक्त वाहन से लखनऊ से कानपुर जा रहा था कि अचानक परिवादी का वाहन जनपद उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसकी सूचना परिवादी ने विपक्षीगण और पुलिस को दी। परिवादी का वाहन विपक्षी संख्या 02 के पास लाया गया और वहॉं पर लगभग 10 दिन तक परिवादी का वाहन रहा और विपक्षीगण द्वारा उसे टोटल लॉस माना गया।
4. विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी के वाहन का सम्पूर्ण बीमित मूल्य 6,96,181.00 रूपये आंका गया और काफी लम्बे समय से परिवादी के वाहन की बीमित धनराशि नहीं दी जा रही है और न ही कोई जवाब दिया जा रहा है, जिसके कारण परिवादी को उसके दुर्घटनाग्रस्त वाहन का पार्किंग शुल्क भी विपक्षी संख्या 02 को अदा करना पड़ रहा है।
5. विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी के वाहन का सर्वे आदि भी कर लिया गया था, किन्तु आज तक परिवादी को क्लेम की धनराशि नहीं दी गयी। यहॉं यह उल्लेखनीय है कि बीमा विनियामक प्राधिकरण द्वारा बीमा कम्पनियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी क्लेम के लिये अधिकतम 03 माह का समय ही लिया जायेगा और क्लेम अथवा नो क्लेम का निस्तारण किया जायेगा। विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी के वाहन का बीमित मूल्य भुगतान न करके सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है।
6. विपक्षी संख्या 01 ने अपना उत्तर पत्र दाखिल करते हुए कथन किया कि परिवादी का यह परिवाद विपक्षी बीमा कम्पनी पर द्वेष व दुर्भावना सहित व विपक्षी बीमा कम्पनी पर असम्यक दबाव बनाये जाने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है, और विपक्षी बीमा कम्पनी से बीमित धनराशि प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, इस कारण से परिवादी का यह परिवाद मय वाद व्यय के निरस्त किये जाने योग्य है। परिवादी का उपरोक्त वाहन दिनॉंक 22.02.2021 को एक मार्ग दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाने के संबंध में दिनॉंक 08.06.2022 को लिखित में एक सूचना प्राप्त करायी गयी थी। उपरोक्त सूचना दिये जाने के साथ ही विपक्षी बीमा कम्पनी के समक्ष दिनॉंक 08.06.2022 को ही एक मोटर दावा प्रपत्र भी प्रस्तुत किया गया।
7. विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा तथ्यों की जॉंच के लिये श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव नामक एक जॉंचकर्ता की नियुक्ति की गयी थी जिसकी जॉंच रिपोर्ट विपक्षी बीमा कम्पनी के कार्यालय को दिनॉंक 22.11.2021 को प्राप्त हो गयी है। उक्त जॉंचकर्ता की जॉंच रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का मोटर बीमा दावा देय नहीं है। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के क्षतिग्रस्त वाहन में हुई क्षतियों का आंकलन किये जाने के आशय से एक वरिष्ठ सर्वेयर श्री जय प्रकाश बेरी को नियुक्त किया गया था जिनके द्वारा अपनी जॉच रिपोर्ट तैयार करके विपक्षी बीमा कम्पनी के कार्यालय में दिनॉंक 03.02.2022 को प्राप्त करायी जा चुकी है।
8. सर्वेयर रिपोर्ट प्राप्त हो जाने के पश्चात विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी के मोटर बीमा दावे के संबंध में दावा निस्तारण की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी तो यह पाया गया कि परिवादी के मोटर बीमा दावे के संबंध में बहुत कमियॉं हैं, जिसे विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी से उन सभी कमियों को दूर कराये जाने के संबंध में मौखिक रूप से अनुरोध किया गया, परन्तु परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी के मौखिक अनुरोध पर ना तो कोई विचार किया गया और न ही कोई उत्तर दिया गया। परिवादी को दिनॉंक 24.05.2022 को पंजीकृत डाक के माध्यम से पत्र भेजा गया और मोटर बीमा दावे के निस्तारण के लिये समस्त आवश्यक औपचारिकताऍं पूरी करने के लिये कहा गया, परन्तु परिवादी द्वारा इस पत्र का कोई भी उत्तर आज तक नहीं दिया गया।
9. परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी के पत्र दिनॉंक 24.05.2022 का कोई उत्तर न दिये जाने पर विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी को प्रथम अनुस्मारक के रूप में पंजीकृत डाक के माध्यम से एक दूसरा पत्र दिनॉंक 01.06.2022 को भेजा गया जिसका परिवादी द्वारा पूर्व की भॉंति ही कोई उत्तर नहीं दिया गया।
10. परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी के लगातार तीन बार भेजे गये पंजीकृत पत्रों का कोई उत्तर नहीं दिया गया तब विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा यह स्वीकार किया गया कि परिवादी अपने मोटर बीमा दावे के संबंध में दावा धनराशि प्राप्त करने का इच्छुक नहीं है और इस तथ्य का अंकन करते हुए विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का मोटर बीमा दावा दिनॉंक 24.06.2022 को बन्द कर दिया गया और परिवादी को इस निर्णय दिनॉंक 24.06.2022 को पंजीकृत डाक से भेजे गये पत्र से अवगत भी करा दिया गया है।
11. परिवादी का परिवाद विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध पोषणीय नहीं है, क्योंकि परिवादी ने दिनॉंक 22.02.2021 की मध्य रात्रि में घटित हुई मार्ग दुर्घटना के संबंध में पुलिस को आज तक कोई सूचना नहीं दी है। माननीय आयोग के समक्ष सही तथ्य न लाये जाने के कारण् परिवादी का परिवाद पोषणीय नहीं है, मय वाद व्यय के निरस्त किये जाने योग्य है।
12. विपक्षी संख्या 02 ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया तथा कथन किया कि परिवादी ने एक गाड़ी खरीदी थी जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर यू0पी0 32 जेए 0065 विपक्षी संख्या 02 की कम्पनी से क्रय किया था तथा विपक्षी संख्या 01 से इन्श्योरेंस कराया था। विपक्षी संख्या 02 द्वारा परिवादी से पार्किंग चार्ज मांगा गया है। परिवादी विपक्षी संख्या 02 के विरूद्ध किसी भी प्रकार का अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
13. परिवादी ने मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एफ0आई0आर0 की छायाप्रति, प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि दाखिल किया है। विपक्षी ने भी शपथ पत्र तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, मोटर दावा आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है।
14. मैने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
15. परिवादी का कथानक है कि उसने अपने निजी उपयोग के लिये विपक्षी संख्या 02 की कम्पनी द्वारा निर्मित हॉण्डा सिटी गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर यू0पी0 32 जेए 0065 दिनॉंक 09.07.2017 को 11,60,302.00 रूपये में क्रय किया था जिसका बीमा विपक्षी संख्या 01 द्वारा कराया गया था और वर्तमान में भी विपक्षी का ही बीमा परिवादी के वाहन का हुआ है जिसका प्रपोजल नम्बर पी0 14299150 तथा वैधता दिनॉंक 09.07.2020 से 08.07.2021 तक है।
16. परिवादी का कथानक है कि दिनॉंक 22.02.2021 को परिवादी अपने उपरोक्त वाहन द्वारा लखनऊ से कानपुर जा रहा था कि अचानक परिवादी का वाहन जनपद उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसकी सूचना परिवादी ने विपक्षीगण और पुलिस को दी। परिवादी का वाहन विपक्षी संख्या 02 के पास लाया गया और वहॉं पर लगभग 10 दिन तक परिवादी का वाहन रहा और विपक्षीगण द्वारा उसे टोटल लॉस माना गया। विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी के वाहन का सम्पूर्ण बीमित मूल्य 6,96,181.00 रूपये आंका गया, परन्तु विपक्षी संख्या 01 द्वारा बीमित धनराशि नहीं दी गयी। परिवादी को पार्किंग शुल्क भी विपक्षी संख्या 02 को अदा करना पड़ रहा है।
17. परिवादी का कथानक है कि बीमा विनियामक प्राधिकरण द्वारा बीमा कम्पनियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी क्लेम के लिये अधिकतम 03 माह का समय ही लिया जायेगा और क्लेम अथवा नो क्लेम का निस्तारण किया जायेगा।
18. विपक्षी संख्या 01 द्वारा बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया और विपक्षी द्वारा उत्तर पत्र में कहा गया कि दुर्भावनापूर्ण ढंग से यह अनावश्यक दबाव बनाने के उद्देश्य से यह परिवाद दाखिल किया गया है। विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा मनोज कुमार सर्वेयर को नियुक्त किया गया था। इनके द्वारा सर्वेयर की रिपोर्ट प्राप्त करायी गयी।
19. परिवाद पत्र को साबित करने का भार परिवादी के ऊपर है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दो तथ्य आवश्यक है यह कि क्षतिपूर्ति प्राप्त किये जाने के संबंध में साबित करना है कि उपभोक्ता है तथा दूसरा विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है।
20. यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है कि प्रश्नगत वाहन का बीमा विपक्षी द्वारा किया गया है। अत: विपक्षी संख्या 01 के परिवादी उपभोक्ता है तथा परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। जहॉं तक सेवा में कमी का प्रश्न है, तो परिवादी ने अपने निजी उपयोग के लिये विपक्षी संख्या 02 की कम्पनी द्वारा निर्मित हॉण्डा सिटी गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर यू0पी0 32 जेए 0065 दिनॉंक 09.07.2017 को 11,60,302.00 रूपये में क्रय किया था जिसका बीमा विपक्षी संख्या 01 द्वारा कराया गया था और वर्तमान में भी विपक्षी का ही बीमा परिवादी के वाहन का हुआ है जिसका प्रपोजल नम्बर पी0 14299150 तथा वैधता दिनॉंक 09.07.2020 से 08.07.2021 तक है।
21. परिवादी दिनॉंक 22.02.2021 को अपने उपरोक्त वाहन से लखनऊ से कानपुर जा रहा था कि अचानक परिवादी का वाहन जनपद उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसकी सूचना परिवादी ने विपक्षीगण और पुलिस को दी। परिवादी का वाहन विपक्षी संख्या 02 के पास लाया गया और वहॉं पर लगभग 10 दिन तक परिवादी का वाहन रहा और विपक्षीगण द्वारा उसे टोटल लॉस भी माना गया।
22. यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है कि संबंधित वाहन का बीमा इन्श्योरेंस कम्पनी द्वारा किया गया था जो कि कुल 6,96,181.00 रूपये का था। परिवादी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि शपथ पत्र के माध्यम से किया है। परिवाद पत्र के कथनों को स्वीकार करते हुए विपक्षी द्वारा दुर्घटना होना स्वीकार किया गया है और इन्श्योंरेंस होना भी स्वीकार किया गया है, जिसकी वॅल्यू 6,96,181.00 रूपये बताया गया है। विपक्षी संख्या 01 के कागज से भी परिलक्षित है कि पुलिस में भिन्न रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। विपक्षी संख्या 01 से सर्वेयर रिपोर्ट की मॉंग की जो कि विपक्षी द्वारा उक्त कागजात दाखिल किया गया है, जिसके परिशीलन से विदित है कि सर्वेयर के अनुसार 7,45,619.00 रूपये की वैल्यू का होना दर्शाया गया है।
23. प्रस्तुत प्रकरण टोटल लास से संबंधित होना प्रतीत होता है। टोटल लॉस का अभिप्राय यह होता है कि जिस वैल्यू के संबंध में इन्श्योरेंस कराया गया है उससे ज्यादा अगर मरम्मत में लग रहा है तो वह टोटल लॉस समझा जायेगा अथवा बॉडी व पार्टस का 75 प्रतिशत भाग नष्ट हो जाता है तो वह टोटल लॉस की श्रेणी में आता है। चॅूंकि इन्श्योरेंस 6,96,181.00 रूपये का किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट का अभिप्राय यह होता है कि क्या वास्तव में जैसा कहा जा रहा है वैसी घटना है या नहीं। परिवादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतिलिपि दाखिल की गयी है, जिसमें वाहन से दुर्घटना की तिथि से मरे हुए व्यक्ति के परिवार एवं सूचना संबंधित थाने में दी है। दिनॉंक 22.02.2021 को करीब वाहन संख्या यू0पी0 23 जेए 0065 को लापरवाही से चलाते हुए उसमें टक्कर मार दी और परिवादी के कथानक में यही उल्लिखित है कि उपरोक्त वाहन का वह मालिक है जो कि इन्श्योरेंस कम्पनी से बीमित है। सर्वेयर रिपोर्ट की आख्या के अनुसार यह टोटल लॉस का प्रकरण है। ऐसी स्थिति में परिवादी नियमानुसार लॉस के एवज में जो 6,96,181.00 रूपये का इन्श्योरेंस किया गया है वह प्राप्त करने का अधिकारी है।
24. परिवादी को विपक्षी द्वारा लिखे पत्र में यह उल्लिखित किया गया है कि कोई क्लेम फिलअप नहीं है। इन्श्योरेंस कम्पनी उसे फिलअप कराये और आवश्यक पत्रों को लगाये। इस टोटल लास के एवज में स्क्रैब का 25,000.00 रूपये काटते हुए नियमानुसार भुगतान करना चाहिए जो कि विपक्षी द्वारा नहीं किया गया जो उनके द्वारा सेवा में कमी की गयी है। परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, विपक्षी इन्श्योरेंस कम्पनी को निर्देशित किया जाता है कि टोटल लॉस के एवज में जो भी धनराशि विधि सम्मत बनती है वह परिवादी से प्रपत्रों को भरवाकर एवं अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता हो लेकर मुबलिग 6,96,181.00 (छह लाख छियान्नबे हजार एक सौ इक्यासी रूपया मात्र) में से स्क्रैब का 25,000.00 रूपये काटते हुए शेष धनराशि मुबलिग 6,71,181.00 (छह लाख इक्हत्तर हजार एक सौ इक्यासी रूपया मात्र) का भुगतान 09 प्रतिशत वाषिक ब्याज के साथ निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग 75,000.00 (पचहत्तर हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है कि उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-15.06.2023