Chhattisgarh

Bilaspur

CC/09/344

SHRI SHAGUFTA YASMIN - Complainant(s)

Versus

NATION INSURENCE CO.LTD. - Opp.Party(s)

SHRI SALIM KAJI

13 Apr 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/09/344
 
1. SHRI SHAGUFTA YASMIN
YADUNAND NAGER BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. NATION INSURENCE CO.LTD.
GRAUND FLOR KOLKATA
KOLKATA
P BANGAL
2. PRABANDHAK GOLDAN MALTI SERVICE CLUB
AXIS BANK BUS STAND SHAH CHEMBER
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI SALIM KAJI
 
For the Opp. Party:
NA 1 ABSENT
NA 2 ABSENT
 
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

 

                  प्रकरण क्रमांक Cc/344/2009

                 प्रस्‍तुति दिनांक  11/12/2009

 

शगुफ्ता यासमीन पति स्‍व. श्री कलीम उल्‍ला शेख

उम्र 28 वर्ष, साकिन क्‍वा.नं. एल-16,

यदुनंदन नगर, तिफरा, बिलासपुर,

तह. व जिला बिलासपुर छ.ग                                                        ......आवेदिका/परिवादी

                   विरूद्ध

महाप्रबंधक, नेशनल इंश्‍यो.कं.लि.

डिवीजन- 111 क्‍लेम विभाग

नेशनल इंश्‍यो. बिल्डिंग8-

इंडिया एक्‍सचेंज प्‍लेस, ग्राउण्‍ड फ्लोर

कोलकाता-700-001

2- प्रबंधक,

गोल्‍डन मल्‍टी सर्विसेस क्‍लब

इंश्‍योरेंश ब्रोकर, एक्सिस बैंक के पास

बस स्‍टेण्‍ड रोड, शाह चेम्‍बर्स,

जिला बिलासपुर छ.ग.                                        .........अनावेदक/विरोधीपक्षकार

 

                       आदेश

          (आज दिनांक 13/04/2015 को पारित)

१. आवेदिका शगुफ्ता यासमीन ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध बीमा दावा का भुगतान न कर सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदकगण से बीमा दावा की राशि 1,00,000/रू . ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदिका का पति स्‍व.कलीम उल्‍ला अपने जीवन काल में दिनांक 23/07/2003 को अनावेदक क्रमांक 2 के माध्‍यम से अनावेदक क्रमांक 1 के पास 1,00,000/रू . का बीमा कराया था, बीमा अवधि में दिनांक 11/10/2007  को उसकी मोटर दुर्घटना में मृत्‍यु हो गई । आवेदिका अपने पति की मृत्‍यु पश्‍चात् नॉमिनी होने के नाते दिनांक 19/12/2007 को अनावेदक क्रमांक 2 के कार्यालय में क्‍लेम से संबंधित दस्‍तावेज पेश किया, जिसे उसके द्वारा दिनांक 01/01/2008 को अनावेदक क्रमांक 1 को प्रेषित किया गया, किंतु एक वर्ष व्‍यतीत हो जाने के बाद भी अनावेदकगण, आवेदिका को दावा राशि का भुगतान नहीं किये, अत: आवेदिका पुन: दिनांक 13/04/2009 को रजिस्‍टर्ड डाक से उन्‍हें रिमांइडर भेजा, किंतु उसके बाद भी अनावेदकगण द्वारा क्‍लेम अदायगी के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई । अत: इस सेवा में कमी के आधार पर आवेदिका द्वारा यह परिवाद पेश करते हुए अनावेदकगण से वांछित अनुतोष  दिलाए जाने की मांग की गई है ।

3. अनावेदक क्रमांक 1 प्रारंभिक आपत्ति के साथ जवाब पेश कर परिवाद का विरोध इस आधार पर किया कि उनके निवेदन के बाद भी  आवेदिका द्वारा लॉस वाउचर पर हस्‍ताक्ष्रर कर नहीं दिया गया, जिसके कारण ही उनके द्वारा क्‍लेम का भ्रुगतान नहीं किया जा सका । यह भी कहा गया कि यदि आवेदिका लॉस वाउचर हस्‍ताक्षरित कर उन्‍हें प्रदान कर दे तो वे 45 दिवस के भीतर दावा राशि का भुगतान करने के लिए तैयार है ।

4. अनावेदक क्रमांक 2 की ओर से किसी भी रूप से कोई जवाब पेश नहीं किया गया है ।

5. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

6. देखना यह है कि क्‍या आवेदिका, अनावेदकगण से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारिणी है

                      सकारण निष्‍कर्ष

7. इस संबंध में कोई विवाद नहीं  कि आवेदिका के पति द्वारा अपने जीवन काल में अनावेदक क्रमांक 2 के माध्‍यम से अनावेदक क्रमांक 1 के पास 1,00,000/-रू. का बीमा कराया गया था ।  बीमा अवधि में आवेदिका के पति की दिनांक 11.10.2007 को मोटर दुर्घटना में मृत्‍यु हो जाने का तथ्‍य भी मामले में विवादित नहीं है । साथ ही यह भी विवादित नहीं है कि अपने पति की मृत्‍यु उपरांत आवेदिका द्वारा नामिनी के हैसियत से अनावेदक क्रमांक 2 के माध्‍यम से अनावेदक क्रमांक 1 के पास बीमा दावा प्रस्‍तुत किया गया था ।

     8. आवेदिका का कथन है कि 1 वर्ष का समय व्‍यतीत हो जाने के उपरांत भी अनावेदगण द्वारा उसे क्‍लेम राशि का भुगतान न कर सेवा में कमी की गई, फलस्‍वरूप उसने यह परिवाद पेश करना बताया है ।

     9. प्रकरण के लंबनावस्‍था में अनावेदक बीमा कंपनी  द्वारा आवेदिका  के बीमा दावा के परिपेक्ष्‍य में 1,00,000/-रू. का चेक प्रस्‍तुत किया गया जो आवेदिका द्वारा प्राप्‍त कर लिया गया है । फलस्‍वरूप अब यह देखना है कि क्‍या आवेदिका अनावेदकगण से शेष वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारिणी है ।

     10. इस संबंध में कोई विवाद नहीं किया जा सकता कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदिका के बीमा दावे का भुगतान काफी विलंब से दिनांक 20.03.2014 को किया गया,  जबकि आवेदिका द्वारा क्‍लेम की मांग अपने पति की मृत्‍यु उपरांत वर्ष 2008 में ही कर दी गई थी । यद्यपि इस  विलंब के संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी का यह कथन है कि पूर्व में आवेदिका मांग किए जाने के उपरांत भी उन्‍हें लॉस वाउचर हस्‍ताक्षर कर प्रदान नहीं की थी, जिसके कारण ही उसके बीमा दावे का निराकरण नहीं किया जा सका था । अनावेदक बीमा कंपनी इस बाबत दिनांक 22/08/2010 एवं दिनांक 11.10.2010 को आवेदिका को पत्र प्रेषित करना भी अपने प्रारंभिक आपत्ति के साथ जवाब में उल्‍लेख किया है, किंतु उक्‍त पत्र का कोई कॉपी प्रकरण में संलग्‍न नहीं किया गया है । ऐसी स्थिति में यह नहीं माना जा सकता कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदिका को बीमा दावे के भुगतान में कोई  अनावश्‍यक विलंब नहीं किया गया, बल्कि यह स्‍पष्‍ट होता है कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदिका को दाविया राशि के भुगतान में अनुचित रूप से काफी विलंब किया गया, जो स्‍पष्‍ट रूप से सेवा में कमी की श्रेणी में आता है । अत: हमारे मतानुसार आवेदिका, अनावेदक बीमा कंपनी से बीमा राशि के अलावा अन्‍य अनुतोष भी प्राप्‍त करने की अधिकारिणी पायी जाती है । अत: निम्‍न आदेश पारित किया जाता है :- 

. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदिका को आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर भुगतान किए गए बीमा दावा राशि 1,00,000/- रू.(एक लाख रू.) पर आवेदन दिनांक 11.12.2009 से भुगतान तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज अदा करेगा । 

. अनावेदक बीमा कंपनी, आवेदिका को मानसिक क्षति के रूप में 20,000/- रू.(बीस हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।

. अनावेदक बीमा कंपनी आवेदक को वादव्‍यय के रूप में 3,000/- रू.(तीन हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।

 

 

                                      (अशोक कुमार पाठक)                              (प्रमोद वर्मा)

                                          अध्‍यक्ष                                             सदस्‍य

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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