राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-782/2022
अरविन्द कुमार राय पुत्र मुरली राय, निवासी मौजा चक कमरअली (दुबइठा) थाना फूलपुर तहसील फूलपुर पोस्ट दुर्बासा, जिला आजमगढ़ (उ0प्र0)
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- नाथे राम डीलर,
2- प्रमोद यादव सेल्समैन,
आकाश दीप ट्रैक्टर्स सर्फुद्दीनपुर, थाना सिधारी, पोस्ट सदर, जिला आजमगढ़।
…….. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री पारस नाथ तिवारी
प्रत्यर्थीगण अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 03.4.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी अरविन्द कुमार राय द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, आजमगढ़ द्वारा प्रर्कीण वाद सं0-22/2018 में पारित आदेश दिनांक 25.3.2022 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
"पेश। परिवादी उपस्थित। पत्रावली में 7/4 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है जिनके अवलोकन से स्पष्ट होता है कि यह परिवाद सं0-88/2011 प्रस्तुत किया गया था जो दिनांक 30.5.2023 को खारिज हो गया। उसी Cause of Action पर पुन: यह परिवाद प्रस्तुत कर दिया गया है। जो कानून गलत है। Same cause of action पर दूसरा परिवाद
-2-
प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। अत: परिवाद इसी आधार पर खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।"
जिला उपभोक्ता आयोग के उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख विलम्ब से दिनांक 16.8.2022 को योजित की गई है और विलम्ब को क्षमा किये जाने के सम्बन्ध में अपीलार्थी की ओर से कोई प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया है जबकि उपरोक्त आदेश अपीलार्थी की उपस्थिति में दिनांक 25.3.2022 को पारित किया गया है, इस आधार पर भी अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश पूर्णत: तथ्य और विधि के विरूद्ध है। यह भी कथन किया गया कि उपरोक्त आदेश उपभोक्ता हितों की अनदेखी करते हुए पारित किया गया है एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्तारित नहीं किया गया है अत्एव अपील को स्वीकार कर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश को अपास्त किये जाने की प्रार्थना की गई।
यह भी कथन किया गया कि अपीलार्थी द्वारा प्रत्यर्थीगण से सोनालिका ट्रैक्टर खरीदने हेतु सम्पर्क किया गया और ट्रैक्टर खरीदने हेतु प्रत्यर्थीगण को रू0 65,000.00 विभिन्न तिथियों पर अदा किये गये तथा प्रत्यर्थीगण द्वारा आश्वासन दिया गया कि बाकी की धनराशि का ऋण करा दिया जावेगा, परन्तु न तो अपीलार्थी को प्रत्यर्थीगण द्वारा ट्रैक्टर ही प्राप्त कराया गया, न ही उसके द्वारा जमा धनराशि प्रत्यर्थीगण द्वारा वापस की गई एवं न ही ऋण स्वीकृत कराया गया, जो कि प्रत्यर्थीगण की अनुचित व्यापार प्रक्रिया एवं सेवा में कमी है अत्एव क्षुब्ध होकर परिवाद प्रस्तुत किया गया। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता
-3-
द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश को अपास्त कर प्रस्तुत अपील स्वीकार किये जाने की प्रार्थना की गई है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को विस्तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेशों एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत वाद को सिद्ध करने के लिए ऐसा कोई ठोस साक्ष्य पत्रावली पर प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे कि प्रत्यथीगण को दोषी/जिम्मेदार ठहराया जा सके। अपील की पत्रावली पर उपलब्ध आकाशदीप ट्रैक्टर्स, सरफुद्दीन आजमगढ़ की रसीद की फोटोप्रति उपलब्ध है जिसके परिशीलन से यह उपरोक्त रसीद प्रथम दृष्टया घटना झूठी एवं बनावटी प्रतीत हो रही है।
जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रर्कीण वाद सं0-22/2018 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांकित 25.3.2022 को प्रश्न है, विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दिया गया निष्कर्ष उचित एवं विधि सम्मत है और उसमें मेरे विचार से किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता अपीलीय स्तर पर प्रतीत नहीं हो रही है। तद्नुसार अपील पोषणीय न होने के कारण निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2., कोर्ट नं0-1