सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या 108/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.01.2013 के विरूद्ध)
अपील संख्या 443 सन 2013
मै0 इवोक हिण्डवेयर होम रिटेल प्रा0लि0 301-302, पार्क सेण्ट्रा-3, तृतीय तल, सेक्टर 30, गुडगांव हरियाणा एवं अन्य .......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
नरेश कुमार पुत्र श्री ईश्वर चन्द्र निवासी ए-303 विक्टोरिया टावर, ओमेक्स, ग्रेण्डवूड सेक्टर 39-बी, नोयडा जिला गौतमबुद्धनगर उ0प्र0 . .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1 मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2 मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री अमित जायसवाल ।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव ।
श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या 108/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.01.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है ।
संक्षेप में, प्रकरण के आवश्यक तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने भवन की आन्तरिक सज्जा हेतु विपक्षी/अपीलार्थी को कुल 4,57,502.00 रू0 अदा किए। आन्तरिक सज्जा मेजो कार्य रू0 1,57,000.00 का रसोईघर में किया गया, उसकी कोई शिकायत नहीं की गयी है परन्तु जो कार्य आन्तरिक सज्जा हेतु किया गया उसकी गुणवत्ता रंग, डिजाईन सब कुछ अनुबन्ध के अनुसार नहीं किया गया इसकी शिकायत कई बार की गयी परन्तु शिकायत का कोई संज्ञान विपक्षी/अपीलकर्ता ने नहीं लिया। परिवादी ने कहा कि जो आन्तरिक सज्जा में सामान लगाने के लिए सैम्पिल दिए गए थे, उसमें निम्न श्रेणी का सामान लगाया गया और अधूरा कार्य छोड्कर ही विपक्षी चला गया। जिला मंच के समक्ष पर्याप्त तामीला के बावजूद विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। परिणामत:, जिला मंच ने एक पक्षीय रूप से सुनवाई करते हुए निम्न आदेश पारित किया :-
परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी को उससे वसूल आन्तरिक सज्जा के रू0 3,00,000.00 परिवादी को वापस करे और वाद व्यय के लिए रू0 5000.00 और मानसिक संताप के लिए रू0 10,000.00 अदा करे। ''
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गयी है।
अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा तथ्यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्त किए जाने योग्य है तथा जिला मंच ने उसे सुनने का मौका नहीं दिया जिससे उसे अपूर्णनीय क्षति हुयी है।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गई एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का भलीभांति परिशीलन किया गया।
अपीलकर्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया है कि विद्वान जिला मंच द्वारा प्रश्नगत परिवाद के संदर्भ में कोई सम्मन अपीलकर्ता पर तामील नहीं कराया गया और प्रश्नगत परिवाद में अपीलकर्ता का सही पता अंकित नहीं किया गया है। परिवाद की जानकारी न होने के कारण अपीलकर्ता अपना पक्ष जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। प्रश्नगत निर्णय की जानकारी अपीलकर्ता को प्रत्यर्थी द्वारा भेजे गए ई-मेल दिनांकित 02.02.2013 द्वारा प्राप्त हुयी किंतु प्रमाणित प्रतिलिपि संबंधित जिला फोरम से दिनांक 22.02.2013 को प्राप्त हो पायी। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा तथ्यों को छिपाते हुए प्रश्नगत परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया है । प्रत्यर्थी/परिवादी की सहमति प्रत्येक कुटेशन के संबंध में ली गयी थी तथा प्रत्यर्थी/परिवादी के निरीक्षण में ही कार्य कराया गया तथा पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अधीन ही कार्य सम्पादित किया गया ।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से विदित होता है कि जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय में यह स्पष्ट नहीं किया है कि अपीलकर्ता पर नोटिस की तामीला किस प्रकार हुयी परिवाद में अपीलकर्ता का अंकित पता तथा अपील मेमो में अंकित पता एक समान नहीं है। हमारे विचार से अपीलकर्ता को परिवाद के संदर्भ में अपना पक्ष प्रस्तुत करने तथा पक्षकारों को साक्ष्य का अवसर देने के उपरांत परिवाद का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया जाना न्यायोचित होगा।
अत:, प्रश्नगत आदेश अपास्त करते हुए प्रश्नगत परिवाद गुण-दोष के आधार पर निस्तारित करने हेतु प्रति-प्रेषित किया जाना आवश्यक है।
आदेश
अपील स्वीकार करते हुए प्रश्नगत निर्णय दिनांक 29.01.2013 अपास्त किया जाता है । प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रति-प्रेषित किया जाता है कि दोनो पक्षों को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर निर्णय करना यथाशीघ्र सुनिश्चित करें।
पक्षकार दिनांक 24.07.2017 को जिला मंच के समक्ष उपस्थित हों ।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-3
(S.K.Srivastav,PA)