Uttar Pradesh

StateCommission

A/435/2022

National Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Narendra Singh - Opp.Party(s)

Ashok Kumar Rai

29 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/435/2022
( Date of Filing : 26 May 2022 )
(Arisen out of Order Dated 26/03/2022 in Case No. C/2017/104 of District Agra-II)
 
1. National Insurance Co. Ltd
Office Regency Plaza park road Hajratganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Narendra Singh
S/o Sri Vijay singh R/o Vill. Satha post Achhnera Dist. Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-435/2022

नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड

बनाम

नरेन्‍द्र सिंह पुत्र श्री विजय सिंह व एक अन्‍य

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अशोक कुमार राय

                            विद्वान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार श्रीवास्‍तव

                                  विद्वान अधिवक्‍ता

दिनांक: 29.11.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता           आयोग, द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-104/2017 नरेन्‍द्र सिंह बनाम महाप्रबन्‍धक, नेशनल इन्‍श्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.03.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता   श्री अशोक कुमार राय एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार श्रीवास्‍तव को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा अपने ट्रक सं0-आर0जे0 05 जी0ए0 6641 का बीमा विपक्षी बीमा कम्‍पनी से दिनांक 07.01.2015 से दिनांक 06.01.2016 तक की अवधि हेतु कराया गया। दिनांक 18/19.07.2015 को परिवादी के ट्रक चालक के पेट में अचानक दर्द उठा, जिसके कारण चालक ट्रक को सड़क किनारे खड़ा करके पास के हॉस्पिटल में दवा  लेने  चला

 

 

 

-2-

गया, जहॉं वह करीब चार घण्‍टे तक रहा। जब परिवादी का चालक वापस आया तो मौके पर ट्रक नहीं था। चालक द्वारा परिवादी को ट्रक गायब होने की सूचना दी गयी। परिवादी द्वारा मौके पर पहुँचकर ट्रक को खोजने का प्रयास किया गया, परन्‍तु ट्रक नहीं मिला। तब परिवादी द्वारा सम्‍बन्धित थाना में सूचना दी गयी, परन्‍तु पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। परिवादी द्वारा दिनांक 19.07.2015 को विपक्षी बीमा कम्‍पनी को ट्रक गायब होने की सूचना दी गयी।

परिवादी द्वारा थाने में रिपोर्ट न लिखने के कारण एस0एस0पी0 को सूचना दी गयी, परन्‍तु कोई कार्यवाही न होने के कारण परिवादी को न्‍यायालय की शरण लेनी पड़ी। न्‍यायालय के आदेश पर दिनांक 24.10.2015 को रिपोर्ट दर्ज कर मुकदमा कायम किया गया। पुलिस द्वारा जांच के उपरान्‍त अन्तिम आख्‍या  न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी, जो दिनांक 10.08.2016 को स्‍वीकार की गयी।

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में बीमा क्‍लेम प्रेषित किया गया, परन्‍तु विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा दिनांक 14.03.2017 के पत्रांक संख्‍या 1221 के द्वारा सूचना भेजी गयी कि देरी से सूचना देने के कारण बीमा क्‍लेम स्‍वीकार नहीं किया जा सकता। परिवादी द्वारा विपक्षी बीमा कम्‍पनी को दिनांक 19.07.2015 को सूचना दी गयी, परन्‍तु विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा क्‍लेम न देने के उद्देश्‍य से सूचना समय से न देने का कारण बताकर बीमा क्‍लेम को अस्‍वीकार कर दिया गया। विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा बताया गया कि जब तक न्‍यायालय की कार्यवाही नहीं हो जाती, बीमा क्‍लेम नहीं मिलेगा। परिवादी द्वारा न्‍यायालय की कार्यवाही के उपरान्‍त बीमा क्‍लेम विपक्षी बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में भेजा गया, परन्‍तु बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम निरस्‍त कर लापरवाही की गयी तथा अपने दायित्‍वों का सही

 

 

 

-3-

ढंग से निर्वहन नहीं किया गया। परिवादी द्वारा अपने ट्रक के लिए जो लोन लिया गया था उसे चुकता कर अनापत्ति प्रमाण पत्र बैंक से प्राप्‍त कर लिया गया। परिवादी द्वारा विपक्षी को दिनांक 15.04.2017 को विधिक नोटिस प्रेषित किया गया, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया तथा मुख्‍य  रूप से यह कथन किया गया कि परिवादी द्वारा ट्रक चोरी की सूचना पुलिस को दिनांक 24.10.2015 (तीन माह छह दिन बाद) तथा विपक्षी बीमा कम्‍पनी को दिनांक 15.01.2016 (छह माह बाद) चोरी की कथित घटना दिनांकित 18.07.2015 के बाद विलम्‍ब से दी गयी। परिवादी द्वारा बीमा की शर्तों का उल्‍लंघन करने के कारण परिवादी का क्‍लेम विपक्षी द्वारा दिनांक 14.03.2017 को अस्‍वीकृत पत्र द्वारा खण्डित किया गया। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवादी विपक्षी से किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद समय-सीमा से बाधित है। परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त समस्‍त तथ्‍यों की विस्‍तृत रूप से विवेचना करते हुए यह पाया गया कि परिवादी द्वारा विलम्‍ब के संबंध में जो कथन किए गए, वह उचित व सुसंगत है। विपक्षी द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में कमी की गयी।

तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

''परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगणों के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगणों को आदेशित किया जाता  है  कि  वह

 

 

 

-4-

परिवादी को बीमा पॉलिस शिड्यूल प्रमाणपत्र में अंकित सुसंगत वाहन की कीमत अंकन 14,00000/-रूपये आदेश की तिथि से एक माह के अन्‍दर अदा करे अन्‍यथा की स्थिति में आदेश की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक उक्‍त धनराशि पर 6 प्रतिशत साधारण ब्‍याज अतिरिक्‍त रूप से परिवादी, विपक्षीगणों से संयुक्‍तत: व पृथकता वसूलने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्‍त परिवादी मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में विपक्षीगण से 20,000/-रूपये भी पाने का अधिकारी है। वाद-व्‍यय के सम्‍बन्‍ध में उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।''

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्वय को सुनने तथा समस्‍त          तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता           आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण  करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता               आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया, परन्‍तु मेरे विचार से जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा             जो वाहन की कीमत 14,00,000/-रू0 (चौदह लाख रूपये) की देयता निर्धारित की गयी है, उसे तथ्‍यों को विचारित करते हुए उक्‍त वाहन की कीमत 14,00,000/-रू0 (चौदह लाख रूपये) की 75 प्रतिशत धनराशि की देयता निर्धारित किया जाना न्‍यायसंगत पाया जाता है। इसके साथ ही जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में 20,000/-रू0 (बीस हजार रूपए) अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, उसे वाद के तथ्‍यों व परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए 10,000/-रू0 (दस हजार रूपए) की देयता निर्धारित किया जाना उचित है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती              है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-104/2017  नरेन्‍द्र  सिंह  बनाम   महाप्रबन्‍धक,   नेशनल

 

 

 

-5-

इन्‍श्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26.03.2022 को संशोधित करते हुए वाहन की कीमत 14,00,000/-रू0 (चौदह लाख रूपये) की 75 प्रतिशत धनराशि की देयता निर्धारित की जाती है तथा मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में 10,000/-रू0 (दस हजार रूपए) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.