Rajasthan

Jaisalmer

EA/09/14/2014

SAHMOHMAND - Complainant(s)

Versus

NARENDRA SINGH UPNIVESHAK - Opp.Party(s)

KANWRAJ SINGH

03 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Execution Application No. EA/09/14/2014
In
Execution Application No. EA/09/14/2014
 
1. SAHMOHMAND
Jaisalmer
...........Appellant(s)
Versus
1. NARENDRA SINGH UPNIVESHAK
Jaisalmer
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA PRESIDENT
  SANTOSH VYAS MEMBER
  MANOHAR SINGH NARAWAT MEMBER
 
For the Appellant:KANWRAJ SINGH, Advocate
For the Respondent:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)

1. अध्यक्ष    ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या   : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य    ः श्री मनोहर सिंह नरावत।        
    
इजराय प्रस्तुत करने की तिथी - 03.06.2014
इजराय संख्या:- 09/2014


शाह मोहम्मद पुत्र श्री हसन अली जाति मुसलमान निवासी- रामगढ तहसील व जिला जैसलमेर राजस्थान।
    
                        ............प्रार्थी।

बनाम

 गजेन्द्र सिंह चारण उपायुक्त उपनिवेषन इंदिरा गाॅधी नहर परियोजना,जैसलमेर।
                        
.............अप्रार्थी।


प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 27, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थित/-
1.    श्री  कंवराज सिहं राठौड, अधिवक्ता प्रार्थी की ओर से।
2.    श्री किषनप्रताप सिंह राजकीय अधिवक्ता, अप्रार्थी की ओर से ।

ः- निर्णय -ः        दिनांक    ः  18.06.2015


1.    परिवादी विद्वान अभिभाषक की दलील है कि अप्रार्थी ने मान्य मंच के निर्णय के 21 माह बाद भी पालना नही की। तथा निर्णयानुसार एक माह में उक्त राषि नही लोटाने पर अप्रार्थी से 60,830 रू व 12 प्रतिषत वार्षिक ब्याज के साथ अदायगी तिथि तक का दिलाने एवं परिवाद व्यय एवं हर्जाना 2500 रू दिलाये जाने की प्रार्थना की तथा साथ ही अवमानना खर्चा 25,000 रू दिलाने का निवदेन किया।
2.    अप्रार्थी ने जवाब पेष कर प्रकट किया है कि मान्य मंच के आदेष दिनांक 22.08.2012 की पालना मे परिवादी को मूल राषि 60,830 रू का भुगतान 17.06.2014 को कर दिया गया है। प्रार्थी का स्वंय द्वारा इस आषय का शपथ-पत्र मूल राषि 60,830 रूपये दिलवाई जावे तथा मै ब्याज राषि व हर्जा खर्चा नही लेना चाहता हूॅ। प्रार्थी द्वारा शपथ-पत्र स्वंय के द्वारा पेष किया गया था जिसे अप्रार्थी द्वारा अपने जवाब के साथ पेष किया है जो नोटेरी प्रमाणित है। जो दिनांक 21.08.2013 का है। जो रिफन्ड राषि दिये जाने के पूर्व का है। उक्त मूल रिफन्ड राषि का भुगतान इस शपथ-पत्र के आधार पर किया गया है। अप्रार्थी ने अपने समर्थन में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नई दिल्ली का रिविजन पीटीषन सं. 2862/2008 का विनिष्चय पेष किया।
3.     उभयपक्षांे के तर्को पर मनन किया गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्यों का भली भाॅति रूप से परीक्षण व परिषीलन किया गया। इस सम्बंध मे इस मंच के आदेष दिनांक 28.08.2012 का अवलोकन करे तो इसमे परिवादी का परिवाद आषिंक रूप से स्वीकार करते हुए। आदेष दिया गया कि परिवादी द्वारा जमा कराई गई राषि पर दिनांक 16.03.2012 से भुगतान करने की तिथि तक 12 प्रतिषत वार्षिक ब्याज परिवादी को अदा करे। साथ ही मानसिक व परिवाद व्यय के बतौर 1500 रू भी अदा करे। जहाॅ तक उक्त आदेष की पालना का प्रष्न है परिवादी शाह मौहम्मद पुत्र हसन अली जाति मुसलमान उम्र 47 वर्ष निवासी रामगढ़ त0 व जिला जैसलमेर ने एक शपथ-पत्र अप्रार्थी के यहा पेष किया जिसमे उसने बताया कि मै ब्याज राषि व हर्जा खर्चाे नही लेना चाहता हूॅ। मुझे मूल राषि 60,830 रू दी जावें। ब्याज व हर्जा खर्चा नही चाहिए इस पर अप्रार्थी द्वारा परिवादी को 60,830 रू का रिफन्ड बिल बनाया गया जिस पर चैक सं. 021790 दिनांक 13.06.2014 राषि 60,830 रू परिवादी द्वारा प्राप्त करना प्रकट है। इस पर परिवादी स्वंय के 17.06.2014 को चैक प्राप्त करने के हस्ताक्षर है। यह प्राप्ति के हस्ताक्षर परिवादी के नही हो ऐसा उसने अपनी साक्ष्य मे प्रकट नही किया हैै। अप्रार्थी द्वारा पेष विनिष्चय राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नई दिल्ली रिविजन पीटीषन नम्बर 2862/2008 मैसर्स टाटा ए.आई.जी. जनरल इष्योरेंस कम्पनी लि0 बनाम मैसर्स बालाजी मेडिकोज दिनांक 12.07.2013 मे यह अभिनिर्धारित किया गया है कि व्दबम जीम ंउवनदज पे तमबमपअमक जवूंतके निसस ंदक पिदंस ेमजजसमउमदज व िजीम बसंपउए बवउचसंपदज वित तमेज व िजीम ंउवनदज पे दवज उंपदजंपदंइसमण्
4.    अतः परिवादी ने भी अपना क्लैम स्वंय का शपथ-पत्र देकर फुल एण्ड फाईनल सेटलमेन्ट करके प्राप्त कर लिया है। इस प्रकार परिवादी स्वंय अपने कथन से पाबन्द है।
अतः हमारी विनम्र राय मे ऐसी स्थिति मे अप्रार्थी के विरूद्व अन्तर्गत धारा 27 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम अवमानना की कार्यवाही का मामला नही बनना पाया जाता है।
                     ः-ः आदेष:-ः
        परिणामतः प्रार्थी का पेष प्रार्थना-पत्र अप्रार्थी के विरूद्व स्वीकार किये जाने के योग्य नही होने के कारण अस्वीकार किया जाकर खारिज किया जाता है। पक्षकारान अपना -अपना खर्चा स्वयं वहन करेंगें ।

 


     ( मनोहर सिंह नारावत )             (संतोष व्यास)              (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                     जैसलमेर।


   आदेश आज दिनांक 18.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

     ( मनोहर सिंह नारावत )             (संतोष व्यास)             (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                     जैसलमेर।    

 

 

 

 

 
 
[JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA]
PRESIDENT
 
[ SANTOSH VYAS]
MEMBER
 
[ MANOHAR SINGH NARAWAT]
MEMBER

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