राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-818/2023
एम0बी0 व्हीलर्स लिमिटेड व एक अन्य
बनाम
नरेन्द्र कुमार पुत्र श्री जय प्रकाश मद्देशिया
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री आनन्द भार्गव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0डी0 क्रान्ति,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 15.05.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-352/2016 नरेन्द्र कुमार बनाम टाटा मोटर्स लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.04.2021 के विरूद्ध योजित की गयी है।
मेरे द्वारा अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव एवं प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आर0डी0 क्रान्ति को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण द्वारा दिनांक 23 जुलाई, 2016 के हिन्दुस्तान अखबार में चार पहिया गाड़ी TATA ACE के विक्रय के लिए विज्ञापन निकाला गया, जिसमें 15000/-रू0 की नकद छूट तथा बीमा फ्री एवं एक स्टीरियो देने की बात कही गई तथा यह छूट दिनांक 31.07.2016 तक के लिए दी गई थी। परिवादी द्वारा दिनांक 30.07.2016 को विपक्षीगण से चार पहिया TATA ACE, जिसका माडल नं०- TATA
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ACE HTCCB तथा चेचिस संख्या MAT445064VF-26857 तथा इंजन नं०- 275GD106 था, लिया गया, जिसमें विपक्षीगण द्वारा परिवादी से छूट का पूरा पैसा काटकर 410581/-रू0 लिया गया , परन्तु परिवादी को स्टीरियो नहीं दिया अर्थात् गाड़ी का कुल मूल 4,04,431/-रू0 लेना चाहिए था, परन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी से 4,10,581/-रू0 लिया गया। विपक्षीगण द्वारा धोखा देकर विज्ञापन में दी गई शर्तों को पूरा न करते हुए 6150/-रू0 परिवादी से अधिक लिया गया तथा स्टीरियो भी नहीं दिया गया। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख विपक्षीगण की ओर से तामीला के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ, जिस कारण जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई की गयी।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त यह पाया गया कि विपक्षीगण द्वारा विज्ञापन में दी गई शर्तों को पूरा न करते हुए 6125/-रू0 परिवादी से अधिक लिया गया तथा स्टीरियों की कीमत 4500/-रू0 भी नहीं दिया गया। तदनुसार जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया:-
''परिवाद तदनुसार निस्तारित किया जाता है विपक्षीगण को एकल व संयुक्त रूप-से आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी से वाहन की ली गई अधिक कीमत 6150/- तथा स्टीरियो की कीमत 4500/- वाहन क्रय करने की तिथि से 7% ब्याज के साथ जो अंतिम भुगतान तक देय होगा परिवादी को अदा करें।
विपक्षीगण द्वारा परिवादी से विज्ञापन की शर्तों का पालन नहीं किया गया और परिवादी से वाहन की अधिक कीमत ली गई तथा
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स्टीरियो भी नहीं लगाया गया जिससे परिवादी को मानसिक कष्ट हुआ है, इस मद में परिवादी को 5000/- विपक्षीगण अदा करें।
वाद-व्यय के रूप में परिवादी को 2000/- दिलाया जाता है।''
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने तथा समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया, परन्तु मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति हेतु 5,000/-रू0 (पॉंच हजार रूपये) की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में कम कर 3,000/-रू0 (तीन हजार रूपये) किया जाना उचित है तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो वाद व्यय हेतु 2,000/-रू0 (दो हजार रूपये) की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में कम कर 1,000/-रू0 (एक हजार रूपये) किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या-352/2016 नरेन्द्र कुमार बनाम टाटा मोटर्स लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.04.2021 को संशोधित करते हुए मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति हेतु 3,000/-रू0 (तीन हजार रूपये) तथा वाद व्यय हेतु 1,000/-रू0 (एक हजार रूपये) की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1