anil gupta filed a consumer case on 09 Feb 2018 against narayni elecrtro in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/173/2017 and the judgment uploaded on 27 Feb 2018.
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-173/2017
अनिल कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 संतोश गुप्ता निवासी मकान नं0-57/18 बी-ब्लाक, ष्याम नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
नारायणी इलेक्ट्रो वर्ड स्थित 24/51 नारायणी प्लाजा दुकान नं0-1 कराची खाना, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 06.03.2017
निर्णय तिथिः 09.02.2018
श्रीमती सुधा यादव, सदस्या द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से परिवादी के मकान की क्षति की भरपाई रू0 20,000.00 दिलायी जाये, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए रू0 50,000.00 तथा मुकद्मा खर्चा रू0 10000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी की दुकान से एक एयर कंडीषनर दिनांक 14.05.16 को रू0 29500.00 में जरिये फाइनेन्स लिया था। जिसे आगे निर्णय में प्रष्नगत ए0सी0 से सम्बोधित किया जायेगा। प्रष्नगत ए0सी0 के इंस्टालेषन चार्ज के रूप में रू0 1000.00 अतिरिक्त अदा किया गया था। विपक्षी के अधिकृत व्यक्ति द्वारा दिनांक 16.05.16 को प्रष्नगत ए0सी0 परिवादी के आवास पर इंस्टाल किया गया। विपक्षी के अप्रषिक्षित, लापरवाह व्यक्ति के कारण ए0सी0 इंस्टालेषन के दौरान परिवादी के घर की बनावट व साज-सज्जा में काफी क्षति कारित हुई और टूट-फूट कारित की गयी। परिवादी द्वारा विपक्षी से षिकायत करने पर विपक्षी द्वारा यह आष्वासन दिया गया कि आप ए0सी0 लगवा लीजिए बाद में टूट-फूट सही करवा देंगे। विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस दिनांकित 20.02.2017 परिवादी के द्वारा यह बताये
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जाने के बावजूद कि परिवादी पेषे से अधिवक्ता है, विपक्षी द्वारा टूट-फूट सही नहीं करायी गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 20.09.2017 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 27.12.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-1/1 लगायत् 1/4 एवं कागज सं0-2/1 व 2/2 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-4 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
6.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का
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कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
चूॅकि, यद्यपि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में मकान की क्षति की भरपाई हेतु रू0 20,000.00 याचित किया गया है, किन्तु परिवादी द्वारा उपरोक्त के सम्बन्ध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण, परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में एकमुष्त धनराषि रू0 2,000.00 दिलाया जाना न्यायोचित है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद रू0 2000.00 क्षतिपूर्ति तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय व आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 2000.00 तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
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