Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/555

L I C - Complainant(s)

Versus

Nanhi Devi - Opp.Party(s)

sanjai jaiswal

18 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/555
( Date of Filing : 02 Apr 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. L I C
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Nanhi Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-555/2009

Branch Manager Life Insurance Corporation of India & others

Versus

Smt. Nanhi Devi W/O Late Ram Vir singh

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री संजय जायसवाल, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुधीर कुमार श्रीवास्‍तव, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :18.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-47/2007, श्रीमती नन्‍हीं देवी बनाम शाखा प्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, बदायूं द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 26.02.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारोंके विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

2.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी के पति स्‍व0 रनवीर सिंह दिनांक 06.11.1999 को एक पॉलिसी प्राप्‍त की गयी थी, जिसकी प्रारंभ तिथि दिनांक 11.11.1999 थी। परिवादिनी के पति की मृत्‍यु ट्रैक्‍टर पलटने के कारण दिनांक 15.11.1999 को हो गयी, जिसकी एफ0आई0आर0 दर्ज नही करायी गयी, बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, परंतु बीमा क्‍लेम अदा नहीं किया गया।

3.        बीमा कम्‍पनी का कथन है कि यथार्थ में बीमा प्रस्‍तावक की मृत्‍यु दिनांक 03.11.1999 को हो चुकी थी, इसलिए जिस दिन पॉलिसी जारी हुई, उस दिन बीमा धारक जिन्‍दा नहीं था। अत: मृतक व्‍यक्ति के संबंध में जारी पॉलिसी शून्‍य है, इसलिए कोई बीमा क्‍लेम देय नहीं है।

4.          अपील के ज्ञापन तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि बीमा धारक होमगार्ड के पद पर कार्यरत थे, उनके कार्यालय में दिनांक 03.11.1999 को मृत्‍यु होने की सूचना दी गयी। दिनांक 15.11.1999 को मृत्‍यु होने के संबंध में जो प्रमाण पत्र है, वह साक्ष्‍य में ग्राह्य नहीं है। ट्रैक्‍टर पलटने के कारण दुर्घटना की न तो कोई रिपोर्ट लिखायी गयी, न ही पंचनामा कराया गया न ही पोस्‍टमार्टम कराया गया और ऐसा इसलिए नहीं किया गया कि ऐसा कराने से मृत्‍यु की वास्‍तविक तिथि सामने आ जाती। परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि बीमा धारक की मृत्‍यु दिनांक 15.11.1999 को हुई है।

5.       प्रस्‍तुत अपील के विनिश्‍चय के लिए महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु यही है कि बीमा प्रस्‍तावक/बीमाधारक की मृत्‍यु किस तिथि को हुई है? बीमा क्‍लेम नकारने का दस्‍तावेज सं0 46 पर मौजूद है, जिसमें उल्‍लेख है कि मृत्‍यु की तिथि दिनांक 15.11.1999 बतायी गयी है, साक्ष्‍य के अनुसार मृत्‍यु दिनांक 03.11.1999 को हो चुकी थी। मृत्‍यु की तिथि दिनांक 03.11.1999 है, इस संबंध में सबसे महत्‍पूर्ण एवं विश्‍वसनीय साक्ष्‍य दस्‍तावेज सं0 34 पर मौजूद है, जो संलग्‍नक सं0 क-3 है, जिसमें रनवीर सिंह की मृत्‍यु की सूचना जिला कमाण्‍डेंट, होमगार्ड बदायूं को दी गयी है, इसमें उल्‍लेख है कि दिनांक 03.11.1999 को होमगार्ड रनवीर सिंह की मृत्‍यु हुई है। यह सूचना बीमा कम्‍पनी के प्रबंधक द्वारा जिला कमाण्‍डेंट होमगार्ड को लिखे गये पत्र के पश्‍चात प्राप्‍त हुई है, जो पृष्‍ठ सं0 33 पर मौजूद है। अत: राजकीय विभाग में दी गयी सूचना तथा राजकीय विभाग द्वारा प्रदत्‍त की गयी सूचना दोनों महत्‍वपूर्ण साक्ष्‍य हैं। इस साक्ष्‍य के विपरीत प्रधान द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र कमजोर प्रकृति का है, जबकि राजकीय कार्यालय द्वारा जहां मृतक कार्यरत था, दी गयी सूचना प्रमाणिक सूचना है। अत: यह तथ्‍य स्‍थापित है कि दिनांक 03.11.1999 को बीमा प्रस्‍तावक की मृत्‍यु हो चुकी थी। इस तिथि को बीमा पॉलिसी अस्तित्‍व में नहीं थी क्‍योंकि बीमा पॉलिसी का संचालन यानि जोखिम तिथि दिनांक 11.11.1999 है। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अवैधानिक है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।   

 

आदेश

           अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त किया जाता है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

   

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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