Pramila Devi filed a consumer case on 22 Feb 2022 against Nandkishor Sah in the Godda Consumer Court. The case no is CC/2/2022 and the judgment uploaded on 12 Mar 2022.
यह वाद आवेदिका श्रीमति प्रमिला देवी कि ओर से विपक्षी श्री नंन्द किशोर साह के विरुद्ध दाखिल किया गया है। आवेदिका द्धारा अपने आवेदन में यह लिखा गया है कि विपक्षी द्धारा उसके पुत्र रोहित मंडल के नामांकन के लिऐ जो कि D.E.LED कोर्स के लिये लिया था। शिव कुमार महतो के सामने 20,000 (बीस हजार) रुपये नगद लिया गया और यह बताया गया कि शेष राशि परीक्षा के पूर्व भूगतान करना है। लेकिन ना आवेदिका के पुत्र का नामांकन हुआ ना ही पैसा वापस किया गया। और उल्टे ही टाल मटोल किया गया। इस संबंध में आवेदिका द्धारा अधिवक्ता नोटिस किया परंतु कोई जबाब नहीं मिला। इससे यह साफ जाहिर है कि विपक्षी ने उससे रुपया का ठगी किया है। अभिलेख का अवलोकन किया। जिससे यह प्रतीत होता है कि आवेदिका द्धारा यह वाद उसके पुत्र के नामांकन के नाम पर 20,000 (बीस हजार) रुपये ले लिया गया है। यह वाद ग्रहण के बिन्दु पर है। अब यह देखना है कि आवेदिका उपभोक्ता के श्रेणी में आती है या नहीं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के घारा 7 (II) के अनुसार किसी ऐसे प्रतिफल के लिए जिसका संदाय किया गया है या वचन दिया गया है या भागतः संदाय किया गया है, या किसी आस्थागित संदाय की प्रद्धति के अधीन सेवाओं को भाड़े पर लेता है या उनका उपभोग करता है। और इसके अन्तर्गत ऐसे किसी व्यक्ति से भिन्न जो ऐसे किसी प्रतिफल के लिए जिसका संदाय किया गया है। और वचन दिया गया है और भागतः संदाय किया गया है और भागतः वचन दिया गया है या किसी आस्थगित संदाय की प्रद्धति के अधीन सेवाओं को भाड़े पर लेता है या उनका उपभोग करता है ऐसी सेवाओं का कोई हिताधिकारी थी है जब ऐसी सेवाओं का उपभोग प्रथम वर्णित व्यक्ति के अनुमोदन से किया जाता है। उपरोक्त वितेचना के आलोक में यह स्पष्ट है कि आवेदिका उपभोक्ता के श्रेणी में नहीं आती है। और यह वाद इस न्यायालय में पोषठणीय नहीं है। अतः इसे खारिज किया जाता है।
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