Rajasthan

Ajmer

CC/195/2014

KAWARIYA ELECTRONICS - Complainant(s)

Versus

NANAK INTIRIYAT - Opp.Party(s)

ADV.MANISH HAJARI

24 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/195/2014
 
1. KAWARIYA ELECTRONICS
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. NANAK INTIRIYAT
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

कावडिया इलेक्ट्रोनिक्स 22, निम्र्बाक मार्केट, पृथ्वीराज मार्ग, अजमेर जरिए प्रोपराईटर सुषील कुमार कावडिया पुत्र स्व. श्री प्रेम सिंह कावडिया आयु- 50वर्ष

                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

मैनेजर/मालिक नानक इण्टीरियर, 556/11, जवाहर नाडी, एचएमटी के पीछे, ब्यावर रोड, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 195/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री मनीष हजारी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2. अप्रार्थी  की ओर से कोई उपस्थित नहीं 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 24.05.2016
 
 1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसने अप्रार्थी से एक रोलिंग पर्दा  साईज 10ग्9 क्रय किए जाने हेतु आर्डर दिया, जिसकी डिलेवरी दिनांक 22.3.2013 को दी । अप्रार्थी ने उक्त रोलिंग पर्दे की एक वर्ष की  गारण्टी दी थी ।  कुछ दिनों बाद ही उक्त पर्दे का ऐल्युमिनियम आर्म टूट गया ।  जिसकी अनेकों बार अप्रार्थी से षिकायत करने पर जब  पर्दा  अप्रार्थी के आष्वासनुसार  दुरूस्त नहीं किया गया  तो उसने दिनांक 7.3.2014 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भिजवाया।  जिसे अप्रार्थी ने लेने से इन्कार कर दिया। अप्रार्थी के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.            अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक 6.1.2015 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.              प्रार्थी के विद्वान अध्धिवक्ता  का तर्क है कि उसने अप्रार्थी से एक रोलिंग पर्दा साईज 10ग्9 क्रय किए जाने हेतु दिनंाक 8.3.2013 को आर्डर किया । जिसे अप्रार्थी ने दिनांक 22.3.2013 को डिलीवर किया । उक्त पर्दा उसने रू. 12,600/- में   क्रय किया  था  ।  जिसकी अप्रार्थी ने एक वर्ष की  गारण्टी दी थी ।  कुछ दिनों बाद ही उक्त पर्दे का ऐल्युमिनियम आर्म टूट गया।   इसकी उसने  अप्रार्थी से  व्यक्तिषः कई बार षिकायत  की  । किन्तु अप्रार्थी ने पर्दे को सही नहीं किया  और जब अप्रार्थी ने   पर्दा सहीं  नहीं किया तो उसने दिनांक 7.3.2014 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी  दिया ।  किन्तु अप्रार्थी ने आदिनंाक तक पर्दे की दुरूस्ती के संबंध में कोई कदम नहीं उठाया । उसे अप्रार्थी से वांछित अनुतोष दिलाया जावे  । 
4.                 हमने प्रार्थी  के तर्क  सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।  
5.                   प्रार्थी  ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने  षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- पर्दा  क्रय किए जाने के बिल संख्या 070 दिनांक 8.3.2013 जिसकी डिलीवरी दिनांक 22.3.2013 को दी, अप्रार्थी को भेजे गए नोटिस  से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थी  ने प्रार्थी  द्वारा क्रय किए गए प्रष्नगत रोलिंग पर्दे को  उसके बार बार निवेदन किए जाने व षिकायत किए पर भी वारण्टी अवधि में दुरूस्त  नहीं  कर सेवादोष किया है ।
6.               प्रार्थी  के कथन एवं प्रार्थी  द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए  अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थी  के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । ऐसी स्थिति में प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय  स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:

                             :ः- आदेष:ः-
7.    (1)    प्रार्थी अप्रार्थी से उसके द्वारा जरिए बिल संख्या 070  दिनांक 08.03.2013  के  क्रए किए गए रोलिंग पर्दे की क्रय  राषि रू. 12,600/-  प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
           (2)       प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 2500/- भी प्राप्त करने का  भी अधिकारी होगा । 
           (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक  24.05.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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