Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/274

M D A - Complainant(s)

Versus

Nahar Singh Yadav - Opp.Party(s)

V S Bisaria,Mridul Prateek Singh

30 Jan 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/274
( Date of Filing : 17 Feb 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M D A
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Nahar Singh Yadav
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Jan 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-274/2011

Meerut Development Authority Meerut Through its Secretary

Vs.

Nahar Singh Yadav S/O Chaudhary Horam Singh

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री मृदुल प्रतीक सिंह, विद्धान अधिवक्‍ता  

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0पी0 पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता 

दिनांक :30.01.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.       परिवाद संख्‍या-28/2005, नाहर सिंह यादव बनाम मेरठ विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

2.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी के पक्ष में प्राधिकरण द्वारा 91.50 वर्ग मीटर मूल्‍य 82,350/-रू0 भूखण्‍ड संख्‍या 582 एल.आई.जी. आवंटित किया गया था। इसके पश्‍चात दिनांक 07.05.2002 को परिवादी को प्राधिरण द्वारा सूचित किया गया कि भूखण्‍ड का क्षेत्रफल मौके पर अधिक है, इसलिए कुल कीमत 1,15,251/-रू0 अदा करनी होगी क्‍योंकि भूखण्‍ड का कुल क्षेत्रफल 134.30 वर्ग मीटर हो गया है। अतिरिक्‍त मूल्‍य 87,618/-रू0 बताया गया है, साथ ही कॉर्नर शुल्‍क तथा फ्री होल्‍ड शुल्‍क राशि की मांग भी की गयी है। इसके पश्‍चात दिनांक 20.10.2004 को परिवादी पर 1,73,024.85/-रू0 बकाया बताये गये, जबकि भूखण्‍ड 900/-रू0 प्रति वर्ग मीटर की दर से आवंटित हुआ था और इस समय कीमत 2,041/-रू0 प्रति वर्ग मीटर है। विपक्षी की यह मांग गैर कानूनी है, मौके पर कोई विकास कार्य नहीं है।

3.         प्राधिकरण का कथन है कि परिवादी को जो भूखण्‍ड आवंटित किया गया था, उसका क्षेत्रफल 91.50 वर्ग मीटर के स्‍थान पर 134.43 वर्ग मीटर पाया गया। 10 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी की सीमा तक पूर्व मूल्‍य के अनुसार कीमत लगायी गयी। 10 प्रतिशत से अधिक के क्षेत्रफल पर पत्र जारी करने वाली तिथि को प्रचलित दर से मूल्‍य का निर्धारण किया गया है। अधिक क्षेत्रफल का कुल मूल्‍य प्रथम 10 प्रतिशत तक आवंटन के समय प्रचलित मूल्‍य तथा 10 प्रतिशत के पश्‍चात पत्र जारी करने की तिथि को प्रचलित मूल्‍य का आंकलन करने पर 87,618/-रू0 बकाया पाया गया है। इस राशि के अलावा फ्रीहोल्‍ड शुल्‍क, कॉर्नर चार्जेज शुल्‍क जमा करने की सूचना भी भेजी गयी है।

4.         साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी आवंटित भूखण्‍ड की समस्‍त कीमत अदा कर चुका है। उसे आवंटित भूखण्‍ड का मूल्‍य 900/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। तदनुसार आदेशित किया गया कि परिवादी को आवंटित दर से ही कीमत वसूल की जाए तथा कब्‍जा प्राप्‍त करने की तिथि तक जमा राशि पर 18 प्रतिशत ब्‍याज दिया जाए।

5.          अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि प्राधिकरण के नियमों के अनुसार यदि आवंटित भूखण्‍ड का क्षेत्रफल कम या अधिक हो जाता है तब कम होने पर धनराशि वापस लौटायी जाती है एवं अधिक होने पर अतिरिक्‍त क्षेत्रफल की राशि वसूल की जाती है, उनके द्वारा यह भी तर्क दिया गया है कि उत्‍तर प्रदेश शासन द्वारा निर्गत पत्र सं0 4049/9-आ-1-99/16समिति/1996 के अनुसार 10 प्रतिशत की सीमा तक आवंटन के समय प्रचलित मूल्‍य के अनुसार ही कीमत वसूल की जायेगी तथा यदि क्षेत्रफल 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्‍तरी हुई है तब जिस समय क्षेत्रफल अधिक पाया गया उस समय प्रचलित दर के अनुसार धनराशि की वसूली की जायेगी।

6.         प्राधिकरण द्वारा एनेक्‍जर सं0 1 के माध्‍यम से दिनांक 07.5.2002 को सूचित किया है कि मौके पर भूखण्‍ड का क्षेत्रफल अधिक है। प्रथम 10 प्रतिशत पर आवंटन के समय दर से कीमत का आंकलन किया गया है। इसके पश्‍चात पत्र लिखने की तिथि को जो दर प्रचलित थी उसके आधार पर आंकलन किया गया है, जो विधि के अंतर्गत है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच को यह निष्‍कर्ष देने का अधिकार नहीं था कि परिवादी को जिस समय भूखण्‍ड आवंटित हुआ है। सम्‍पूर्ण बढ़े हुए परिक्षेत्र तथा उसी  दर से धनराशि वसूल की जाए, इसलिए यह निर्णय इस प्रकार परिवर्तित होने योग्‍य है कि प्रथम 10 प्रतिशत बढ़ हुए क्षेत्रफल पर 900/-रू0 प्रति वर्ग मीटर की दर से धनराशि वसूल करने के लिए प्राधिकरण अधिकृत है तथा 10 प्रतिशत के पश्‍चात बढ़े हुए परिक्षेत्र के लिए दिनांक 07.05.2002 को प्रचलित दर के आधार पर धनराशि वसूल करने के लिए अधिकृत है, साथ ही कॉर्नर शुल्‍क एवं फीहोल्‍ड शुल्‍क की धनराशि पर प्राधिकरण कोई ब्‍याज वसूल करने के लिए अधिकृत नहीं है क्‍योंकि यह दोनों शुल्‍क जिस तिथि को आवंटी विक्रय पत्र निष्‍पादित कराने के लिए कार्य करने के लिए अग्रसर होते हैं, उस तिथि को जमा किया जाता है। इन शुल्‍कों पर कोई ब्‍याज प्राधिकरण द्वारा वसूल नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार जो क्षेत्रफल बढ़ा हुआ है, उसके मूल्‍य की राशि पर ब्‍याज बैंक दर से प्रस्‍तुत केस में वसूल किया जाना चाहिए न कि 18 प्रतिशत की दर से। परिवादी पूर्व से यह सुनिश्चित नहीं कर सकता था कि उसे अधिक मूल्‍य देना होगा, चूंकि अल्‍प आय व्‍यक्ति के पास संसाधन कम होते हैं इसलिए प्राधिकरण द्वारा 91.50 वर्गमीटर के स्‍थान पर 134.43 वर्गमीटर का भूखण्‍ड आवंटित करना प्रथम दृष्‍टया प्राधिकरण के कर्मचारियों की लापरवाही का द्योतक है, इसलिए परिवादी को इस राशि पर ब्‍याज देने के लिए बाध्‍य नहीं किया जा सकता। अत: इन निर्देशों के साथ अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि:-

  1. प्राधिकरण द्वारा परिवादी को आवंटित भूखण्‍ड पर 10 प्रतिशत की सीमा तक 900/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से धनराशि की वसूली की जायेगी।
  2. 10 प्रतिशत से अधिक बढ़े हुए क्षेत्रफल पर दिनांक 07.05.2002 को प्रचलित दर से धनराशि की वसूली की जायेगी।
  3. फ्रीहोल्‍ड शुल्‍क तथा कॉर्नर चार्जेज शुल्‍क परिवादी द्वारा जिस ति‍थि को जमा किया जायेगा व ब्‍याज रहित प्राधिकरण द्वारा स्‍वीकार किया जायेगा।
  4. प्राधिकरण द्वारा 91.50 वर्गमीटर के स्‍थान पर 134.43 वर्गमीटर बढे़ हुए भूखण्‍ड पर कोई ब्‍याज वसूल नहीं किया जायेगा।   

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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