Uttar Pradesh

Chanduali

CC/36/2014

PRAKASH PANDEY - Complainant(s)

Versus

Nagendra Singh - Opp.Party(s)

14 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/36/2014
 
1. PRAKASH PANDEY
BRAV,ELIYA, CHANDAULI
...........Complainant(s)
Versus
1. Nagendra Singh
ELIYA, CHANDAULI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 36                                सन् 2014ई0
प्रकाश नारायण उर्फ अमेरिकन पाण्डेय पुत्र कपिलदेव पाण्डेय ग्राम बरांव थाना इलिया, जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
नागेन्द्र सिंह पुत्र बनारसी सिंह पटेल निवासी कलानी,थाना इलियां जिला चन्दौली प्रो0 निधि इण्टर प्राइजेज कलानी, चन्दौली।
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के द्वारा परिवादी को सप्लाई की गयी नकली सीमेन्ट की खराबी से परिवादी के मकान में हुई क्षति हेतु कुल मु0 6,77,150/-दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद पत्र में परिवादी की ओर से संक्षेप में कथन किया गया है कि वह अपने ग्राम बरांव पो0 भुडकुडा जिला चन्दौली में एक बिस्वा भूमि पर दिनांक 10-3-2014 को मकान बनवाने हेतु विपक्षी के यहाॅं से जे0पी0 सीमेन्ट 170 बोरी,छड10 कुन्तल़,10 ट्राली बालू,7 ट्राली गिट्टी तथा अन्य सामान क्रय करके मकान की सम्पूर्ण दिवाल छत डालने तक बनवाया। परिवादी का सम्पूर्ण मकान पीलर व बीम पर बना हुआ है। परिवादी के मकान की दिवाल बनाने में 2 मिस्त्री 300/-प्रतिदिन की मजदूरी से एवं 4 मजदूर मु0 150/-प्रतिदिन की मजदूरी के हिसाब से 70 दिन में तैयार किये। परिवादी के मकान के छत डालने के समय मकान में बनी पीलर और दिवाल से सीमेन्ट झरने लगा तथा दिवाल में दरार हो गयी, जिसे मिस्त्री ने देखकर बताया कि सीमेन्ट में खराबी होने के कारण दिवाल और पीलर कमजोर है इसलिए छत नहीं रूकेगी। विपक्षी कई कम्पनियों के बोरे में फर्जी सीमेन्ट भरकर  बेचता है एवं पक्की रसीद भी नहीं देते है बल्कि स्लीप पर सामान की सूची व दाम भरकर दे देते है। परिवादी ने दिनांक 29-5-2014 को थानाध्यक्ष इलिया से शिकायत किया किन्तु कोई कार्यवाही न होने पर जिलाधिकारी चन्दौली को दिनांक 4-6-2014 को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र दिया जिस पर जिलाधिकारी चन्दौली द्वारा पुलिस अधीक्षक को जांच कर आख्या देने हेतु निर्देशित किया गया, जिसकी जांच सी0ओ0 चकिया द्वारा जांच की गयी तथा विपक्षी अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज करने हेतु एस0ओ0 इलिया को निर्देशित किया किन्तु अभीतक रिर्पोट दर्ज नहीं हुई हैं जबकि उप जिलाधिकारी चकिया ने जांच में विपक्षी को बिना लाइसेन्स के अनाधिकृत रूप से सीमेन्ट एव गिट्टी बिक्री करने की रिर्पोट दी गयी है। तदोपरान्त परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 4-7-2014 को विधिक नोटिस दिया किन्तु विपक्षी द्वारा कोई जबाब नहीं दिया गया। इस आधार पर
                                                                                                      2
परिवादी द्वारा परिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए उपरोक्त धनराशि दिलाये जाने की प्रार्थना की गयी है।
3-    विपक्षी को इस कार्यालय से रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी किन्तु विपक्षी द्वारा नोटिस लेने से इन्कार कर दिया। अतः विपक्षी के विरूद्ध यह परिवाद एक पक्षीय रूप से चलाया गया।
4-    परिवादी की ओर से फेहरिस्त के साथ सीमेन्ट क्रय करने की रसीद की छायाप्रति कागज संख्या 4/1,वैधानिक नोटिस 4/2ता 4/3, प्रार्थना पत्र 4/4,उप जिलाधिकारी चकिया का पत्र 4/7,विपक्षी के दूकान का फोटो छायाप्रति 4/8,रिर्पोट की प्रति 4/9,जिलाधिकारी को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति 4/10,बयान की प्रति 4/11 दाखिल किया गया है। 
5-    हम लोगों ने परिवादी के अधिवक्ता के बहस को सुना तथा परिवाद पत्र एवं शपथ पत्र तथा साक्ष्य का भलीभांति अवलोकन किया।
6-    परिवादी का कथन है कि वह अपने गांव बरांव थाना इलिया जिला चन्दौली में मकान बनवाने हेतु विपक्षी संख्या 1 की दूकान से जे0पी0 सीमेन्ट,छड़,बालू,गिट्टी तथा अन्य सामान क्रय किया और मकान की सभी दीवाल छत डालने तक बनवाया। परिवादी के मकान में 10 कुन्तल छड,170 बोरी सीमेन्ट, 7 ट्राली गिट्टी तथा 30 हजार ईटा लगा। मकान पर छत डालने का सामान आया तो देखा कि विपक्षी के यहाॅं से क्रय की गयी सीमेन्ट से जो पीलर व दीवाल खड़ा किया गया था वह झरने लगा और दीवाल में दरार हो गयी, तब मिस्त्री ने देखकर बताया कि सीमेन्ट खराब होने के कारण दीवाल और पीलर कमजोर है तथा इस पर छत नहीं टिकेगी। परिवादी ने शिकायत जब विपक्षी की दूकान पर जाकर किया तो विपक्षी झगड़ा पर अमादा हो गया। परिवाद में यह भी कथन किया गया है कि विपक्षी बिना लाइसेंस के सीमेन्ट,छड़,गिट्टी बेचता है वह जे0पी0 सीमेन्ट की खाली बोरी का स्टाक लगा रखा है जिसमे फर्जी सीमेन्ट भरकर जे0पी0 सीमेन्ट के नाम से बेचता है। इस घटिया सीमेन्ट की वजह से परिवादी ने जो पीलर व दीवाल बनवाया था उसके पीलर की सीमेन्ट झड़ने लगी और दीवाल फट गयी जिससे परिवादी के मान में मु0 6,77,150/-का लगा सामान नुकसान हो गया। परिवादी का यह भी कथन है कि विपक्षी द्वारा फर्जी व घटिया सीमेन्ट बेचने की शिकायत थाना इलिया में किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं किया गया तब परिवादी ने इसकी लिखित शिकायत दिनांक 4-6-2014 को जिलाधिकारी चन्दौली को किया जिस पर जिलाधिकारी चन्दौली ने पुलिस अधीक्षक चन्दौली से जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया। परिवादी की शिकायत पर क्षेत्राधिकारी चकिया द्वारा जांच किया और प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज करने हेतु थानाध्यक्ष इलिया को निर्देशित किया गया। उपरोक्त आधारों पर कथन किया गया है कि विपक्षी ने परिवादी को फर्जी सीमेन्ट बेचकर सेवा में कमी किया है।

                                                                                                  3
7-    हम लोगों ने उपरोक्त बिन्दु पर विचार किया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 13(1)(ग) में यह प्राविधान दिया गया है किः- ’’जहाॅं परिवादी ने माल में किसी ऐसी त्रुटि का अभिकथन किया है जिसके बारे में माल के उचित विश्लेषण एवं परीक्षण के बिना नहीं किया जा सकता है वहाॅं जिला पीठ परिवादी से माल का नमूना प्राप्त करेगा तथा उसे सील बन्द करेगा और विहित रीति में अधिप्रमाणित करेगा और इस प्रकार सील बन्द नमूने को इस निर्देश के साथ समुचित प्रयोगशाला को निर्देशित करेगा कि ऐसी प्रयोगशाला यह पता लगाने की दृष्टि से ऐसे परीक्षण व विश्लेषण जो भी आवश्यक हो,वह करें,कि ऐसे माल में परिवाद में अभिकथित कोई त्रुटि है या नहीं और उस पर अपनी रिर्पोट निर्देश की प्राप्ति के 45 दिन की कालावधि के भीतर या ऐसी अवधि के भीतर जो जिला पीठ द्वारा मंजूर की गयी हो,जिला पीठ को भेजेगा’’।इस प्राविधान से स्पष्ट है कि सामान की विशिष्ट परीक्षण और विश्लेषण कराये बगैर उसकी गुणवत्ता के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं लिया जा सकता है। इस प्रकरण में परिवादी से कहा गया कि वह विपक्षी से क्रय किये गये सीमेन्ट की बन्द बोरी प्रस्तुत करें, ताकि उसको धारा 13-(1)(ग) के प्राविधानों के अनुसार नमूना लेकर उचित लेबोटरी से इसकी गुणवत्ता की जांच करायी जा सके। इस पर परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि सीमेन्ट की कोई सील बोरी उपलब्ध नहीं है इसलिए वह फोरम के समक्ष गुणवत्ता की जांच हेतु कोई सीमेन्ट प्रस्तुत नहीं कर सकता है। चूंकि सीमेन्ट का कोई नमूना उपलब्ध नहीं है। उपरोक्त स्थिति में उपरोक्त प्राविधानों के अनुसार सीमेन्ट की गुणवत्ता की विशिष्ट जांच या विश्लेषण कराया जाना सम्भव नहीं है। परिवादी की ओर से ऐसा कोई कथित सीमेन्ट के घटिया होने की कोई जांच रिर्पोट प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतःमात्र कथन कर देने से कि सीमेन्ट घटिया स्तर का था जिला फोरम द्वारा कोई ऐसा निष्कर्ष धारा-13(1)(ग) के प्राविधानों को दृष्टिगत रखते हुए नहीं दिया जा सकता है। तद्नुसार हम लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि परिवादी यह साबित नहीं कर पाया है कि विपक्षी ने उसे जो सीमेन्ट बेचा था वह फर्जी तथा घटिया स्तर का था। तद्नुसार परिवादी साबित करने में पूर्णतया असफल रहा है कि विपक्षी ने उसे घटिया स्तर का सीमेन्ट बेचकर सेवा में कमी किया है। अतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
                        आदेश
प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दपतर हो।

(मारकण्डेय सिंह)               (मुन्नी देबी मौर्या)                   (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                        सदस्या                           अध्यक्ष
                                                           दिनांक 14-2-2015

 

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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