(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2810/2002
Managing Director, Mars Equipments Ltd., Mars House, 1 Ashok Nagar, Alam Nagar Road, Rajajipuram, Lucknow.
………Appellant
Versus
President Nagar Panchayat Churk, Dhurma Pargana Bhaduhar Thesil Robertsganj, Sonbhadra.
………Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0पी0 शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 11.10.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 286/2001 अध्यक्ष, नगर पंचायत चुर्क बनाम प्रबंध निदेशक मार्श इक्यूपमेंट्स लि0 में जिला उपभोक्ता आयोग, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 12.10.2001 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा क्रय किए गए वाहन में त्रुटि उत्पन्न होने के कारण मरम्मत कराने का आदेश पारित किया है और विकल्प में यह आदेश पारित किया है कि यदि वाहन मरम्मत होने लायक न हो तब इसी गुणवत्ता व कीमत की नई मशीन दी जाए। प्रत्यर्थी/परिवादी को कारित क्षति के मद में अंकन 48,000/-रू0 का आदेश दिया गया है।
3. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने तथ्य एवं साक्ष्य के विपरीत निर्णय पारित किया है। अंकन 48,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का कोई औचित्य सिद्ध नहीं किया है। वाहन का प्रयोग व्यापारिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा था।
4. हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0एस0 बिसारिया एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया।
5. प्रश्नगत वाहन नगर पंचायत द्वारा जनता की सेवा के लिए क्रय किया गया था, इसलिए इस वाहन का व्यापारिक प्रयोग नहीं किया जा सकता। अत: इस तर्क में कोई बल नहीं है कि यह वाहन व्यापारिक उद्देश्य से प्रयोग किया गया। इसलिए उपभोक्ता वाद संधारणीय नहीं है।
6. परिवाद पत्र में कथित वाहन क्रय करने के पश्चात मोबिल आयल लगातार रिसता रहा जिसके कारण सफाई का कार्य पूर्ण नहीं हो सका। इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने इस वाहन की मरम्मत कराने में किसी प्रकार की त्रुटि कारित नहीं की है।
7. परिवाद पत्र में यह भी उल्लेख है कि वाहन खराब होने के पश्चात अपीलार्थी/विपक्षी को अनेकों बार सूचना भेजी गई, परन्तु अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और वाहन की मरम्मत नहीं की गई जिसके कारण प्रत्यर्थी/परिवादी को अंकन 3,00,000/-रू0 की क्षति कारित हुई। इसी आधार पर विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 48,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है, परन्तु परिवाद पत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि अंकन 3,00,000/-रू0 या अन्य कोई क्षति किस वजह से कारित हुई है। इसलिए इस मद में 48,000/-रू0 अदा करने का कोई अवसर नहीं था। अत: इस बिन्दु पर प्रश्नगत निर्णय अपास्त होने योग्य एवं अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
8. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति के मद में कोई राशि देय नहीं होगी। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3