जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
सुनील कुमार सिखवाल पुत्र श्री राम कुमार, जाति- ब्राह्मण, निवासी- मार्फत सीतादेवी लखोटिया, निवासी- दुर्गा भवन, कुमार कोठी,कचहरी रोड, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
आयुक्त, नगर निगम , अजमेर
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 288/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री जवाहर लाल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 18.06.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अपने आवास का सेफटी टेंक भर जाने के कारण खाली करवाने के लिए अप्रार्थी के यहां दिनांक 19.11.2012 को जरिए रसीद संख्या 7252 के 1000/- जमा करवाए किन्तु बावजूद कई चक्कर लगाए जाने के उपरान्त भी उसके आवास का सेफटी टैंक खाली नहीं किया जिससे उसे काफी कठिनाई का सामना करना पडा । जब अप्रार्थी द्वारा उसके आवास का सैफटी टेंक खाली नहीं किया गया तो उसने अन्य व्यक्ति से सेप्टिक टेंक को दिनंाक 30.12.2012 को खाली करवाया जिसमें उसके रू. 10,000/- व्यय हुए । तत्पष्चात् उसने अप्रार्थी से उसके द्वारा जमा कराई गई राषि लौटाने का निवेदन किया किन्तु जब अप्रार्थी ने राषि नहीं लौटाई तो उसने दिनांक 256.6.2014 को नेाटिस दिया इसके उपरान्त भी अप्रार्थी ने नोटिस का न तो कोई जवाब दिया और ना ही राषि लौटाई । अप्रार्थी के इस कृत्य को सेवा में कमी का परिचायक बतलाते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी के बावजूद नोटिस तामिल मंच में उपस्थित नहीं होने पर एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. हमने प्रार्थी पक्ष को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. जहां तक प्रार्थी अप्रार्थी का उपभोक्ता है इस संबंध में प्रार्थी के जो कथन रहे है , के अनुसार उसने अपने आवास पर स्थित एक सेप्टिक टेंक को खाली कराने हेतु अप्रार्थी को आवेदन किया एवं इस हेतु विहित चार्ज राषि रू. 1000/- भी दिनांक 19.11.2012 को जमा कराई । इस राषि की रसीद पेष हुई है । अप्रार्थी द्वारा राषि प्राप्त कर लिए जाने के उपरान्त भी दिनांक 30.12.2012 तक टैंक को खाली नहीं करवाए जाने पर प्रार्थी ने एक प्राईवेट व्यक्ति की सेवाएं लेते हुए टैंक खाली करवाया । प्रार्थी ने अप्रार्थी से जमा करवाए गए रू. 1000/- की राषि व रू. 10,000/- की राषि जो टैंक खाली कराने के लिए श्री राजू हरिजन को दिए, की मांग की किन्तु अप्रार्थी ने प्रार्थी को उक्त राषि अदा नहीं की । इस प्रकार प्रार्थी अप्रार्थी का उपभोक्ता होना पाया गया है एवं प्रार्थी ने राषि प्राप्त करने के उपरान्त भी टैंक को खाली करवाया और ना ही कोई कारण दर्षाया । चूंकि टैंक पूरा भर गया था जिसे खाली करवाया जाना आवष्यक था । अतः प्रार्थी ने एक प्राईवेट व्यक्ति राजू हरिजन की सेवाए ली जिसे रू. 10,000/- अदा किए उक्त श्री राजू हरिजन ने इस राषि की रसीद भी दी है साथ ही उक्त व्यक्ति का षपथपत्र भी पेष हुआ है । अप्रार्थी बावजूद तामिल के अनुपस्थित रहा है एवं प्रार्थी के कथन व साक्ष्य अखंडित रही है ।
5. उपरोक्त सारे विवेचन से हम पाते है कि अप्रार्थी के विरूद्व सेवा में कमी का बिन्दु सिद्व है । प्रार्थी अप्रार्थी से जमा कराई गई राषि पुनः प्राप्त करने का अधिकारी है । यदि अप्रार्थी प्रार्थी के सैप्टीक टेंक को खाली करवा देता तो उसे प्राईवेट व्यक्ति की सेवाए नहीं लेनी पडती और उसे रू. 10,000/- भी खर्च नहीं करने पडते । अतः प्रार्थी अप्रार्थी से यह राषि रू. 10,000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी है । अप्रार्थी द्वारा राषि प्राप्त करने के उपरान्त भी टेंक खाली नहीं करवाया और उसकी जमा राषि भी उसे नहीं लौटाई । अतः उसे यह वाद लाना पडा इसलिए प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में समुचित राषि प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
6. (1) प्रार्थी अप्रार्थी से उसके द्वारा सैप्टिक टेंक खाली करवाने हेतु जमा कराई गई राषि रू. 1000/- तथा रू. 10,000/- जो उसने सेप्टिक टेंक को खाली करवाने हेतु राजू हरिजन को दिए इस प्रकार कुल रू. 11,000/- प्राप्त करने का अधिकारी है ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 1000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी है ।
(3) क्र.सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
7. आदेष दिनांक 18.06.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष