Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/457/2013

manoj kumar pandey - Complainant(s)

Versus

Nagar Nigam - Opp.Party(s)

12 Jan 2017

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/457/2013
 
1. manoj kumar pandey
108/99 durga devi gandhi nagar kanpur
...........Complainant(s)
Versus
1. Nagar Nigam
motijheel kanpur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Sudha Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 12 Jan 2017
Final Order / Judgement


                                                     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

                                                    अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
                                                                          पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
                                                                          श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या    
                
    

उपभोक्ता वाद संख्या-457/2013
मनोज कुमार पाण्डेय पुत्र श्री रमाषंकर पाण्डेय निवासी भवन सं0-108/99 दर्गा देवी रोड गांधी नगर, (थाना-सीसामऊ) कानपुर नगर-208012
                                  ................परिवादी
बनाम
नगर निगम, कानपुर द्वारा नगर आयुक्त नगर निगम कानपुर मोतीझील कानपुर नगर-208002
                           ...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 04.09.2013
निर्णय तिथिः 15.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि नगर-निगम सीमा अंतर्गत पूर्व की दर पर 6.0×12 मीटर क्षेत्रफल 72 वर्गमीटर का भूखण्ड नगद भुगतान पर उपलब्ध कराने, क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 75000.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी अल्प षिक्षित, मध्यम श्रेणी, सीधा सादा व सरल स्वभाव का नागरिक है तथा प्राइवेट सेवायोजन द्वारा अपने परिवार का भरण-पोशण करता है। परिवादी द्वारा विपक्षी के महाबली पुरम आवासीय योजना के अंतर्गत मिनी एल.आई.जी. श्रेणी में 6.0×12 मीटर जिसका क्षेत्रफल कुल 72 वर्गमीटर के भूखण्ड के पंजीकरण हेतु आवेदन पत्र दिनांक 19.10.2000 को बैंकर्स चेक सं0-008557 दिनांकित 19.10.2000 रू0 11000.00 भी जमा किया गया था। बैंकर्स चेक की प्राप्ति स्वीकृति नियत प्राधिकारी द्वारा आवेदन पत्र की पुस्तिका क्रम सं0-4 और अपनी हस्तलिपि में क्रमांक 691 दिनांक 19.10.2000 डालकर दी गयी, किन्तु परिवादी को कोई रसीद बावत 
................2
...2...

षुल्क अलग से नहीं दी गयी। तथाकथित लाटरी ड्रा की कोई जानकारी परिवादी को नहीं दी गयी। परिवादी द्वारा नगर-निगम के कर्मचारियों से जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि परिवादी के नाम का चयन न होने के कारण उसको भूखण्ड आवंटित नहीं किया जायेगा। परिवादी द्वारा जमा पंजीकरण षुल्क यथाषीघ्र वापस कर दिया जायेगा। किन्तु 8 माह तक परिवादी को उक्त पंजीकरण धनराषि प्राप्त न होने के कारण परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 27.06.01 को जमा धनराषि रू0 11000.00 मय ब्याज वापस करने हेतु भेजा गया। किन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी को अनेको बार बिना वेतन अवकाष लेकर विपक्षी के कार्यालय जाना पड़ा। कोई उत्तर न मिलने पर सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत परिवादी द्वारा सूचना मांगी गयी। पुनः स्मरण पत्र दिनांक 05.05.12 को भेजा गया। तत्पष्चात अपीलीय अधिकारी नगर निगम कानपुर के समक्ष अपील दिनांक 31.05.12 प्रस्तुत की गयी। वांछित सूचना उपलब्ध कराने के बजाय पत्र दिनांकित 21.02.12 को पंजीकरण षुल्क वापसी का मुद्दा बनाया। परिवादी से प्रष्नगत उपरोक्त धनराषि जमा करने की मूल रसीद व विवरण पुस्तिका सं0-1846 की छायाप्रति मांगी गयी। परिवादी द्वारा उक्त प्रपत्र भी दिनांक 28.07.12 को विपक्षी प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति को उपलब्ध करा दिये गये। किन्तु परिवादी के द्वारा अन्यान्य प्रकार से प्रयास करने के बावजूद विपक्षी के द्वारा परिवादी की उपरोक्त धनराषि रू0 11000.00 वापस नहीं की गयी। विपक्षी की स्वयं की विवरण पुस्तिका के पृश्ठ सं0-3 में यह स्पश्ट प्राविधान है कि, ’’पंजीकरण धनराषि पर देय ब्याज व जमा करने की प्रक्रिया क्रेता द्वारा जमा की गयी धनराषि पर 5 प्रतिषत की दर से साधारण ब्याज देय होगा। विवरण पुस्तिका के प्रथम पृश्ठ के कॉलम सं0-क-5 में कहा गया है कि, ’’अवषेश 3/4 धनराषि 24 त्रैमासिक किष्तों में 21 प्रतिषत ब्याज सहित वसूला जायेगा। ब्याज साधारण होगा अथवा चक्रवृद्धि यह विपक्षी की मर्जी पर निर्भर करता है।’’ नगर निगम में अभी भी विपक्षी के पास अनेको भूखण्ड उपलब्ध हैं।          अतः परिवादी को पूर्व की दर पर 72 वर्गमीटर का भूखण्ड  दिलाया जाना 
...............3
...3...

न्यायोचित है। उपरोक्त कारणों से परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया। 
    यद्यपि विपक्षी की ओर से बहस करने हेतु कोई उपस्थित नहीं आया। किन्तु विपक्षी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र के विरूद्ध जवाब दावा व प्रति षपथपत्र व अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। अतः निर्णय में विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये समस्त साक्ष्यों का तथा जवाब दावा का संज्ञान लिया जा रहा है।
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 19.10.2000 को रू0 11000.00 की बैंकर्स चेक के साथ एक अपूर्ण आवेदन प्रस्तुत किया गया था। परिवादी द्वारा एक ही स्कीम में दो फार्म डाले गये और रू0 11000.00 की मात्र एक चेक लगायी गयी थी। इसलिए दो फार्म के साथ मात्र एक आवेदन की चेक धनराषि जमा करने के कारण व अपूर्ण फार्म होने के कारण परिवादी का आवेदन नगर निगम के नियमों के अनुसार विचारण हेतु नहीं लिया गया। परिवादी द्वारा उक्त बैंकर्स चेक प्राप्त करने के सम्बन्ध में जारी मूल रसीद की प्रति विपक्षी के द्वारा मांगने के बावजूद जमा नहीं की गयी। लाटरी की तिथि पर बावजूद सूचना जरिये प्रकाषन परिवादी उपस्थित नहीं आया। परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में अन्यान्य कथन जन सूचना अधिकार से सम्बन्धित किये गये हैं, जिनके निर्णय पारित करने में संज्ञान में लेना न्यायसंगत नहीं है। क्योंकि उनका विचारण फोरम द्वारा नहीं किया जा सकता है। परिवादी स्वयं ही मुकद्मेबाज किस्म का व्यक्ति है। आवंटन प्रक्रिया के अनुसार आवेदक के हक में आवंटन न होने पर जमा धनराषि पर ब्याज देने का कोई प्राविधान नहीं है। परिवादी के द्वारा प्रेशित रिफण्ड प्रार्थनापत्र बावत रू0 11000.00 प्राप्त होने पर विपक्षी के/नगर आयुक्त के आदेषानुसार एक लिखित पत्र सं0-91/प्रापर्टी/ 2013-14 दिनांकित 14.08.13 के साथ परिवादी की मूल चेक दिनांकित 12.08.13 बावत रू0 11000.00 विषेश  वाहक के द्वारा  परिवादी के आवास 
..............4
...4...

पर भेजी गयी, किन्तु वाहक द्वारा ’’लेने से इंकार’’ के रिमार्क के साथ कार्यालय को वापस कर दिया। तत्पष्चात कार्यालय द्वारा स्पीड पोस्ट नं0-ई.यू. 146250869 आई.एन. दिनांकित 17.08.13 के माध्यम से उक्त चेक भेजी गयी, जो कि परिवादी को प्राप्त हुई। किन्तु पुनः अपने अधिवक्ता की नोटिस दिनांकित 20.08.13 के माध्यम से परिवादी द्वारा उक्त चेक प्राप्त करने से इंकार कर दिया गया। इससे स्पश्ट होता है कि परिवादी स्वयं ही प्रष्नगत धनराषि रू0 11000.00 प्राप्त नहीं करना चाहता है और पुनः मुकद्मेबाजी कर रहा है। अतः उपरोक्त कारणों से प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 12.08.13 एवं 05.02.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-12 लगायत् 31 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में मुनीष निगम, जोनल आफीसर जोन-2 का षपथपत्र दिनांकित 09.05.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगायत् 2/4 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी अभिकथित भूखण्डन विपक्षी कानपुर नगर निगम से प्राप्त करने का अधिकारी है?
...............5

...5...

    उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी द्वारा विपक्षी के प्रकाषन के अनुसार विपक्षी के महाबलीपुरम आवासीय योजना में मिनी एल0आई0जी0 में      6.0×12 मीटर =72 वर्गमीटर के भूखण्ड हेतु आवेदन पत्र दिया और रू0 11000.00 दिनांक 19.10.2000 को जमा किया। परिवादी को कोई जमा रसीद नहीं दी गयी। परिवादी को लाटरी ड्रा की कोई जानकारी नहीं दी गयी। परिवादी के पत्र दिनांकित 27.06.01 के बावजूद उसकी जमा धनराषि भी नहीं वापस की गयी और न ही तो उसके पक्ष में याचित भूखण्ड आवंटित किया गया। इसलिए परिवादी याचित भूखण्ड प्राप्त करने का अधिकारी है। विपक्षी के द्वारा परिवादी की ओर से जमा धनराषि स्वीकार की गयी है। किन्तु आवेदन पत्र अपूर्ण होने के कारण आवेदक के हक में आवंटन न किया जाना बताया गया है। विपक्षी के अनुसार परिवादी के पक्ष में याचित स्कीम के अंतर्गत भूखण्ड आवंटित न होने पर नगर आयुक्त के आदेषानुसार पत्र सं0-91/प्रापर्टी/2013-14 दिनांकित 14.08.13 के साथ परिवादी की मूल चेक दिनांकित 12.08.13, विषेश वाहक के द्वारा परिवादी के आवास पर भेजी गयी, किन्तु परिवादी द्वारा लेने से इंकार कर दिया गया। तदोपरान्त जरिये स्पीड पोस्ट नं0-ई.यू. 146250869 आई.एन. दिनांकित 17.08.13 के माध्यम से उक्त चेक भेजी गयी, जो कि परिवादी को प्राप्त हुई। किन्तु पुनः अपने अधिवक्ता की नोटिस दिनांकित 20.08.13 के माध्यम से परिवादी द्वारा उक्त चेक प्राप्त करने से इंकार किया गया। उभयपक्षों के द्वारा अपने-अपने कथन के समर्थन में षपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी द्वारा अपने कथन के समर्थन में अभिकथित चेक को जरिये स्पीड पोस्ट भेजने से सम्बन्धित पत्र सं0-डी/91/सम्पत्ति/2013-14 दिनांकित 14.08.13 की प्रति प्रस्तुत की गयी है। किन्तु तामील कुलिन्दा की रिपोर्ट लेने से इंकार से सम्बन्धित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिससे विपक्षी का यह कथन सिद्ध नहीं होता है कि विपक्षी के द्वारा परिवादी की प्रष्नगत चेक जरिये विषेश वाहक भेजी गयी है। विपक्षी की ओर से जरिये स्पीड पोस्ट प्रष्नगत चेक 
..............6
...6...

भेजने से सम्बन्धित पत्र सं0-डी/91/सम्पत्ति/2013-14 दिनांकित 14.08.13 मय रजिस्ट्री रसीद प्रस्तुत की गयी है। जिससे यह सिद्ध होता है कि दिनांक 14.08.13 को उक्त चेक परिवादी को प्रेशित की गयी है। किन्तु विपक्षी की ओर से प्रस्तुत उपरोक्त साक्ष्य से यह सिद्ध नहीं होता है। उपरोक्त रजिस्ट्री पत्र में रहा हो। जबकि परिवादी द्वारा उक्त चेक प्राप्त करने से जरिये विधिक नोटिस इंकार किया गया है। इन परिस्थितियों में यह अवधारणा बनती है कि विपक्षी द्वारा प्रष्नगत चेक बावत रू0 11000.00 परिवादी को उपलब्ध नहीं करायी गयी। किन्तु, चूॅकि परिवादी को लाटरी ड्रा में याचित स्कीम के अंतर्गत कोई प्लाट आवंटित नहीं हुआ है और परिवादी द्वारा कोई ऐसा कारण नहीं बताया गया है कि लाटरी ड्रा में परिवादी का नाम न आने के बावजूद, विपक्षी किस आधार पर उसे याचित स्कीम के अंतर्गत प्लाट देवे। इसलिए फोरम इस मत का है कि परिवादी मात्र पंजीकरण षुल्क जमा कर देने से याचित स्कीम के अंतर्गत कोई प्लाट प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। 
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से उसके द्वारा जमा की गयी धनराषि रू0 11000.00 लाटरी ड्रा की तिथि के एक माह के पष्चात से मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से तायूम वसूली तक व रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिये स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, रू0 11,000.00 लाटरी ड्रा की तिथि 
.............7
...7...

के एक माह के पष्चात से मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।

  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Sudha Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.