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Laxmi Narayan Meena filed a consumer case on 08 Oct 2015 against Nagar Fertilizer & Chemical in the Kota Consumer Court. The case no is CC/429/2008 and the judgment uploaded on 09 Oct 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा (राज)।
पीठासीन अधिकारी:- श्री नन्द लाल षर्मा,अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।
प्रकरण संख्या-429/2008
लक्ष्मीनारायण पुत्र श्री अमर लाल मीणा,निवासी-हिंगोनिया तहसील सांगोद जिला कोटा (राज0)।
-परिवादी।
बनाम
1 नागर फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल्स, सांगोद रोड,कनवास जिला कोटा (राज0)।
2 यूनाइटेड फासफोस लिमिटेड,पंजीकृत कार्यालय 3.11ळएप्क्ब् वापी जिला वापी (गुजरात)।
-विपक्षीगण।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 श्री केसरी लाल बैरवा,अधिवक्ता ओर से परिवादी।
2 श्री भारत सिंह अड़सेेला,अधिवक्ता ओर से विपक्षीगण।
निर्णय दिनांक 08.10.2015
प्रस्तुत परिवाद जिला मंच,कोटा में पेष हुआ तथा निस्तारण हेतु जिला मंच झालावाड केम्प कोटा को प्राप्त हुआ है।
प्रस्तुत परिवाद ब्च् ।बज 1986 की धारा 12 के तहत परिवादी ने दिनांक 24.10.2008 को इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि उसका ग्राम हिंगोनिया में खाता नंबर 184 पर 1.42 हेक्टेयर भूमि स्थित है जिसमें परिवादी का आधा हिस्सा है। इसके अलावा परिवादी ने मंदिर श्रीनाथ जी की भूमि ग्राम हिंगोनिया में खाता नंबर 181 की 6 बीघा यानि 0.96 हेक्टेयर भूमि मुनाफा काष्त पर ली थी,खसरा नंबर 153 की 0.32 हेक्टेयर भूमि मुनाफा पर प्राप्त की थी। परिवादी की व मुनाफे पर ली हुई भूमि को वह तथा उसका पुत्र सत्य नारायण काष्त करता है। परिवादी ने इस भूमि पर इस वर्श
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सोयाबीन की फसल बोई थी तथा फसल को कीटों से सुरक्षा हेतु कीटनाषक दवाईयों का छिड़काव करने के लिए अपने पुत्र सत्यनारायण कोे विपक्षी-1 की दूकान पर भेजा और जरिये बिल 679 दिनांक 17-08-2006 को विपक्षी-2 कम्पनी की औशधि ट्राइजोफोस जोस जिसका लोट बेच नंबर थ्म्त्श्र 54001 दिनांक 17-06-2010 एक्सपायरी अवधि वजनी दो नग व दो नग है को 1,540/-रूपये में क्रय किया और औशधि को दिये गये निर्देषानुसार छिड़काव किया लेकिन 17 बीघा सोयाबीन की फसल में फूल व फल नहीं आये और फसल नश्ट हो गई। परिवादी के खेत के अड़वां ही काष्तकारों ने भी सोयोबीन की फसल बोयी थी लेकिन उनके द्वारा कीटनाषक दवाई नहीं छिड़की गई और उनकी अच्छी सोयाबीन की फसल हुई। परिवादी विपक्षी-1 से व्यक्तिगत रूप से जाकर मिला और उससे क्षतिपूर्ति राषि अदा करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कोई संतोशप्रद जवाब नहीं दिया। तत्पष्चात् परिवादी ने जरिये अधिवक्ता दिनंाक 23-09-2008 को पंजीकृत डाक से नोटिस भिजवाया जो उनको प्राप्त हो गया किन्तु उन्होंने परिवादी को क्षतिपूर्ति राषि अदा नहीं की है और सेवामें कमी की है। परिवादी ने विपक्षीगण से कुल नुकसान के पेटे 1,79,220/-रूपये क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का अनुतोश चाहा है।
विपक्षीगण ने संयुक्त रूप से दिये गये जवाब में दवाई विक्रय किया जाना स्वीकार किया है तथा षेश तथ्यों से इन्कार करते हुए कथन किया है कि परिवादी उनका उपभोक्ता नहीं है तथा पादपवृद्धि व फसल उत्पादन कई कारकों का मिलाजुला योग होता है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि उक्त उत्पाद को प्रयोग में लाने से उक्त हानि हुई है। विषेश कथनों में उल्लेख किया है कि जोष (ट्रईजोफोष) एक संपर्क कीटनाषी है जो पौधे पर जाकर फसल के कीटों को मारता है न कि पौधे की वृद्धि व फलाव को रोकता है। परिवादी ने इस प्रकरण में न तो मिट्टी का परीक्षण करवाया है और न ही दवा का उचित तरीके से इस्तेमाल किया गया है इसलिए सारे कारकों में से कौन से कारक की कमी के द्वारा फसल में फूल व फलियां नहीं बनी, यह निष्चित् तौर पर नहीं कहा जा सकता है। पत्रावली पर ऐसा कोई दस्तावेज या कृशि वैज्ञानिक या कृशि पर्यवेक्षक की सर्वे रिपोर्ट या उक्त उत्पाद ट्राईजोफोष की रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट
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मौजूद नहीं है जिसके अभाव में परिवादी कोई अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। अतः परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने की प्रार्थना की है।
परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का षपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.7 दस्तावेजात तथा विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, जनरल मैनेजर का षपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-
1 क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी का परिवाद,षपथ-पत्र तथा प्रस्तुत दस्तावेजात के आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता प्रमाणित पाया जाता है।
2 क्या विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है ?
उभयपक्षों की बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया। जहाँ तक परिवादी का यह तर्क है कि कीटनाशक की बजह से सोयाबीन की फसल में फल व फूल नहीं आये परन्तु यह कीटनाशक दवाई कीटों को मारती है और स्प्रे करने के सही तरीके से यदि इस कीटनाशक को स्प्रे किया जाये तो कीटों का असर फसल पर कम होता है और फसल, उसकी वृद्धि,फल और फूल रासायनिक,जैविक और भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। कीटनाशक का उपयोग करने से फसल की वृद्धि और उत्पादन में कोई फर्क नहीं पड़ता सिर्फ कीटों की रोकथाम होती है और रोकथाम के लिए भी स्प्रे करने का सही तरीका होना चाहिए। इसके अलावा परिवादी ने किसी विशेषज्ञ या विभागीय अधिकारियों की कोई रिपोर्ट भी पेश नहीं की है इसलिए हमारे विचार से परिवादी की फसल में नुकसान मात्र आरोपित कीटनाशक दवाई से हुआ हो यह प्रमाणित नहीं है। परिणामतः विपक्षीगण का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं पाया जाता है।
अनुतोश ?
परिवाद खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना अपना खर्चा वहन करेंगे।
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आदेष
परिणामतः परिवाद परिवादी लक्ष्मीनारायण खारिज किया जाता है। प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृश्टिगत रखते हुए पक्षकारान अपना अपना खर्चा वहन करेंगे।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनंाक 08.10.2015को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
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