Uttar Pradesh

StateCommission

A/1986/2014

UPPCL - Complainant(s)

Versus

Nabi Ahmad - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

07 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1986/2014
( Date of Filing : 29 Sep 2014 )
(Arisen out of Order Dated 27/08/2014 in Case No. C/73/2011 of District Rampur)
 
1. UPPCL
Rampur
...........Appellant(s)
Versus
1. Nabi Ahmad
Rampur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Feb 2023
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1986/2014

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-73/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.08.2014 के विरूद्ध)

                                    

अधिशासी अभियन्‍ता, विद्युत वितरण खण्‍ड IInd, रामपुर।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

                                               बनाम        

1.    नबी अहमद पुत्र नजीर अहमद, निवासी ग्राम सितौरा, तहसील बिलासपुर, जिला रामपुर।

2.    तहसीलदार, तहसील बिलासपुर, जिला रामपुर।

       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान

                                                     अधिवक्‍ता के सहायक अधिवक्‍ता

                                                      श्री मनोज कुमार।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित       : कोई नहीं।

दिनांक:  13.03.2023   

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-73/2011, नबी अहमद बनाम अधिशासी अभियन्‍ता, विद्युत वितरण खण्‍ड तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, रामपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.08.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.         विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विद्युत कनेक्‍शन संख्‍या-067843 के लिए जारी किए गए विवादित बिल को निरस्‍त कर दिया है।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा दिनांक 09.07.1998 को अंकन 752/-रू0 जमा कर विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त किया गया था, किंतु कनेक्‍शन लेने के बावजूद विद्युत आपूर्ति प्रारम्‍भ नहीं की गई और न ही विद्युत पोल लगाए गए। दिनांक 27.12.2010 को तहसीलदार, तहसील बिलासपुर, जिला रामपुर परिवादी के घर पहुँचे और वसूली प्रमाण पत्र जारी होना बताया। विद्युत विभाग द्वारा वसूली प्रमाण पत्र वापस लेने से इंकार कर दिया गया। परिवादी ने विद्युत विभाग को इस संबंध में नोटिस भी दिए, किंतु नोटिस का जवाब नहीं दिया गया, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.         विद्युत विभाग का कथन है कि दिनांक 18.04.1994 को कनेक्‍शन जारी किया गया था, यह कनेक्‍शन कटिया नियमित योजना के अंतर्गत जारी किया गया था। ग्राम सितौरा वर्ष 1994 से पूर्ण रूप से ऊर्जीकृत है तथा विद्युत लाइन चालू है, परन्‍तु परिवादी ने विद्युत बिल जमा नहीं किए, इसलिए वसूली प्रमाण पत्र जिला कलैक्‍टर, रामपुर को जारी किया गया। 

5.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के सहायक अधिवक्‍ता उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थीगण पर्याप्‍त तामील के बावजूद उपस्थित नहीं हुए। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के सहायक अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि विद्युत कनेक्‍शन कटिया नियमित योजना के तहत जारी किया गया था, परन्‍तु कभी भी विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया गया। मोहम्‍मद यासीन, अवर अभियंता द्वारा सशपथ बयान दिया गया कि परिवादी के विरूद्ध अंकन 29,753/-रू0 बकाया हैं। मोहम्‍मद यासीन, अवसर अभियंता द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया था और यह पाया था कि मेरे जाने के बाद नबी अहमद ने केबिल उतार दिया था, इनके घर में विद्यत की झालर पड़ी थी और वह लगातार विद्युत का उपयोग कर रहा था। यह निरीक्षण रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद है। अधिवक्‍ता कमीश्‍नर रिपोर्ट में भी यह उल्‍लेख है कि विद्युत के तीन फेस लाइन मौजूद हैं। सीमेंट के खंभे भी खड़े हुए हैं। यद्यपि कमीश्‍नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि परिवादी के यहां विद्युत आपूर्ति या कनेक्‍शन नहीं पाया गया। विद्युत खंभे 25 मीटर की दूरी पर हैं, परंतु दूसरी ओर अवर अभियन्‍ता द्वारा परिवादी को बिजली का उपयोग करता हुआ खुद मौके पर पाया गया। फिर यह भी की वसूली प्रमाण पत्र को रद्द करने का अधिकार विद्वान जिला आयोग में निहित नहीं है। अत: स्‍पष्‍ट है कि विद्वान जिला आयोग ने विधि विरूद्ध निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है। प्रस्‍तुत अपील तदनुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.         प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.08.2014 अपास्‍त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

   (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

    सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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