Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/1090

Swapnil Raj Agro Chemical Corporation - Complainant(s)

Versus

N I Co - Opp.Party(s)

Alok Ranjan

16 Nov 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/1090
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Swapnil Raj Agro Chemical Corporation
a
...........Appellant(s)
Versus
1. N I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 16 Nov 2016
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या 101/2003 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं  आदेश दिनांक 25.05.2005  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 1090 सन 2005

मै0 स्‍वप्निल राज एग्रो केमिकल इण्‍टरप्राइजेज लि0 साइट नम्‍बर 01, कानपुर लखनऊ इण्‍डस्ट्रियल एरिया, लखनऊ रोडवेज वर्कशाप रोड, गजौली, उन्‍नाव रजि0पता 183, मोतीनगर,उन्‍नाव ।                                     .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

बनाम

       

दि0 नेशनल इंश्‍योरेंस कं0 लि0 गुमटी नम्‍बर 05, चमन लाल मार्केट, कानपुर द्वारा ब्रांच मैनेजर  एवं अन्‍य                               . .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

मा0  श्री  आर0सी0 चौधरी,  पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री आलोक रंजन ।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  - श्री नीरज पालीवाल ।

 

दिनांक: 04.01.2017    

 

श्री आर0सी0 चौधरी,  पीठासीन  सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या 101/2003 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.05.2005  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने स्‍वत: रोजगार एवं जीविकोपार्जन हेतु भूमि संख्‍या 285‍ स्थित ग्राम गजौली उन्‍नाव में एक डवल मस्‍टर्ड आयल की स्‍था‍पना की जिसका बीमा कम्‍पनी की ओर से राष्‍ट्रीय लघु उद्योग नि0 लि0 ने नेशनल इंश्‍योरेंस कं0 से पालिसी संख्‍या 75000591 के अन्‍तर्गत कराया जो दिनांक 01.04.2002 से 31.03.2003 तक की अवधि हेतु वैध एवं प्रभावी था।  परिवादी कम्‍पनी की फैक्‍ट्री में दो बार चोरी हो चुकी थी जिसमें एक भी रूपये के क्‍लेम का भुगतान बीमा कम्‍पनी द्वारा नहीं किया गया था जिसकी वजह से परिवादी की फैक्‍ट्री सितम्‍बर, 2001 से बन्‍द भी तथा दिसम्‍बर, 2001 फैक्‍ट्री की बिजली भी कट गयी थी। कम्‍पनी के प्रबन्‍ध निदेशक रोजाना सुबह शाम फैक्‍ट्री का मुआयना करते थे। दिनांक 17.07.2002 की शाम को जब वह फैक्‍ट्री गए तो पाया कि चोर फैक्‍ट्री के पश्चिम गेट के नीचे से काफी चौड़ी व गहरी सेंध लगाकर फिल्‍टर प्‍लांट की सारी कास्‍ट आयरन की प्‍लेट्स व पम्‍प चोर चोरी करके ले गये थे। परिवादी ने इसकी सूचना थाने में दी जो काफी प्रयास के बाद लिखी गयी जिसमें पुलिस द्वारा विवेचना की गयी और चोरों की तलाश न कर पाने के कारण अंतिम रिपोर्ट लगा दी। परिवादी ने समस्‍त औपचारिकतायें पूर्ण करके क्‍लेम प्रस्‍तुत किया लेकिन बीमा कम्‍पनी द्वारा क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया गया, अत: परिवादी द्वारा जिला मंच के समक्ष परिवाद दाखिल किया गया  लेकिन जिला मंच ने यह निष्‍कर्ष निकालते हुए परिवादी का परिवाद खारिज कर दिया कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत व्‍यक्ति की परिभाषा में कम्‍पनी शामिल नहीं है तदनुरूप परिवादी कम्‍पनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नही आती है और परिवादी का परिवाद सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किए जाने हेतु वापस कर दिया, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा यह अपील योजित की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है । कम्‍पनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में आती है जिला मंच को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार था लेकिन जिला मंच ने समस्‍त तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस सुनी एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेखों का भलीभांति परिशीलन किया ।

पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि इस प्रकरण में जिला मंच ने यह निष्‍कर्ष निकालते हुए परिवादी का परिवाद खारिज कर दिया कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत व्‍यक्ति की परिभाषा में कम्‍पनी शामिल नहीं है तदनुरूप परिवादी कम्‍पनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नही आती है। इस संबंध में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि कम्‍पनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में आती है। इस संबंध में उनके द्वारा विधि व्‍यवस्‍थाओं का भी उल्‍लेख किया गया।  अपीलार्थी के इस तर्क के खण्‍डन में प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने कोई असहमति व्‍यक्‍त नहीं की। अत: हमारी राय में प्रस्‍तुत प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है कि वे दोनो पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर निर्णय करना सुनिश्चित करें। तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।    

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा प्रस्‍तुत प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वे दोनो पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर निर्णय करना यथाशीघ्र सुनिश्चित करें। उभय पक्ष जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव के समक्ष इस केस के निस्‍तारण हेतु दिनांक 10.03.2017 को उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

 

 

 (आर0सी0 चौधरी)                                    (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                                                  सदस्‍य

      कोर्ट-3

(S.K.Srivastav,PA)

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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